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<strong>भरोसा रखें कि आप सफलता का रास्ता ढूंढ लेंगे</strong>

भरोसा रखें कि आप सफलता का रास्ता ढूंढ लेंगे

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
- ललित गर्ग - आप आज जहां हैं, जाहिर है कि अपने काम करने के खास तरीके के कारण हैं। आपका स्वास्थ्य, रुपये-पैसे की स्थिति, रिश्ते और करियर वगैरह सब, आपकी कार्यप्रणाली और निर्णयों का नतीजा हैं। ऐसे में महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि आप जहां हैं, क्या उस पड़ाव पर खुश हैं? अगर आप यूं ही अपनी जिंदगी बिताते रहते हैं, तो क्या नतीजों से आप खुद को संतुष्ट महसूस करेंगे? अगर उत्तर में किंतु, परंतु आता है, तो कुछ बदलाव करने एवं जीवन को सकारात्मक सोच एवं दिशाएं देने की जरूरत का वक्त आ गया है। आज के समय में यह बहुत गंभीर मसला है कि निराशा और अवसाद में डूबे लोग इसी सकारात्मकता और ऊर्जा की तलाश में यहां-वहां फिर रहे हैं। ऐसे में बड़े पैमाने पर सकारात्मकता पढ़ाने वालों की जरूरत और भरमार है, पर इनमें से अधिकतर की सबसे बड़ी समस्या है कि वे चीजों को सतही बनाकर पेश करते हैं। सकारात्मकता का अर्थ है- अपनी योग्यता ...
मध्यम वर्ग का संघर्ष कभी खत्म क्यों नहीं होता?

मध्यम वर्ग का संघर्ष कभी खत्म क्यों नहीं होता?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, सामाजिक, साहित्य संवाद
मध्यम वर्ग के लोगों की चिंताओं का कोई अंत नहीं होता। क्योंकि ये बच्चों को लायक बनाने में अपना पूरा जीवन निकाल देते हैं। फिर उस अनुरूप बच्चों का विवाह या नौकरी न हो तो भी चिंतित रहते हैं। अपनी इज्जत बनाए रखने के लिए यह अपना दुख दर्द किसी से नहीं कहते हैं। दूसरों से बातचीत करने पर कभी-कभी समाधान मिल जाया करता है। पर क्योंकि यह लोग कहते नहीं इसलिए इन्हें समाधान नहीं मिल पाता और यह चिंताओं से घिरे रहते हैं।  -प्रियंका सौरभभारतीय मध्यम वर्ग का संघर्ष कभी खत्म क्यों नहीं होता? भारतीय मध्यम वर्ग वह वर्ग है जिसे समाज में अपनी मान मर्यादा को भी बनाए रखना होता है। बच्चों की शिक्षा पर भी पर्याप्त ध्यान देना होता है तथा समाज में क्या चल रहा है? इसका भी ध्यान रखना जरूरी होता है। बच्चों के विवाह पर भी इन्हें काफी धन खर्च करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त दूसरे के यहां भी कोई फंक्शन होने प...
भारत की आर्थिक प्रगति को कुछ देश प्रभावित करना चाहते हैं

भारत की आर्थिक प्रगति को कुछ देश प्रभावित करना चाहते हैं

BREAKING NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, विश्लेषण
भारतीय सनातन संस्कृति की अपनी कुछ विशेषताएं हैं, जिनके पालन से भारत आर्थिक क्षेत्र में चंहुमुखी विकास करता दिखाई दे रहा है। परंतु, कुछ देश भारत की आर्थिक प्रगति को प्रतिस्पर्धा के नजरिए से देखते हुए इसे पचा नहीं पा रहे हैं क्योंकि आज भारत की विकास दर इन देशों से कहीं आगे निकल गई है जबकि इन देशों की न केवल विकास दर लगातार कम हो रही है बल्कि इन देशों की अर्थव्यवस्थाएं मंदी की चपेट में आती दिखाई दे रही हैं। आज पूरे विश्व में भारतीय सनातन संस्कृति सबसे पुरानी संस्कृति मानी जा रही है, अतः वैश्विक स्तर पर कुछ देश एवं संस्थान मिलाकर भारतीय सनातन संस्कृति पर लगातार प्रहार करते दिखाई दे रहे हैं ताकि न केवल भारत के सामाजिक तानेबाने को छिन्न भिन्न किया जा सके बल्कि भारत की आर्थिक विकास दर को भी प्रभावित किया जा सके। हाल ही में, भारत के मणिपुर एवं हरियाणा जैसे र...
<strong>किसे नामंजूर है यूनिफॉर्म सिविल कोड ?</strong>

किसे नामंजूर है यूनिफॉर्म सिविल कोड ?

