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नए वैश्विक आर्थिक अवसरों को भुनाना होगा

नए वैश्विक आर्थिक अवसरों को भुनाना होगा

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, विश्लेषण
आज जब दुनिया इजराइल-हमास युद्ध, बढ़ती तेल कीमतों और गिरती वैश्विक विकास दर की चुनौतियों का सामना कर रही है, तब विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षणों और रिपोर्टों में भारत की आर्थिकी की आशावादी तस्वीर उभरकर आना सुकूनदेह लगता है। हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के उपभोक्ताओं और कारोबारों के बारे में जो सर्वेक्षण प्रकाशित किया है, उसके निष्कर्षों में कारोबारी और वित्तीय विचार भारत में व्यापक तौर पर आर्थिक विस्तार को लेकर आशाजनक रुख दिखाते हैं। इस सर्वेक्षण में कहा गया है कि देश में खुदरा महंगाई में कमी आ रही है, औद्योगिक उत्पादन बढ़ रहा है, बेरोजगारी में कमी आई है, कर राजस्व में सुधार हुआ है। जहां रोजगार की स्थिति में सुधार हुआ है, वहीं स्वरोजगार को अपनाने वालों की तादाद तेजी से बढ़ी है। बैंक ऋण में अच्छी वृद्धि के मद्देनजर सबसे अधिक वृद्धि खुदरा और व्यक्तिगत ऋण में हुई है।...
<strong>लौहपुरुष एवं भारत के बिस्मार्क थे सरदार पटेल</strong>

लौहपुरुष एवं भारत के बिस्मार्क थे सरदार पटेल

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
सरदार वल्लभभाई पटेल की 148वीं जन्म जयन्ती, 31 अक्टूबर, 2023लौहपुरुष एवं भारत के बिस्मार्क थे सरदार पटेल-ललित गर्ग - अदम्य उत्साह, असीम शक्ति एवं कर्मठता से नवजात भारत गणराज्य की प्रारम्भिक कठिनाइयों का समाधान कर विश्व के राजनीतिक मानचित्र पर एक अमिट आलेख लिखने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल को भारत के लौह पुरुष के रूप में जाना जाता है। राष्ट्रीय आंदोलन से लेकर आज़ादी के बाद भी, सरदार पटेल का योगदान अविस्मरणीय है। महात्मा गांधी ने उन्हें सरदार की उपाधि दी थी। उनकी अखण्ड भारत को लेकर जितनी बड़ी कल्पनाएं थी, जितने बड़े सपने थे, उसी के अनुरूप लक्ष्य बनाये और उतने ही महत्वपूर्ण कार्य सफलतापूर्वक किये। इसलिये उन्हें भारत के बिस्मार्क के रूप में भी जाना जाता है। भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन एवं आजादी के बाद आधुनिक भारत को वैचारिक एवं क्रियात्मक रूप में एक नई दिशा देने, 562 रियासतों का एकीकरण कर संगठित...
डॉक्टरों पर हमला करने वालों को भेजो जेल

डॉक्टरों पर हमला करने वालों को भेजो जेल

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
आर.के. सिन्हा पिछले दिनों राजधानी में सैकड़ों डॉक्टर राजघाट पर एकत्र हुए। ये वही डॉक्टर हैं, जो जानलेवा कोरोना की दूसरी लहर के समय भगवान के दूत बनकर रोगियों का इलाज कर रहे थे। लेकिन, अब ये डरे-सहमे हुए हैं। इनकी डर की वजह यह है कि इन पर होने वाले हमलों और दुर्व्यवहार के मामलों की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हो रही है । केन्द्र सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि वो तुरंत ही कोई सख्त कानून लेकर आए ताकि डॉक्टर बिना किसी भय भाव के काम सकें। फिलहाल तो डॉक्टरों पर हमले लगातार बढ़ते ही चले जा रहे हैं। आप स्वयं गूगल करके देख लें। आपको डॉक्टरों पर हमलों के अनगिनत मामले मिलेंगे। बेशक, डाक्टरों के साथ बदतमीजी या मारपीट करना किसी भी सभ्य समाज में सही नहीं माना जा सकता। इसकी भरपूर निंदा तो होनी ही चाहिए और जो इस तरह की अक्षम्य हरकतें करते हैं, उन्हें कठोर दंड भी मिलना चाहिए। ...
सोशल मीडिया के ये स्याह पहलु

