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स्वामी विवेकानन्द थे भारतीयता की संजीवनी बूंटी

स्वामी विवेकानन्द थे भारतीयता की संजीवनी बूंटी

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महापुरुषों की कीर्ति किसी एक युग तक सीमित नहीं रहती। उनका मानवहितकारी चिन्तन एवं कर्म कालजयी होता है और युगों-युगों तक समाज का मार्गदर्शन करता है। स्वामी विवेकानंद हमारे ऐसे ही एक प्रकाश-स्तंभ हैं, वे भारतीय संस्कृति एवं भारतीयता के प्रखर प्रवक्ता, युगीन समस्याओं के समाधायक, अध्यात्म और विज्ञान के समन्वयक एवं आध्यात्मिक सोच के साथ पूरी दुनिया को वेदों और शास्त्रों का ज्ञान देने वाले एक महामनीषी युगपुरुष थे। जिन्होंने 4 जुलाई 1902 को महासमाधि धारण कर प्राण त्याग दिए थे। स्वामी विवेकानन्द का संन्यास एवं संतता संसार की चिन्ताओं से मुक्ति या पलायन नहीं था। वे अच्छे दार्शनिक, अध्येता, विचारक, समाज-सुधारक एवं प्राचीन परम्परा के भाष्यकार थे। काल के भाल पर कुंकुम उकेरने वाले वे सिद्धपुरुष हंै। वे नैतिक मूल्यों के विकास एवं युवा चेतना के जागरण हेतु कटिबद्ध, मानवीय मूल्यों के पुनरुत्थान के सजग ...
Regulation of NGOs necessary

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Intelligence Bureau report indicated about misuse of Indian NGOs for anti-national agenda by foreign-contributors where it was revealed that India GDP has been adversely affected to big extent of 2-3 percent through such foreign-funded NGOs. Many NGOs are said to have been funded for cultural evasion in India. Foreign-funded NGOs spend in rupees and receive funds in dollars by sending these foreign-contributors exaggerated photos and videos of events to get huge foreign-funding. Many NGOs are tools to divert foreign-funds of individuals. It may be that some foreign powers may be funding Indian NGOs solely with aim of disruption in governance to destabilise the country. Siphoning of government-funds for NGOs run by influential ones in political and bureaucratic circles in name of their f...
झूठ इमरान का और सच बलूचिस्तान में विद्रोह का

झूठ इमरान का और सच बलूचिस्तान में विद्रोह का

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इमरान खान को अपने मुल्क में लग रही आग दिखाई नहीं दे रही है। वे समझ ही नहीं पा रहे हैं, या जानना ही नहीं चाहते कि पाकिस्तान के कब्जे की विवादित बलूचिस्तान सूबे में विद्रोह की चिंगारी भड़क चुकी है। पाकिस्तान के क्षेत्रफल के लिहाज से सबसे बड़े प्रान्त बलूचिस्तान  में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी नाम का संगठन किसी भी सूरत में पाकिस्तान से अपने बलूचिस्तान को अलग करना चाहता है। इसके लिए यह संगठन अब हिंसक रास्ते पर चल पड़ा है। पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कराची के स्टॉक एक्सचेंज बिल्डिंग में बीते दिनों हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी भी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने ही ली। पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने देश की संसद में बेशर्मी से दावा कर रहे हैं कि कराची में आतंकी घटना के पीछे भारत का हाथ है। आतंकी हमले के अगले ही दिन उन्होंने इस तरह का बिना किसी तथ्य का यह खोखला दावा कर दिया। हालांकि, उससे पह...
बापू के कितने करीब मोदी

