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<strong>भारत में भी तैयार है गाजापट्टी जैसा उन्माद फटने को</strong>

भारत में भी तैयार है गाजापट्टी जैसा उन्माद फटने को

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
- ललित गर्ग - समूची दुनिया मजहबी कट्टरता, अमानवीय अत्याचार एवं उन्मादी आतंकवाद के चलते विश्वयुद्ध के मुहाने पर खड़ी है। हमास के आतंकवादियों ने किस तरह की हैवानियत की थी, छोटे छोटे बच्चों एवं महिलाओं के साथ घर में घुसकर हिंसा, अनाचार किया, गोली मारी, जिंदा जला दिया। पकड़े गये सैनिकों को बारूद में लपेट कर जीवित जला देना, अपने ही हिमायती लोगांे को अपने लिए मानव ढाल बनने के लिए मजबूर करना, उन्हें युद्ध क्षेत्र में रोकना, जिससे अधिक से अधिक लोगों की जान जा सके यह किसी युद्ध की स्थिति नहीं है, यह इस्लामी कट्टरवादी सोच है। यह सारी मानवता को चुनौती है, विश्वशांति को खतरा है, उसके लिए अस्तित्व रक्षा का प्रश्न है। अब सवाल ये है कि गाजा के आम लोगों का इसमें क्या कसूर? क्या हमास की दरिंदगी का बदला गाजा के आम लोगों के खून से चुकाया जाएगा? आखिर कब तक निर्दोष, मासूम एवं आमजन उन्माद एवं आतंक क...
लूट खसोट का केंद्र बनते निजी अस्पताल

लूट खसोट का केंद्र बनते निजी अस्पताल

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
हमारे देश के करीबन पचहत्तर प्रतिशत अस्पताल निजी क्षेत्र में हैं। मात्र पच्चीस प्रतिशत अस्पताल सरकार द्वारा संचालित किए जाते हैं, जिनमें भी अधिकतर अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स एवं गुणवत्ता वाले चिकित्सीय संसाधनों का अभाव रहता है। ऐसे में सुविधा एवं संसाधनों से परिपूर्ण निजी अस्पतालों की मनमानी स्वाभाविक है। इनकी मनमानी भरे रवैये पर नकेल कसने के लिए सरकार को निजी अस्पतालों में हो रही सारी जांचों, उपलब्ध दवाइयों, सर्जरी, परामर्श तथा हो रहे हर प्रकार के इलाज के लिए दरें तय कर देनी चाहिए। निजी अस्पतालों में उपलब्ध आईसीयू बेड, वेंटिलेटर इत्यादी सुविधाओं की यथास्थिति ऑनलाइन होनी चाहिए। इन नियमों का उल्लंघन करने पर निजी अस्पताल पर कार्रवाई होनी चाहिए। इसके साथ-साथ सरकार को सरकारी अस्पतालों की संख्या, वहां पर डॉक्टरों, नर्सों एवं आधुनिक संसाधनों में वृद्धि...
शरीफ बनकर पाकिस्तान लौटे ‘नवाज’

शरीफ बनकर पाकिस्तान लौटे ‘नवाज’

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
-बलबीर पुंज क्या भारत-पाकिस्तान के संबंध अमेरिका-कनाडा जैसे हो सकते है? यह प्रश्न इसलिए पुन: प्रासंगिक हो गया है, क्योंकि गत शनिवार (21 अक्टूबर) को चार वर्ष के निर्वासन पश्चात अपने देश लौटे पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत सहित सभी पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते बेहतर करने की पैरवी की है। क्या नवाज की बातों पर विश्वास किया जा सकता है? नवाज 2017 के बाद फिर से पाकिस्तान का नेतृत्व पाने का प्रयास कर रहे है। क्या वे अपने मुख्य एजेंडे में भारत के साथ संबंधों को मधुर बनाने के प्रयासों से इस इस्लामी देश में किसी राजनीतिक लाभ की अपेक्षा कर सकते है? पाकिस्तान लौटने के बाद लाहौर में रैली करते हुए नवाज ने जो कुछ कहा, उसे तीन बिंदुओं में समाहित किया जा सकता है। पहला— कोई भी देश अपने पड़ोसियों से लड़ते हुए प्रगति नहीं कर सकता। दूसरा— भारत चांद पर पहुंच गया है और हम दूसरे मुल्कों से कु...
नवाज शरीफ की वापसी का मतलब

