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बजट और मेरा दृष्टिकोण

बजट और मेरा दृष्टिकोण

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    मैं एक उदाहरण देना चाहता हूं, मैं जब अपने मां के गर्भ में था यदि उस समय मेरी मां को दूध, मक्खन, घी, मछली मांस, अंडा, ड्राई फ्रूट, फल, सब्जी भरपेट खाने को मिला होता तो शायद आज मेरा रंग रूप दूसरा हुआ होता। मैं उस मां के पेट से जन्म लेकर आया हूं जिसको भरपेट भोजन नहीं मिला, वह आधे पेट खाकर सोती थी, कभी-कभी मां के पेट में भी मुझे भूखा रहना पड़ता था। आपने कभी इस पर सोचा, आपके दिल में कभी दर्द हुआ, हम जेल में जाते थे तो गाते थे, धनवानों के राजमहल हम गरीब को फांसीघर चलो बसाएं नया नगर। मैं भी नरेन्द्र मोदी जी को धन्यवाद देना चाहता हूं, उन्होंने उस मां के दर्द को समझा और गर्भवती महिलाओं को छह हजार रूपये भोजन के लिए दिए। हिन्दी भाषी इलाके के लोग जो पिछड़े हैं, दलित हैं, गरीब हैं, मजदूर हैं, किसान हैं और गांव की झोपड़ी में रहने वाले हों, अपनी-अपनी माताओं तक यह संदेश पहुंचा...
विरोध से और मजबूत होंगे ट्रंप!

विरोध से और मजबूत होंगे ट्रंप!

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  अमेरिकी प्रेजिडेंट डॉनल्ड ट्रंप अति-पूर्वाग्रह का शिकार हो रहे हैं? ट्रंप पर उनके विरोधी और लिबरल ताकतें जानबूझकर लगातार हमले कर रहे हैं? वाकई ट्रंप ऐसा कदम उठाएंगे जो अमेरिका के लिए आत्मघाती होगी? क्या ट्रंप ने 20 जनवरी को प्रेजिडेंट पद संभालने के बाद वास्तव में ऐसा कर दिया कि पूरी दुनिया को उनसे खतरा हो गया या ऐसा माहौल बनाने की कोशिश हो रही है? ट्रंप से जुड़े तमाम विवादों के बीच अब ये काउंटर क्वेश्चन भी सामने आ रहे हैं। ट्रंप के सपोर्टर अब उनके पक्ष में आ रहे हैं और बता रहे हैं कि किस तरह तिल का ताड़ बनाया जा रहा है और नए प्रेजिडेंट को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। वहीं जानकार मानते हैं कि अगर ट्रंप पर एकतरफा हमले जारी रहे तो इससे उन्हें राजनीतिक नुकसान से अधिक फायदा ही होगा और अंत में लिबरल ताकतों को ही नुकसान उठाना पड़ सकता है। एनबीटी ने जब ट्रंप से जुड़े विवादों के दू...
सभ्यता, संस्कृति एवं संरक्षण : सांस्कृतिक संध्या एवं परिचर्चा

सभ्यता, संस्कृति एवं संरक्षण : सांस्कृतिक संध्या एवं परिचर्चा

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सभ्यता और संस्कृति पर मंडरा रहे विदेशी हस्तक्षेप और बाज़ार के हस्तक्षेप के खतरों पर एक सफल कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली में मैथिली भाषा और संस्कृति के लिए संघर्षरत गैरसरकारी संगठन दीपक फाउंडेशन के द्वारा दिनांक 19 फरवरी 2017 को नई दिल्ली के कॉन्स्टीट्युशनल क्लब के मावलंकर हॉल में किया गया। इस कार्यक्रम में डायलॉग इंडिया और ओपन कोर्ट सहित कई अन्य संस्थान भी सम्मिलित थे। कार्यक्रम का शीर्षक था सभ्यता, संस्कृति एवं संरक्षण। कार्यक्रम की शुरुआत कार्यक्रम के शीर्षक के अनुसार ही हुई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों के आगमन तक दर्शकों के सम्मुख नृत्यांगना अनु सिन्हा के नृत्य समूह ने गणेश वन्दना एवं शिव वंदना प्रस्तुत की। इस वंदना ने कार्यक्रम में जहां एक तरफ दर्शकों को मुख्य अतिथि के आने तक बांधे रखा वहीं उन्होंने अपनी संस्कृति के सबसे प्राचीन रूप के भी दर्शन कराए। जब नन्हे नन्हे कदम इस तरह सधे और आ...
आपसी खींचतान से अस्थिर तमिलनाडु