बापू के कितने करीब मोदी

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दिल्ली की 29 जनवरी 1948 की उस कड़कती सर्दी की रात में महात्मा गांधी ने लगभग रातभर जगकर अपनी इच्छा जाहिर की थी कि अब आज़ादी का आन्दोलन तो समाप्त हो चुका है अत: अब कांग्रेस को भंग कर दिया जाये। गांधी जी की यह “अंतिम इच्छा' गॉधी जी के द्वारा ही प्रकाशित “हरिजन ' पत्रिका में उनकी हत्या के  बाद प्रकाशित  भी हुई थी। हिन्दी में उनकी “अंतिम इच्छा और वसीयतनामा” शीर्षक से यह ऐतिहासिक दस्तावेज 'हरिजन' के 15 फरवरी, 1948 के अंक में छपा था। दुर्भाग्यवश , गॉंधी जी द्वारा उपर्युक्त राय जाहिर करने के अगले ही दिन यानी 30  जनवरी 1948 को उनकी हत्या भी कर दी जाती है।पता नहीं दोनों घटनाओं में कोई सम्बन्ध था अथवा नहीं? बहरहाल,  गांधी जी के उस सपने के 71 साल के बाद और जब सारा देश उनकी 150 वीं जयंती मना रहा है, तब कांग्रेस अपने आप ही समाप्ति की तरफ तेज़ी से बढ़  रही है। विगत लोकसभा चुनाव में कॉंग्रेस को 17 राज्यों...
Self-Study

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स्वाध्याय सुरेश चंद्र ध्याय संस्कृत का एक संयुक्त शब्द है जिसका संधि विच्छेद स्व+अध्याय होता है Óएवं इसका अर्थ होता है स्वयं के जीवन की पुस्तक के अध्यायों का अध्ययन। इस शब्द का एक और अर्थ भी निकला गया है स्वा$ध्याय। यहां ध्याय का अर्थ है ध्यान लगाना, सोचना अथवा विचार करना। इस अर्थ के अनुसार स्वाध्याय स्वयं अपनेविषय में वियार करना एंव मनन करना है। साधारण रूप से स्वाध्याय का तात्पर्य वेदों, शास्त्रों एवं दर्शन के अध्ययन से किया जाता है। कुछ विद्वान इसका अर्थ स्वयं प्राप्त आध्यात्मिक शिक्षा से लेते हैं। स्मृतियों में स्वाध्याय का अर्थ वेदों को कंठस्थ करना है ताकि मौखिक रूप से उनका सही पाठ किया जा सके। तैंत्तिरीय उपनिषद् के मं़त्र संख्या 1.9.1 के अनुसार सत्य को जानना, आत्मनियंत्रण, तप आंतरिक शंाति एवं यज्ञ करना ही स्वाध्याय है। यह मंत्र शिक्षा देता है- ...
Indo-Pak Relations

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भारत-पाक लोक सम्बन्धों में नया मोड़ -विनीत नारायण जब से अमरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने पाकिस्तान की तरफ से हाथ खींचा है, तब से पाकिस्तान में हताशा का माहौल है। उधर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की छवि आतंकवाद को संरक्षण देने वाले और अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का हनन करने वाले देश के रूप में बन चुकी है। ऐसे में पाकिस्तान की सरकार और उसका मीडिया तमाम कोशिशे करके अपनी छवि सुधारने में जुटा है। पिछले दिनों ‘यू-ट्यूब’ चैनलों पर ऐसी दर्जनों टीवी रिर्पोट अपलोड की गई हैं, जिनमें पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं और सिक्खों के धर्मस्थलों, त्यौहारों और सामान्य जीवन पर प्रकाश डाला जा रहा है। ये बताने की कोशिश की जा रही है कि पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों को किसी किस्म का सौतेला व्यवहार नहीं झेलना पड़ता। उन्हें अपने धर्म के अनुसार जीवन जीने की पूरी आजादी है और उन पर कोई अत्याचार नहीं होता...
conspiracy of congress