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आर.के.सिन्हा आप देख ही रहे होंगे कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी “समान नागरिक संहिता” को लागू करने की कोशिशें फिर से शुरू होते ही कठमुल्ला मुसलमान और कई तरह के राष्ट्र विरोधी और अलगाववादी तत्व लामबंद होने लगे हैं वे कहने लगे हैं कि वे इस कानून को कतई स्वीकार नहीं करेंगे।  इसके साथ ही वे भी इसका विरोध कर रहे हैं जो कुछ वर्षों से दलित-मुस्लिम एकता के बड़े पैरोकार होने का दावा करते हैं। अब उन्हें यह कौन बताए कि बाबा साहेब आंबेडकर ने यूनिफोर्म सिविल कोड को देश के लिये निहायत जरूरी बताया था। बाबा साहेब ने 23 नवंबर 1948 को संविधान सभा की बहस में यूनिफोर्म सिविल कोड के हक में जोरदार भाषण दिया था । जो मुसलमान मुस्लिम पर्सनल लॉ के लिए मरने-मारने की बातें कर रहे हैं, उनसे पूछा जाना चाहिए कि उन्हें शरीयत कानून इतना ही प्रिय है तो वे बैंकों से मिलने वाले ब्याज को ...
<em>‘पाकिस्तान’ की किस्मत का तारा – खैबर पख्तूनख्वा</em>

‘पाकिस्तान’ की किस्मत का तारा – खैबर पख्तूनख्वा

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टुकडे टुकडे पाकिस्तान प्रशांत पोळ पाकिस्तान का, अफगानिस्तान से सटा हुआ राज्य, जिसे आज ‘खैबर पख्तूनख्वा’ कहा जाता हैं, पाकिस्तान की झोली में आया, नेहरु के कारण. यह राज्य, पाकिस्तान की किस्मत का तारा हैं, जिसके कारण अमरीका ने अफगानिस्तान के रुसी सैनिकों से लोहा लेने के लिए, पाकिस्तान पर पैसों की बारिश की थी. तब इसका आधिकारिक नाम ‘खैबर पख्तूनख्वा’ नहीं था. यह North West Frontier Province (NWFP) के नाम से जाना जाता था. पश्तूनों, या पठानों का यह प्रदेश, तब भी मुस्लिम बहुल था. पश्तूनी या ‘हिंदको’ भाषा यहां चलती थी. हमारे चर्चित फ़िल्मी चेहरे, प्राण, राजकपुर, देवानंद आदि उन दिनों ‘हिंदको’ भाषा जानते थे, बोलते थे. इस राज्य का पेशावर यह बड़ा केंद्र था. व्यापार का, शिक्षा का और कुछ हद तक सांस्कृतिक गतिविधियों का भी. इस पूरे क्षेत्र के सर्वमान्य नेता थे, खान अब्दुल गफ्फार खान. एक भारीभरकम...
श्रीराम मंदिर ‘राष्ट्र मंदिर’ शिलान्यास के 03 वर्ष

श्रीराम मंदिर ‘राष्ट्र मंदिर’ शिलान्यास के 03 वर्ष

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, संस्कृति और अध्यात्म
प्रणय विक्रम सिंह आज का दिन भारत की आस्था, अस्मिता, स्वाभिमान और गौरव की पुनर्स्थापना का दिवस है। काल के कपाल पर मानव सभ्यता के सांस्कृतिक पुनर्जागरण के कालजयी प्रतीक के रूप में अंकित आज के दिन ही 03 वर्ष पूर्व श्रीरामजन्मस्थान पर भव्य-दिव्य राम मंदिर ‘राष्ट्र मंदिर’ का शिलान्यास हुआ था। यह सामान्य दिवस नहीं है, इसके लिए तो पांच शताब्दियों का अविराम संघर्ष, ‘अहिल्या’ सदृश प्रतीक्षा एवं घायल जटायु के समान आर्तनाद करती सांस्कृतिक चेतना की आहत हुंकार युगों से बांट जोह रही थी। पुत्र रक्त में नहाई हुई धर्मनगरी अयोध्या, आज सकल आस्था के केंद्र प्रभु श्रीरामलला के भव्य-दिव्य मंदिर निर्माण की गतिशीलता से स्वयं के संघर्ष को सुफलित होती देख रही है। आज आस्था के प्रांजल भाव से प्रेरित आत्मोत्सर्ग की अपरिमित भक्त शृंखलाओं की अकथनीय 'त्याग ऋचाएं' राम नगरी अयोध्या के उल्लासित वातावरण में स्प...
तो क्या विकास खाओगे ?

तो क्या विकास खाओगे ?