आपसी खींचतान से अस्थिर तमिलनाडु

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जब जयललिता की मृत्यु हुयी थी तभी इस बात की आशंका व्यक्त होने लगी थी कि क्या अब उनके उत्तराधिकारी पांच साल सरकार चला पाएंगे? 2016 में हुये विधानसभा चुनावों में तमिलनाडु की जनता ने जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके को पूर्ण बहुमत दिया था। जयललिता सिर्फ छह माह ही इस सरकार का नेतृत्व कर पाईं। उनके उत्तराधिकारी के रूप में पनीरसेलवम का चुना जाना उनकी करीबी शशिकला को पसंद नहीं आया। सिर्फ दो माह में ही तमिलनाडु में इस तरह का घटनाक्रम पैदा कर दिया गया जिसमें शशिकला को जेल जाना पड़ा और पनीरसेल्वम मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाये जा चुके हैं। तमिलनाडु की राजनीति पर पैनी नजऱ रखते हुये विशेष संवाददाता अमित त्यागी पूरे घटनाक्रम पर प्रकाश डाल रहे हैं। मिलनाडु की राजनीति एक लंबे समय से क्षेत्रीय दलों के बीच सिमटी हुयी है। वर्तमान में करुणानिधि की डीएमके और जयललिता की एआईएडीएमके दो ऐसे दल हैं जिन्होंने सत्ता क...
क्या देवबंद मदरसा आतंकवाद का अड्डा है

क्या देवबंद मदरसा आतंकवाद का अड्डा है

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यह शीर्षक पढ़ कर कट्टरपंथी मुल्ला आक्रोशित अवश्य होंगे पर "देवबंद मदरसा है आतंकवाद का अड्डा" शीर्षक से सच्चाई लिखने वाले कोई और नहीं प्रसिद्ध इस्लामिक विद्वान व लेखक श्री मुजफ्फर हुसैन है। इनके उपरोक्त शीर्षक से लिखे तथ्यपरक लेख को दिल्ली से प्रकाशित होने वाले हिंदी साप्ताहिक 'पाञ्चजन्य' ने 15 फरवरी 2009 को प्रकाशित किया था। आज इसकी चर्चा का अवसर क्यों आया यह भी जानना आवश्यक है। अमरीका की राजधानी वाशिंगटन के 'यू एस कैपिटोल'  में दिल्ली के थिंक टैंक कहे जाने वाली संस्था "विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन" द्वारा 2 मार्च को आयोजित एक कार्यक्रम में वहां के एक प्रभावशाली सांसद एड रॉयस ने अपने स्पष्ट विचार व्यक्त किये। उन्होंने जिहाद को नियंत्रित करने के लिये पाकिस्तान को परामर्श देते हुए कहा कि " पाकिस्तान को अपने यहां चल रहे  देवबंदी मदरसों को बंद करने के लिऐ गंभीरता से सोचना चाहिये । उनके अनुसार ...
डिजिटल भुगतान की अनिवार्यता के सबब

डिजिटल भुगतान की अनिवार्यता के सबब

TOP STORIES, आर्थिक
विमुद्रीकरण के बाद डिजिटल भुगतान प्रणाली और कैशलेस अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का लोगों ने स्वागत किया है। लेकिन डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए महीने में चार बार से अधिक नकदी लेन-देन पर शुल्क की व्यवस्था जनता की परेशानियां बढ़ायेगा, उन पर अतिरिक्त बोझ पडे़गा। इस व्यवस्था के अन्तर्गत बैंकों ने अपने-अपने ढंग से शुल्क वसूलना शुरू कर दिया है। जिसके विरोध में विभिन्न स्तरों पर स्वर भी उठने लगे हैं। डिजिटल भुगतान की अनिवार्यता लागू करने से पहले अबाध डिजिटल गेटवे को सुनिश्चित करना ज्यादा जरूरी है। अन्यथा नकदी पर नकेल कसने की जबरन थोपी गयी यह व्यवस्था ज्यादती ही कही जायेगी। इससे न केवल आम जनता की बल्कि व्यापारियों की समस्याएं बढ़ेगी। कहीं ऐसा तो नहीं कि नोटबंदी की नाकामी को ढं़कने के लिये डिजिटल भुगतान की अनिवार्यता का सहारा लिया जा रहा है, यह सरकार की...
देह के बाद अनुपम

