हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया
रजनीश कपूर1961 की बहुचर्चित फ़िल्म ‘हम दोनों’ का ये गाना सबने सुना होगा। धूम्रपान करने वाले सभी व्यक्तियों ने भी इसअवश्य सुना होगा। फ़िल्म में गाने के बोल इस तरह दर्शाये गये कि फ़िल्म का हीरो अपने सभी फ़िक्र और चिंताओंको धुएँ के कश में उड़ा देता है और चिंता मुक्त हो जाता है। परंतु क्या ये सही है कि मात्र सिग्रेट के कश भरने औरधुआँ उड़ाने से आपकी चिंताएँ ख़त्म हो जाएँगी? इसका उत्तर है नहीं। बल्कि यदि आपको धूम्रपान की लत लग जाएतो आपकी स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ बढ़ ज़रूर जाएँगी।आज जानते हैं कि ऐसा क्या है इस चंद लम्हे की मामूली सी ख़ुशी में, जो लाखों करोड़ों को इसकी लत लगा देती है।दरअसल सिग्रेट में मौजूद तंबाकू में निकोटीन पाया जाता है जो कश लेते ही बड़ी तेज़ी से यह धुआँ आपके फेंफड़े मेंसमा जाता है और कुछ ही क्षण में दिमाग़ तक पहुँच जाता है। दिमाग़ में प...