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श्रीनिवास राय शंकर कांग्रेस खेमे की बङी साजिश है यह।जिसमे सवर्ण व जातिवादी लोग फंसते जा रहे है। और सबसे बङी बात कि इसका फायदा खुद कांग्रेस को भी नहीं मिलेगा-ललमुंहे अपना खतम होता एरिया बढाने मे लगेंगे। और हां ई महारवाद फैलाते लोग अंबेडकरवादी तो हो ही नही सकते-क्योंकि इनके नेता अंबेडकर के 'विधिक उपचारों के समाधान' के सिद्धांत के उलट सङक की लङायी से जातीय न्याय पाने की घृणा फैला रहे है-यही वह पेरियारवाद है जो ईसाईयत के साथ गलबहिया तो कर लेता है पर हिंदुओं मे आ रही कोई एकता बर्दाश्त नही कर पाता। जिनको आप भीमटे समझ रहे है- उनमे से एक भी सच्चा अंबेडकरवादी नही है-वरना वह जातीय लङाई की ओर एक कदम तक नही उठाता। पर वैसे ही इधर भी राष्ट्रवादियो मे छिपे हुए उच्चजातीय दंभ वाले 'सवर्णवादी' भी मराठा सपोर्ट के नाम पर अंबेडकर व दलितों को गरियाने व अपमानित करने का मौका नही चूक रहे हैं। यही वह विरोध...
आइए गुरुपूर्णिमा के पर्व पर संकल्प लें लोकतंत्र की दुष्प्रवृत्तियों के प्रतिकार का और सनातन एवं मौलिक राष्ट्र की स्थापना के लिए कटिबद्ध होते हैं

आइए गुरुपूर्णिमा के पर्व पर संकल्प लें लोकतंत्र की दुष्प्रवृत्तियों के प्रतिकार का और सनातन एवं मौलिक राष्ट्र की स्थापना के लिए कटिबद्ध होते हैं

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श्री अनुज अग्रवाल, महासचिव, मौलिक भारत भारत का हजारों वर्षों का गौरवशाली इतिहास प्राप्त है ।हिन्दू राज्यव्यवस्थाओं का आदर्श इतिहास होते हुए भी स्वतंत्रता के पश्चात तत्कालीन कांग्रेसी नेताओं ने ब्रिटिश राज्यव्यवस्था पर आधारित लोकतंत्र व्यवस्था स्वीकारी । परिणामस्वरूप गत 70 वर्षों में भारत की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है । भ्रष्टाचार, अनाचार, बढते अपराध, अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण, अधिकार-आरक्षण ही सर्व ओर दिखाई दे रहा है । प्राचीन हिन्दू राज्यव्यवस्था में 'पहले शिक्षा तत्पश्चात गुरुदक्षिणाÓ ऐसी प्रथा थी; परंतु पाश्चात्त्य पद्धति के अनुसार आज के लोकतंत्र में पहले 'डोनेशनÓ तत्पश्ïचात 'एडमिशनÓ और उसके पश्चात 'एज्युकेशनÓ यह पद्धति प्रारंभ की । परिणामस्वरूप देश का मार्गक्रमण अधोगति की ओर शीघ्र गति से हो रहा है । यह स्थिति परिवर्तित करने के लिए हमें लोकतंत्र की दुष्प्रवृत्तियों का निर्मूलन करने...
5 of 16,011   Suggestions on Draft Parking Policy in Delhi – Last Date – 13-07-2017, most likely suggestions pouring in, will also be taken up in Delhi & pertinent elsewhere too.

5 of 16,011 Suggestions on Draft Parking Policy in Delhi – Last Date – 13-07-2017, most likely suggestions pouring in, will also be taken up in Delhi & pertinent elsewhere too.

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ATED: 12-07-2017 To Special Commissioner Transport Room No. 208, Second Floor, Transport Department, GNCT of Delhi, 5/9 Underhill Road, Delhi-110054. Subject:- Response / Suggestions on Draft Parking Policy in Delhi Preamble: On the street people think ...... all Such Policies are made MORE FOR REVENUE GENERATION for the Government ........ THAN TO OFFER ANY SOLUTION to the Problem created in the first place due to GOVERNMENT APATHY AND NON IMPLEMENTATION of dully laid out Rules and Laws ....... ........ Please look at previous attempts at giving Parking Solutions ...... Charging ONE TIME PARKING CESS and collection of CONVERSION CHARGES UNDER MPD-2021 ......... Millions of Rupees have been collected without any accountability and no corresponding Parking Infrastructure devel...