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<strong>इन चुनावों में विरोधियों से नहीं अपनों से जूझते दल</strong>

इन चुनावों में विरोधियों से नहीं अपनों से जूझते दल

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- ललित गर्ग - पांच राज्यों के चुनावों की सरगर्मियां उग्र से उग्रत्तर होती जा रही है, चुनाव प्रचार अब धीरे-धीरे चरम पर पहुंच रहा है। विशेषतः राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में सत्ता के दावेदारों में लोक-लुभावन वादों एवं रेवड़ियां बांटने की होड़ लगी हुई है। येन-केन-प्रकारेण सत्ता हथियाना इन चुनावों का चरम लक्ष्य है। इन तीनों ही प्रांतों में चुनावों की सबसे खास बात यह है कि इन राज्यों में कांग्रेस पार्टी एवं भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है। जैसे-जैसे उम्मीदवारों की सूचियां सामने आ रही है, विरोध का स्वर उभर रहे हैं, उग्र विरोध को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि इन चुनावों में परायों से अधिक डर इस बार ‘अपनों’ का चुनौती बनेगा।वर्ष 2023 के ये चुनाव अनेक दृष्टियों से महत्वपूर्ण बन रहे हैं। जटिल से जटिलतर होते हालातों एवं राजनीतिक परिदृश्यों में यह स्पष्ट हो रहा है कि इन राज्यों के ये चुनाव लो...
भौतिकता की चाह में पीछे छूटते रिश्ते

भौतिकता की चाह में पीछे छूटते रिश्ते

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एक अजीब सी दौड़ है ये ज़िन्दगी, जीत जाओ तो कई अपने पीछे छूट जाते हैं और हार जाओ तो अपने ही पीछे छोड़ जाते हैं। रिश्तों के प्रति इंसान को जागरूक होना चाहिए तथा रिश्तों की अहमियत को पहचाना चाहिए। जो रिश्तों के अर्थ को समझ सकता है। वहीं रिश्तों को निभा सकता है। जीवन दो-ढाई दशक पहले तक कई मायनों में बहुत ही सादगी भरा और दिखावे से कोसों दूर और वास्तविकता के बहुत पास होता था। तब मनुष्यता के जितने गुण सोचे और तय किए गए हैं,  वे सब आसपास के परिवेश के दिख जाते थे। लेकिन आज सरलता और सहजता से दूर दिखावे और स्वार्थ से भरा हुआ जीवन ही ज्यादातर लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है। इसमें वयस्क या बुजुर्गों की तो दूर, हमने बच्चों तक को नहीं छोड़ा है। आजकल लोग अपने ख़ुशी में कम खुश और दुसरों की दुख में ज़्यादा खुश होने लगें हैं। -प्रियंका सौरभ  आजकल की भागदौड की जिंदगी...
नई संसद से आईआईटी तक में फ़ैल रहा वास्तुशास्त्र

नई संसद से आईआईटी तक में फ़ैल रहा वास्तुशास्त्र

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आर.के. सिन्हा देश को मिली नई संसद भवन की इमारत का निर्माण वास्तु शास्त्र के अनुसार होने से यह स्पष्ट है कि अब भारत में वास्तुशास्त्र के नियमों और निर्देशों के अनुसार ही बड़े भवनों से लेकर पार्कों तक का निर्माण होगा। वास्तुशास्त्र को आईआईटी जैसे अति महत्वपूर्ण शिक्षण संस्थानों में भी स्वीकार्यता मिल रही है। आईआईटी, खड़कपुर में वास्तु शास्त्र को पढ़ाने का फैसला लिया गया है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि वास्तुशास्त्र के अनुसार बनने वाली इमारतें किसी अप्रिय प्राकृतिक घटना से बचाती हैं। नई संसद या नई दिल्ली के सेंट्रल विस्टा क्षेत्र में नए सिरे से बनने वाली तमाम इमारतों में वास्तु शास्त्र के मूल बिन्दुओं का पालन करते हुए निर्माण कार्यों का होना सुखद है।  यह सर्वविदित है कि वास्तु शास्त्र एक अति प्राचीन भारतीय विज्ञान है। वास्तुशास्त्र के अंर्तगत चार मूल दिशाओं और दस कोणो...
इन चुनावों में कौन जीतेगा ? एक बड़ा सवाल