नवाज शरीफ की वापसी का मतलब

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
'अच्छा होता हालात 2017 से अच्छे होते लेकिन पाक पीछे चलता गया है. नौबत यहां तक क्यों आयी ? हम इस काबिल हैं और बेहतर कर सकते हैं.' दुबई एयरपोर्ट से 4 साल बाद पाकिस्तान के लिए रवाना होने से पहले नवाज शरीफ ने संवाददाताओं से यह उम्मीद भरी बात कही. वे पाकिस्तान की जेल में भ्रष्टाचार व आय से अधिक सम्पत्ति के मामलों में जो एवेन्फील्ड, अल अजीजिया जैसे निवेशों से सम्बंधित हैं, लम्बी सजा काट रहे थे. वे तीसरी बार प्रधानमंत्री बने लेकिन पनामा पेपरलीक्स मामले में 2017 में प्रधानमंत्री पद से हटाये गये. 10 साल तक कोई पब्लिक आफिस भी होल्ड करने पर प्रतिबंध था. बीमारी के इलाज के बहाने से लंदन गये फिर वहीं रह गये थे. अब वापस आ रहे हैं. सवाल है कि उन सजाओं का क्या हुआ ? तो अल अजीजिया व एवेंफील्ड मामलों में उन्हें प्रोटेक्टिव जमानत मिल गयी है. चलती हुई सजा में जिसमें अपीलों की हर गुंजाइश खारिज हो चुकी ...
दशहरा : केवल उत्सव ही नहीं समाज और राष्ट्र निर्माण का संकल्प

दशहरा : केवल उत्सव ही नहीं समाज और राष्ट्र निर्माण का संकल्प

BREAKING NEWS, TOP STORIES, धर्म, विश्लेषण
सत्य की स्थापना के लिये शक्ति, शस्त्र और सक्षमता आवश्यक --रमेश शर्मा सनातन परंपरा में मनाये जाने वाले तीज त्यौहार केवल उत्सव भर नहीं होते । उनमें जीवन को सुन्दर बनाने का संदेश होता है । दशहरा उत्सव में भी संदेह है । यह संदेश है व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र की समृद्धि का जो इसकी कथा और उसे मनाने के तरीके से बहुत स्पष्ट है ।विजय दशमी उत्सव पूरे देश में मनाया जाता है । विभिन्न प्रदेशों में इस उत्सव के नाम अलग हैं मनाने के तरीके भी विभिन्न हैं पर सबमें शक्ति पूजा ही प्रमुख अभीष्ट है । इस उत्सव के दो नाम हैं। एक दशहरा और दूसरा "विजय दशमीं" । इस आयोजन का एक आदर्श वाक्य है- "असत्य पर सत्य की विजय" । पुराण कथाओं के अनुसार दो महासंग्राम इस उत्सव की पृष्ठभूमि है । एक भगवान राम और रावण के बीच महायुद्ध । यह युद्ध नौ दिन चला और दसवें दिन रामजी को विजय मिली। दूसरी कथा है माता शक्ति भवानी ...
भारतीय सनातन संस्कृति का विस्तार भारतीय समाज ही कर सकता है

भारतीय सनातन संस्कृति का विस्तार भारतीय समाज ही कर सकता है

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, साहित्य संवाद
ललित गर्ग - हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2023 के मुताबिक, अरबपति उद्यमियों की संख्या देश में बढ़कर 1319 हो गई है। लेकिन बड़ी बात यह कि पिछले पांच साल में एक हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति वाले लोगों का आंकड़ा 76 फीसदी बढ़ गया है। निश्चित ही भारत की आर्थिक प्रगति एक सुखद संकेत है, साल 2047 तक विकासशील देशों के वर्ग से निकलकर भारत विकसित देश हो जायेगा। एक दशक में भारत दसवें नंबर की अर्थव्यवस्था से तरक्की करके दुनिया की पांचवीं आर्थिक महाशक्ति बन गया। अनुमान हैं दो साल के अंदर हम तीसरी आर्थिक शक्ति बन जाएंगे। इन उल्लेखनीय आर्थिक उपलब्धियों के बीच चिन्तनीय मुद्दा अमीरी गरीबी का बढ़ता फासला एवं गरीबों की दुर्दशा का होना है। अमीर अधिक अमीर हो रहे हैं और गरीब अधिक गरीब, यह एक गंभीर चुनौती है। पांच राज्यों में विधानसभा एवं अगल वर्ष लोकसभा में यह चुनावी मुद्दा बनना चाहिए, पर कोई भी राजनीतिक दल यह नहीं कर प...
भारतीय सनातन संस्कृति का विस्तार भारतीय समाज ही कर सकता है

भारतीय सनातन संस्कृति का विस्तार भारतीय समाज ही कर सकता है

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, संस्कृति और अध्यात्म
भारतीय सनातन संस्कृति का विस्तार भारतीय समाज ही कर सकता है प्राचीनकाल में भारत का इतिहास गौरवशाली रहा है। इस खंडकाल में समस्त प्रकार की गतिविधियां चाहे वह सामाजिक क्षेत्र में हों, सांस्कृतिक क्षेत्र में हों, आर्थिक क्षेत्र में हों अथवा किसी भी अन्य क्षेत्र में हों वह भारतीय सनातन संस्कृति का पालन करते हुए ही सम्पन्न की जाती थीं। समाज में किसी भी प्रकार के कर्म को धर्म से जोड़कर ही किया जाता था एवं अर्थ को भी धर्म से जोड़ दिया गया था। कर्म, अर्थ एवं धर्म मिलकर मानव को मोक्ष प्राप्त करने की ओर प्रेरित करते थे। सामान्यतः राष्ट्र के नागरिकों में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं के बराबर ही रहती थी और समस्त नागरिक आपस में मिलकर हंसी खुशी अपना जीवन यापन करते थे।  भारत के वेद एवं पुराणों में विभिन्न प्रकार की समस्याओं को हल करने के उपाय बताए गए हैं। विभिन्न युगों में अलग अलग शक्तियों को ...
संघ की संस्कृति एवं मूल्यपरक भारत-दृष्टि