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क्या आप जानते हैं कि पिछले सात वर्षों में देश में अमरूद का उत्पादन 80 - 90% तक कम हो गया है! क्यों?पिछले तीन वर्ष में गेहूं का उत्पादन 20%, कपास का 30%, चीनी का 10% तक कम उत्पादन हो गया है। इस वर्ष मिर्ची, अदरक ,टमाटर, लीची और आम आधे ही हुए हैं तो सेब बड़ी मात्रा में गल गया है। धान भी 20 - 30 % तक कम होने का अनुमान है। इस कारण पशुओं को मिलने वाला चारा भी कम हो गया और दूध का उत्पादन भी 10 से 15% कम हो चुका है। जरा सोचिए, अगर यही क्रम कुछ और साल चला तो क्या होगा?देश बहुत तेज विकास कर रहा है। विश्व में सबसे तेज। पर जब भूख लगेगी तो क्या आप विकास को खा सकते हो ? कहीं अनाज, फल सब्जियों के कम उत्पादन का कारण तीव्र विकास और उससे उत्पन्न ग्लोबल वार्मिंग तो नहीं?ज़रा सोचिए कहीं अंधे कुँए में तो नहीं धकेले जा रहें हैं आप ? ...
राहुल गांधी को राहत देने वाले जज गवई के पिता-भाई कांग्रेसी

राहुल गांधी को राहत देने वाले जज गवई के पिता-भाई कांग्रेसी

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नैतिकता का हनन या न्याय की जीत राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट के सुप्रीम ब्रम्हास्त्र से करेंगे मोदी का शिकार =================== आचार्य विष्णु हरि सरस्वती राहुल गांधी की राहत पर प्रश्न चिन्ह भी लगे हैं, कोई न्याय कह रहा है तो कोई नैतिकता का प्रश्न भी उठा रहा है। लोकतंत्र में सबको अपने-अपने विचार रखने की आजादी है। फिलहाल कांग्रेस को संजीवनी तो जरूर मिली हुई है, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के ब्रम्हास्त्र पर सवार होकर राहुल गांधी मोदी का राजनीतिक और चुनावी शिकार करेंगे? इस मिले अवसर का राहुल गांधी कितना लाभ उठायेंगे?राहुल गांधी को मोदी सरनेम वाले प्रकरण पर राहत देने वाले सुप्रीम कोर्ट के जज बीआर गवई की परिवारिक पृष्ठभूमि कांग्रेसी रही है। गवई ने खुद कहा था कि उनके पिता कांग्रेसी थे, उनके पिता का कांग्रेस से लगाव सर्वश्रेष्ठ था, उनके भाई आज भी कांग्रेसी हैं। गवई के भाई कांग्र्रेस के स...
नार्को आतंकवाद को प्रश्रय दे रहा पाकिस्तान।

नार्को आतंकवाद को प्रश्रय दे रहा पाकिस्तान।

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काफी समय पहले निर्देशक अभिषेक चौबे की एक फिल्म आई थी -'उड़ता पंजाब।' यह फ़िल्म पंजाब में युवा आबादी द्वारा नशीली दवाओं के दुरुपयोग और उससे जुड़े विभिन्न षड्यंत्रों की बात करती है। आज हमारे देश की युवा पीढ़ी नशे के गिरफ्त में लगातार फंसती चली जा रही है और नशे हमारे समाज, हमारे देश को गर्त की ओर धकेल रहा है। नशे से धन की तो बर्बादी होती ही है, स्वास्थ्य के साथ साथ यह हमारे समाज के ताने-बाने को भी काफी नुकसान पहुंचाता है। पंजाब तो पंजाब, लेकिन अब पंजाब के बाद अब राजस्थान में मादक पदार्थों की तस्करी में वृद्धि से राजस्थान के उड़ता राजस्थान बनने का डर सता रहा है। मीडिया के हवाले से आ रही खबरों से पता चलता है कि सीमावर्ती इलाकों में मादक/नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते ही चले जा रहे हैं। नशीले पदार्थों की बड़ी खेप तस्करों द्वारा हमारे देश में पहुंचाई जा रही है और इसमें पाकिस्त...
मणिपुर: मुख्य न्यायाधीश और दोषियों को सज़ा?

मणिपुर: मुख्य न्यायाधीश और दोषियों को सज़ा?

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*रजनीश कपूरमशहूर शायर शहाब जाफ़री का एक चर्चित शेर है, “तू इधर उधर की न बात कर ये बता कि क़ाफ़िला क्यों लुटा। मुझेरहज़नों से गिला नहीं तिरी रहबरी का सवाल है।” मणिपुर हिंसा को लेकर पिछले कुछ दिनों से देश की सर्वोच्च अदालत भीसरकार से कुछ ऐसे ही सवाल कर रही है। मणिपुर में हुई बर्बरता के चलते पूरा देश शर्मसार है। परंतु इस मामले पर जब भीकोई मणिपुर की सरकार या सत्तारूढ़ दल के नेताओं से सवाल पूछता है तो वे दूसरे राज्यों में हुई महिला अपराधों कीघटनाओं या अन्य हिंसा के मामलों कि तुलना करते हैं। ऐसा करके वे असल मुद्दे से ध्यान भटकाने का काम कर रहे हैं।बीती 3 मई को मणिपुर में आरक्षण के मुद्दे को लेकर जो हिंसा भड़क उठी उसने अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान लीऔर सैंकड़ों लोगों को बेघर कर दिया है। बीते मंगलवार को जिस तरह देश के मुख्य न्यायाधीश ने केंद्र सरकार के वकीलों कोआड़े हाथों लिया उससे एक बात तो ...