देह के बाद अनुपम

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जब देह थी, तब अनुपम नहीं; अब देह नहीं, पर अनुपम हैं। आप इसे मेरा निकटदृष्टि दोष कहें या दूरदृष्टि दोष; जब तक अनुपम जी की देह थी, तब तक मैं उनमें अन्य कुछ अनुपम न देख सका, सिवाय नये मुहावरे गढ़ने वाली उनकी शब्दावली, गूढ से गूढ़ विषय को कहानी की तरह पेश करने की उनकी महारत और चीजों को सहेजकर सुरुचिपूर्ण ढंग से रखने की उनकी कला के। डाक के लिफाफों से निकाली बेकार गांधी टिकटों को एक साथ चिपकाकर कलाकृति का आकार देने की उनकी कला ने उनके जीते-जी ही मुझसे आकर्षित किया। दूसरों को असहज बना दे, ऐसे अति विनम्र अनुपम व्यवहार को भी मैने उनकी देह में ही देखा। कुर्सियां खाली हों, तो भी गांधी शांति प्रतिष्ठान के अपने कार्यक्रमों में हाथ बांधे एक कोने खडे़ रहना; कुर्सी पर बैठे हों, तो आगन्तुक को देखते ही कुर्सी खाली कर देना। किसी के साथ खडे़-खड़े ही लंबी बात कर लेना और फुर्सत में हांे, तो भी किसी के मुंह से ब...
Rajiv Gandhi Trust land grab ghotala — Shalini Singh wonders why NDA…

Rajiv Gandhi Trust land grab ghotala — Shalini Singh wonders why NDA…

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If Congress vice-president Rahul Gandhi is guilty of crying wolf over instances of alleged "personal corruption" by Prime Minister Narendra Modi and dilly-dallying over producing "concrete evidence", the latter is perhaps guilty of the reverse: sitting on substantial ammunition already available against the Gandhi family. A case in point is the allotment of prime panchayat land to the Rajiv Gandhi Charitable Trust (RGCT) in Haryana during the chief ministership of Congressman Bhupinder Singh Hooda. The five-acre prime property on the Gurgaon-Faridabad highway – a real estate gold mine – was allotted to the trust for constructing an eye hospital for the poor. The RGCT is headed by Congress president Sonia Gandhi. Manoj Muttu is the trustee/administrator, while the other trustees inclu...
SCIENTIFIC REASON BEHIND HINDU TRADITION

SCIENTIFIC REASON BEHIND HINDU TRADITION

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Joining Both Palms Together To Greet In Hindu culture, people greet each other by joining their palms – termed as “Namaskar.” The general reason behind this tradition is that greeting by joining both the palms means respect. However, scientifically speaking, joining both hands ensures joining the tips of all the fingers together; which are denoted to the pressure points of eyes, ears, and mind. Pressing them together is said to activate the pressure points which helps us remember that person for a long time. And, no germs since we don’t make any physical contact!   2. Why Do Indian Women Wear Toe Ring image courtesy Wearing toe rings is not just the significance of married women but there is science behind it. Normally toe rings are worn on the second toe. A particular nerve f...
Eight anti-India intellectuals and academics you must be aware of

Eight anti-India intellectuals and academics you must be aware of

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1. Angana Chatterji Books: Violent Gods: Hindu Nationalism in India’s Present; Narratives from Orissa Land and Justice: The Struggle for Cultural Survival in Orissa Pronouncements:  In Gujarat, Hindu extremists killed 2,000 people in February-March of 2002. Muslims live in fear there, victims of pathological violence. Raped, lynched, torched, ghettoised. A year and half later, Muslims in Gujarat are afraid to return to their villages, many still flee from town to town. Ghosts haunted by history. Country, community, police, courts — institutions of betrayal that broker their destitution. This is India today. Grassroots movements in resistance to the debacle of nation making are combating the sangh. Where Dalits, Adivasis and others are allied in subalt...