सोशल मीडिया के ये स्याह पहलु

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, साहित्य संवाद
सोशल मीडिया के नशे को नियंत्रित करने व बड़ी तकनीकी कंपनियों को जवाबदेह बनाने की मांग भारत समेत पूरी दुनिया में उठ रही है। मानसिक स्वास्थ्य को लेकर विश्व्व्यापी चिंताये आकार लेने लगी हैं। भारत में भी सोशल मीडिया के नशे के युवाओं के सिर चढ़कर बोलने पर गाहे-बगाहे चिंता जतायी जाती है। इसकी वजह से जहां एक ओर उनकी एकाग्रता भंग होती है, वहीं मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी चिंताएं भी परेशान करने वाली हैं। देश में कई ऐसे मामले खबरों की सुर्खियां बने हैं, जब इस लत से रोकने वाले अभिभावकों पर किशोरों द्वारा प्राणघातक हमले किये गये। अब सोशल मीडिया के स्रोत संयुक्त राज्य अमेरिका के दर्जनों राज्यों ने युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य को कथित रूप से नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाकर फेसबुक व इंस्टाग्राम की स्वामित्व वाली कंपनी मेटा पर मुकदमें दर्ज कराये हैं। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि एक नशे की लत के रूप ...
नोएडा सिटीजन फॉर्म

नोएडा सिटीजन फॉर्म

TOP STORIES, प्रेस विज्ञप्ति, विश्लेषण
री प्रशांत त्यागी जी अध्यक्ष सैक्टर 49 नोएडा द्वारा यह मुद्दे नोएडा सिटीजन फॉर्म* की ओर से लिखकर भेजे गए हैं जो फोनरवा चुनाव से संबंधित है। नोएडा शहर की बेहतरीन के लिए यह सभी बिंदु बेमिसाल, इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए ही फोनरवा अध्यक्ष और सेक्रेटरी जनरल प्रत्याशी का चुनाव होने चाहिए। यदि नोएडा शहर का समूचा विकास चाहते हैं तो फोनरवा चुनाव के लिए इन सभी बिंदु के मध्य नजर प्रत्याशियों की जवाब दे ही तय होनी चाहिए। *श्री प्रशांत त्यागी द्वारा लिखा गया संकल्प पत्र इस प्रकार है।* फोनरवा चुनाव में भाग ले रहे सभी पैनलों से "नौएडा सिटीजन फोरम" ने अपने घोषणा पत्रों में शामिल किए जाने के लिए सामूहिक रूप से जनहित से संबंधित मांगें की। *नौएडा सिटीजन फोरम**"NOIDA CITIZEN FORUM" (NCF)* FONRWA चुनाव में भाग ले रहे सभी पैनलों से *नौएडा एवं इसके नागरिकों के हित में* निम्नलिखित मांगों...
माफिया मुख्तार अंसारी को बड़ा झटका, गैंगस्टर मामले में दस साल की सजा, पांच लाख जुर्माना भी लगा

माफिया मुख्तार अंसारी को बड़ा झटका, गैंगस्टर मामले में दस साल की सजा, पांच लाख जुर्माना भी लगा

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
गाजीपुर 27 अक्टूबर। गाजीपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट से माफिया मुख्तार अंसारी को बड़ा झटका लगा है। अदालत ने मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर के एक और मामले में दस साल की सजा के साथ पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। इससे पहले भी एक अन्य गैंगस्टर के मामले में मुख्तार को दस साल की सजा हो चुकी है। इसके अलावा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के भाई अवधेश राय की हत्या में भी मुख्तार अंसारी को सबसे बड़ी सजा उम्रकैद की सुनाई जा चुकी है। मुख्तार अंसारी को अब तक सात मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। शुक्रवार को गाजीपुर के करंडा थाने में दर्ज केस में एमपीएमएलए कोर्ट के जज अरविंद कुमार मिश्र की अदालत ने फैसला सुनाया। मुख्तार के अलावा सोनू यादव को भी सजा सुनाई गई है। उसे पांच साल की सजा और दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। सुनवाई के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्तार को बांदा ...
एमपी चुनाव, बनते बिगड़ते मुद्दे और हाव-भाव

एमपी चुनाव, बनते बिगड़ते मुद्दे और हाव-भाव

TOP STORIES, राज्य, समाचार
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रण मिलते ही चुनावी राज्यों में सियासत शुरू हो गई. मध्यप्रदेश से सबसे पहली आवाज कांग्रेस के सीएम फेस कमलनाथ ने उठाई. उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए भाजपा नेताओं को ही क्यों आमंत्रित किया गया है? जब श्रीराम की जन्मभूमि को मुक्त कराने के लिए कारसेवकों ने अपने प्राण न्योछावर किए थे. तब यह आवाज़ क्यों नहीं आई थी कि अयोध्या का आंदोलन सभी राजनीतिक दलों का है? चुनावी घोषणा पत्र में राम मंदिर निर्माण का संकल्प व्यक्त करने वालों को ही मंदिर निर्माण के श्रेय का हक बनता है. सनातन धर्म और आस्था के लिए श्रीराम जन्मभूमि मंदिर चुनावी वाद-विवाद का विषय नहीं हो सकता है. सनातन को डेंगू और मच्छर मानने वाली विचारधारा के सहयोगी और समर्थक चुनावी नजरिये से राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा में भागीदारी की मांग कर रहे हैं...
पंचांग में चंद्रमा की गणितीय गणना का महत्व