संघ की संस्कृति एवं मूल्यपरक भारत-दृष्टि

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-ः ललित गर्ग:- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, दिल्ली ने विभिन्न धार्मिक संगठनों, सेवा-संस्थानों एवं कार्यकर्ताओं की सामाजिक सद्भाव संगोष्ठी का आयोजन कर भारत की ज्वलंत समस्याओं पर सार्थक बहस का एक अनूठा उपक्रम किया। नये मध्यप्रदेश भवन, चाणक्यपुरी में हुए इस आयोजन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कार्यकारणी के सदस्य भैयाजी जोशी के उद्बोधन से जहां राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर संघ का विचार एवं दृष्टिकोण विभिन्न धर्म के प्रतिनिधियों के सामने आया वहीं विभिन्न धर्मों एवं संस्थानों से जुड़े लोगों के चिन्तन से संघ भी अवगत हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इतिहास में कुछ ऐसे विरल व्यक्तित्व हुए हैं, जिनमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह, महामंत्री आदि अनेक जिम्मेदारियों का निर्वाह करने वाले भैयाजी जोशी भी हैं, उनकी विरलता या महत्ता के प्रमुख मानक हैं- सशक्त राष्ट्रीयता, हिन्दुत्व ...
कन्या-पूजन नहीं बेटियों के प्रति दृष्टिकोण बदलने की जरूरत

कन्या-पूजन नहीं बेटियों के प्रति दृष्टिकोण बदलने की जरूरत

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, सामाजिक
नवरात्रि का पर्व नारी के सम्मान का प्रतीक है। नौ दिनों तक नवदुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना होती है। कहते हैं कि जिस घर में माता की पूजा होता है, वह सुख-समृद्धि बनी रहती है। देवी पूजा महज माता की प्रतिमा की पूजा मात्र नहीं है, बल्कि यह पर्व मां, बहन, बेटी और समाज की हर नारी के सम्मान का पर्व है। ऐसे में सिर्फ कन्या पूजन ही नहीं, महिलाओं का भी सम्मान करें। अगर आप देवी पूजा करते हैं तो महज नवरात्रि के मौके पर नहीं बल्कि महिलाओं के प्रति आदर सदैव बनाए रखें। इन नवरात्रि देवी के सामने महिला सम्मान का संकल्प लें और अपने आचरण में कुछ बदलाव लाएं, ताकि मां, बेटी और समाज की हर नारी सुरक्षित व सम्मानित महसूस कर सके। आज जब सभी देशवासी भारत की संस्कृति का गौरवमय त्यौहार कन्या पूजन करने की तैयारी में हैं तो उनसे यह निवेदन और प्रश्न भी है कि आखिर जहां कन्या की सम्मानजनक स्थिति बने रहे, ऐसा समाज बनान...
मोदी जी की राह आसान करेगा ‘इंडिया’ गठबंधन

मोदी जी की राह आसान करेगा ‘इंडिया’ गठबंधन

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
-विनीत नारायणजबसे पटना, बेंगलुरु और मुंबई में प्रमुख विपक्षी दलों की महत्वपूर्ण बैठकें हुईं और ‘इंडिया’ गठबंधन की घोषणाहुई तब से विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं और समर्थकों में एक उत्साह की लहर दौड़ गई थी। क्योंकि पिछले नौ वर्षोंसे राष्ट्रीय राजनीति में भाजपा विपक्षी दलों पर हावी रही है। पर पिछले दिनों ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल कुछदलों के प्रवक्ताओं ने एक दूसरे दल पर ऐसी तीखी टिप्पणियाँ की हैं जिससे गठबंधन में दरार पड़ सकती है।आगामी विधान सभा चुनावों में मध्य प्रदेश की कुछ सीटों को लेकर कांग्रेस और समाजवादी दल की जोबयानबाज़ी हुई है वो भी ‘इंडिया’ गठबंधन के भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है। हालाँकि मध्य प्रदेश में कमलनाथ ने जो कड़ी मेहनत की है उससे हवा कांग्रेस के पक्ष में बह रही है। शायद इसी आत्मविश्वास के कारण कांग्रेसको समाजवादी पार्टी की कोई अहमियत नज़र नहीं आई। पर अगर यही रवैया रहा तो लोक...