इन चुनावों में कौन जीतेगा ? एक बड़ा सवाल

BREAKING NEWS, Today News, TOP STORIES, राष्ट्रीय
अभी पाँच राज्य, फिर देश चुनाव से गुजरेगा। पिछले एक अर्से से हमारी राजनीति में एक नई परंपरा पनपी है जो मतदाता को अपमानित करती है। “राजनेताओं ने मान लिया है कि देश का मतदाता कुछ रुपयों से खरीदा जा सकता है। दो तरीकों से मतदाता को रुपये बांटे जा रहे हैं–एक तो यह कि चुनाव के मौके पर नोट के बदले वोट दिया जाये और दूसरे वैध तरीके से कभी बेटियों के नाम पर, कभी माताओं-बहनों को नगद राशि दी जाये। स्कूलों में बच्चों की फीस माफ हो, गैस-बिजली आदि की दरें कम की जाएं, सस्ती दरों पर जरूरतमंदों को अनाज बांटा जाये, यह तो फिर भी समझ में आता है, पर यह समझना मुश्किल है कि लाभार्थियों के खातों में पैसे जमा करना रिश्वत नहीं तो और क्या है? रिश्वत लेना या देना अपराध है पर यह अपराध हमारे राजनीतिक दल खुलेआम कर रहे हैं।“ वो भी घोषणा पत्र या वचन पत्र के स्वरूप में। तय कार्यक्रम के अनुसार दिसंबर तक पांच राज्यों म...
बदल रहे अब जम्मू-कश्मीर के हालात

बदल रहे अब जम्मू-कश्मीर के हालात

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य, समाचार
_-बलबीर पुंज_ जम्मू-कश्मीर के हालिया घटनाक्रम से क्या रेखांकित होता है? जहां स्वतंत्र भारत में पहली बार पाकिस्तान सीमा के निकट इस वर्ष पुनर्निर्मित शारदा माता मंदिर में शारदीय नवरात्रि की पूजा हो रही है, वही इसी दौरान पुंछ में पोस्टर चस्पा करके हिंदुओं और सिखों को क्षेत्र छोड़ने हेतु धमकी देने का मामला प्रकाश में आया है। यह ठीक है कि धारा 370-35ए के संवैधानिक क्षरण के बाद से घाटी में आध्यात्मिक-सांस्कृतिक पुनर्स्थापना के साथ समेकित आर्थिक विकास, केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी, पर्यटकों की बढ़ती संख्या, तीन दशक बाद नए-पुराने सिनेमाघरों का संचालन, भारतीय फिल्म उद्योग के लिए कश्मीर पुन: पसंदीदा गंतव्य बनना और जी20 पर्यटन कार्यसमूह की सफल बहुराष्ट्रीय बैठक और आतंकवादी-पथराव की घटनाओं में तुलनात्मक कमी आदि का साक्षी बन रहा है। परंतु क्या यह जिहादी मानसिकता को समाप्त करने के लिए...
आत्म शक्ति जाग्रत कर आरोग्य और यूनीवर्स की इनर्जी से जुड़ने की अवधि है नवरात्र

आत्म शक्ति जाग्रत कर आरोग्य और यूनीवर्स की इनर्जी से जुड़ने की अवधि है नवरात्र

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--रमेश शर्मा भारतीय चिंतन में तीज त्यौहार केवल धर्मिक अनुष्ठान और परमात्मा की कृपा प्राप्त करने तक सीमित नहीं है । परमात्मा के रूप में परम् शक्ति की कृपा आंकाक्षा तो है ही साथ ही इस जीवन को सुन्दर और सक्षम बनाने का भी निमित्त तीज त्यौहार हैं । इसी सिद्धांत नवरात्र अनुष्ठान परंपरा में है । इन नौ दिनों में मनुष्य की आंतरिक ऊर्जा को सृष्टि की अनंत ऊर्जा से जोड़ने की दिशा में चिंतन है । आधुनिक विज्ञान के अनुसंधान भी इस निष्कर्ष पर पहुंच गये हैं कि व्यक्ति में दो मस्तिष्क होते हैं। एक चेतन और दूसरा अवचेतन। इसे विज्ञान की भाषा में "कॉन्शस" और "अनकाॅन्शस" कहा गया है व्यक्ति का अवचेतन मष्तिष्क सृष्टि की अनंत ऊर्जा से जुड़ा होता है । जबकि चेतन मस्तिष्क संसार से । हम चेतन मस्तिष्क से सभी काम करते हैं पर उसकी क्षमता केवल पन्द्रह प्रतिशत ही है । जबकि अवचेतन की सामर्थ्य 85% है । सुसुप्त अवस्था ...
निठारी काण्ड: सीबीआई पर फिर उठे सवाल