पंचांग में चंद्रमा की गणितीय गणना का महत्व

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पंचांग का महत्व अब भी है और इसी के अनुसार आमजन आज भी अपने कार्यक्रम तय करते हैं - राजू रंजन प्रसाद- पंचांग (पांच अंग ) संस्कृत भाषा का शब्द है, जो ‘तिथि’, ‘वार’, ‘नक्षत्र’, ‘योग’ तथा ‘करण’ को संकेतित करता है। ‘तिथि’, दिनांक अर्थात् तारीख बताती है तो ‘वार’, दिन (यथा रविवार, सोमवार आदि) द्योतित करता है। ‘नक्षत्र’ बतलाता है कि चंद्रमा, तारों के किस समूह में है तथा ‘योग’ इस बात की जानकारी देता है कि सूर्य और चंद्रमा के भोगांशों का योग क्या है। ‘तिथि’ के आधे हिस्से को ‘करण’ कहा गया है। आजकल जो पंचांग हमें उपलब्ध हैं उनमें उपर्युक्त पांच चीजों के अतिरिक्त भी, यथा अंग्रेजी तारीख, दिनमान (अर्थात् सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच की अवधि), चंद्रमा के उदय और अस्त का समय, तथा चुने हुए दिनों पर आकाश में ग्रहों की स्थिति आदि के साथ फलित ज्योतिष की बहुत-सी बातें लिखी रहती हैं।आजकल पंचांग इ...
<strong>बन्दूक-संस्कृति से दागदार होती अमेरिकी छवि</strong>

बन्दूक-संस्कृति से दागदार होती अमेरिकी छवि

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-ः ललित गर्ग - दुनिया में स्वयं को सभ्य एवं स्वयंभू मानने वाले अमरीका में बढ़ रही ‘बंदूक संस्कृति’ के साथ-साथ लोगों में बढ़ रही असहिष्णुता, हिंसक मनोवृत्ति और आसानी से हथियारों की सहज उपलब्धता का दुष्परिणाम बार-बार होने वाली दुखद घटनाओं के रूप में सामने आना चिन्ताजनक है। अमेरिका में एक हत्यारे ने गोलियां बरसाकर करीब 21 लोगों को मौत की नींद सुला दिया और कई को जख्मी कर दिया है। तीन स्थानों पर गोलीबारी करने के बाद हत्यारा घटनास्थल से भागने में सफल हुआ है। आश्चर्यकारी है कि दुनिया की सबसे दुरस्त एवं सक्षम अमेरिकी पुलिस एक हत्यारे को पकड़ने में इतनी लाचार हो गई कि उसे सहयोग के लिए आम लोगों से अपील करनी पड़ी। हिंसा की बोली बोलने वाला, हिंसा की जमीन में खाद एवं पानी देने वाला, दुनिया में हथियारों की आंधी लाने वाला अमेरिका अब खुद हिंसा का शिकार हो रहा है। अमेरिका की आधुनिक सभ्यता की सबसे बड़ी ...
महाराजा हरिसिंह जी के साथ न्याय नहीं किया गया?

महाराजा हरिसिंह जी के साथ न्याय नहीं किया गया?

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26 अक्तूबर, 1947 का दिन भारत वर्ष के लिए ऐतिहासिक महत्त्व रखता है। इसी दिन जम्मू-कश्मीर रियासत के महाराजा हरिसिंह ने आपातकालीन परिस्थितियों में अधिमिलन-पत्र यानी ''इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन'' पर हस्ताक्षर किए थे। यह सर्वविदित है कि 22 अक्तूबर 1947 को कबायलियों के वेश में पाकिस्तानी हथियारबंद सेना कश्मीर में दाख़िल हुई और सीमावर्त्ती प्रजा के साथ लूट-मार, महिलाओं के साथ दुराचार जैसी बर्बरता करती हुई बड़ी तेज़ी से श्रीनगर की ओर बढ़ने लगी। इन परिस्थितियों में महाराजा के पास अविलंब विलय के अलावा अन्य कोई विकल्प बचा ही नहीं था। ध्यातव्य हो कि जब महाराजा हरिसिंह ने अधिमिलन-पत्र पर हस्ताक्षर किए, उन्होंने अपनी ओर से विलय के लिए कोई शर्त्त नहीं रखी थी। न ही उन्होंने बाद में भारत सरकार पर किसी प्रकार का दबाव बनाया था। उन्होंने विलय-पत्र पर हस्ताक्षर करने में जो समय लिया उसके पीछे भी स्थानीय कारण...