निठारी काण्ड: सीबीआई पर फिर उठे सवाल

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*रजनीश कपूरजब भी कभी कोई न सुलझने वाला अपराध होता है तो मामला देश की सर्वोच्च जाँच एजेंसी, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो(सीबीआई) को सौंप दिया जाता है। इसी उम्मीद से कि यह एजेंसी देश की सबसे काबिल और श्रेष्ठ जाँच एजेंसी है। परंतु क्यासीबीआई में कार्य करने वाले अधिकारी हर अपराध की तह तक आसानी से पहुँच पाते हैं? क्या इन जाँच अधिकारियों कोअपराध के सभी प्रमाण व अन्य जानकारियाँ आसानी से मिल जाती है? क्या अपराध के सीन पर सबसे पहले पहुँची स्थानीयपुलिस अपना काम पूरी तत्पर्ता से करती है और क्राइम सीन पर किसी भी तरह के सुबूत को मिटाती नहीं है? क्या दोषी कोसज़ा दिलवाने के लिए पुलिस और सीबीआई एक ठोस केस बना पाते हैं जो अदालत में टिका रहे और आरोपी को सज़ा मिलजाए? अफ़सोस की बात है कि ऐसे सवालों का जवाब प्रायः हमें ‘नहीं’ में मिलता है। ऐसे अनेकों उदाहरण मिल जाएँगे जहांअपराध के कई चर्चित मामलों सीबीआई को कोर्ट ...
अदालत का फैसला भारतीय संस्कृति की जीत है

अदालत का फैसला भारतीय संस्कृति की जीत है

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- ललित गर्ग - समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता का मुद्दा भारतीय जनजीवन में लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है। देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक शादी को स्पेशल मैरिज ऐक्ट के तहत मान्यता देने से इनकार कर वाकई ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। देखा जाये तो सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक बेंच का यह फैसला भारतीय संस्कृति, भारतीय परम्पराओं, जीवनमूल्यों, संस्कारों, आदर्शों और भारतीयता की जीत है। अदालत ने समलैंगिक कपल को बच्चे गोद लेने का हक भी देने से इंकार किया है। अदालत का फैसला भारतीय जन भावनाओं एवं संस्कारों की पुष्टि भी करता है साथ ही भारतीय मूल्यों, संस्कृति एवं आदर्शों को धुंधलाने एवं आहत करने वाली विदेशी ताकतों को चेताता है जो कि भारत का सामाजिक एवं पारिवारिक चरित्र बिगाड़ने की साजिश रच रहे हैं। निश्चित ही अदालत का यह सराहनीय फैसला भारत की अतीत से चली आ रही विवाह परम्परा एव...
राजस्थान में बदलाव की बयार

राजस्थान में बदलाव की बयार

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रमेश सर्राफ धमोरा राजस्थान में पिछले तीस वर्षों से हर पांच साल बाद सत्ता बदलने का रिवाज चला आ रहा है। अगले महीने होने वाले राजस्थान विधानसभा के चुनाव में जहां भाजपा हर बार राज बदलने के रिवाज को बनाए रखने का प्रयास कर रही है। वही सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी फिर से सरकार बनाकर रिवाज बदलना चाहती है। चुनाव में दोनों ही पार्टियों पूरे दमखम के साथ उतरने जा रही है। तीसरे मोर्चे के रूप में बसपा, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, आम आदमी पार्टी, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन, भारतीय आदिवासी पाटी, वामपंथी पार्टिया जैसे छोटे राजनीतिक दल भी प्रदेश की राजनीति में तीसरी शक्ति बनकर सत्ता की चाबी अपने हाथ में लेना चाहते हैं। राजस्थान में पिछले 30 वर्षों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस की मुख्य धुरी बने हुए हैं। तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके अशोक गहलोत के इर्द-गिर्द ही कांग्रेस की राजनीति घ...
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा’ पर घूस लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा’ पर घूस लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
रामस्वरूप रावतसरेलोकसभा में अपने बयानों के कारण अक्सर विवादों में रहने वाली महुआ मोइत्रा पर बड़ा आरोप लगा हैं कि वो भले ही टीएमसी की सांसद हैं और कृष्णानगर लोकसभा सीट से जनता द्वारा चुनकर लोकसभा भेजी गई हैं, लेकिन वो पैसों के लिए जनता और राष्ट्र के हित की नहीं बल्कि व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के लिए काम करती हैं। ये आरोप एक मशहूर वकील ने आँकड़ों के साथ लगाए है, जिसपर एक्शन लेने की माँग करते हुए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है। इस मामले में महुआ मोइत्रा ने पलटवार भी किया है और कहा है कि पहले जिन लोगों पर मैंने आरोप लगाए हैं, उन पर कार्रवाई की जाए, फिर मेरे दरवाजे पर आया जाए।भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई का हवाला दिया है। अपने पत्र में भाजपा सांसद ने टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा पर लोक...