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उचित मूल्य की दुकानों की वित्तीय व्यवहार्यता बढ़ाने के लिए सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे: खाद्य सचिव

उचित मूल्य की दुकानों की वित्तीय व्यवहार्यता बढ़ाने के लिए सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे: खाद्य सचिव

आर्थिक, राष्ट्रीय, समाचार
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिवश्री सुधांशु पांडेय ने उचित मूल्य की दुकानों की वित्तीय व्यवहार्यता बढ़ाने पर एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इसके लिए सकारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस), पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल), सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (सीएससी) तथा सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियोंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भाग लिया। सीएससी के सीईओ ने सीएससी द्वारा उपलब्ध विभिन्न सेवाओं के बारे में एक प्रस्तुति दी। इसके बाद, सीएससी द्वारा इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए अलग-अलग राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के साथ मिलकरआयोजितअ...
कृषि स्टार्टअप्स में महिलाएं : आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के साथ मूल्यवर्धन” पर वेबिनार

कृषि स्टार्टअप्स में महिलाएं : आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के साथ मूल्यवर्धन” पर वेबिनार

EXCLUSIVE NEWS, आर्थिक
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने महिला किसान दिवस, 2021 मनाने के लिए हो रही कार्यक्रमों की श्रृंखला में “कृषि स्टार्टअप्स में महिलाएं : आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के साथ मूल्यवर्धन” पर आज एक वेबिनार का आयोजन किया। यह वेबिनार केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर के मार्गदर्शन और कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी की उपस्थिति में आयोजित की गई थी। वेबिनार के दौरान, श्री चौधरी ने आजादी के 75 साल के उपलक्ष्य में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के क्रम में 75 प्रगतिशील महिला किसानों और महिला उद्यमियों की सफलता की कहानियों का वर्णन करने वाली एक ई-बुक का भी विमोचन किया। वेबिनार का शुभारम्भ करते हुए, श्री कैलाश चौधरी ने कहा कि कृषि के विकास में महिलाओं का योगदान कई गुना बढ़ गया है। खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और स्थानीय कृषि जैव विविधता के संरक्षण में महिलाओं ने एक निर्णायक भू...
खरीदें सरकार बेच रही है 100% प्योर सोना, महज 4715 रुपये में

खरीदें सरकार बेच रही है 100% प्योर सोना, महज 4715 रुपये में

EXCLUSIVE NEWS, Today News, आर्थिक, समाचार
अगर आप भी सोने में निवेश के बारे में सोच रहे हैं तो आपके पास 100 फीसदी शुद्ध सोना खरीदने का सुनहरा मौका है. आप 25 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं. RBI ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए 4,765 रुपये प्रति ग्राम का भाव तय किया है. ऑनलाइन अप्लाई करने और डिजिटल पेमेंट करने पर प्रति ग्राम 50 रुपये का डिस्काउंट मिलेगा. यानी डिजिटल पेमेंट करने पर एक ग्राम सोने के लिए 4,715 रुपये चुकाने होंगे. वहीं 24 अक्टूबर को 24 कैरेट 1 ग्राम गोल्ड का बाजार मेंम भाव 4780 रुपये है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की 2021-22 सीरीज के तहत अक्टूबर 2021 से मार्च 2022 के बीच 4 चरणों में बॉन्ड जारी किए जाएंगे. वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 10 चरणों में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड लॉन्च किए जाएंगे. इसमें से मई 2021 से लेकर सितंबर 2021 तक 6 चरणों में गोल्ड बॉन्ड लॉन्च हो चुके हैं. ये सांतवीं सीरीज है. सॉवरेन गोल्ड...
दिवाली का बजट न बिगाड़े खाने के तेल की महंगाई

दिवाली का बजट न बिगाड़े खाने के तेल की महंगाई

आर्थिक
देश में खाद्य तेल के दाम पिछले कुछ महीनों में आसमान पर पहुंच गए थे, जिसके बाद सरकार ने कुछ सक्रियता दिखाते हुए स्टॉक लिमिट लगा दिया था. अब त्योहारी सीजन पर दाम काबू में रहें इसलिए आज यानी सोमवार को केंद्र सरकार की राज्यों के साथ एक अहम बैठक है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 10 अक्टूबर को घरेलू कीमतों को कंट्रोल करने और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के लिए, कुछ आयातकों और निर्यातकों को छोड़कर, खाद्य तेलों और तिलहन के व्यापारियों पर 31 मार्च तक स्टॉक लिमिट लगा दी थी.आज केंद्र सरकार अपने स्टॉक होल्डिंग लिमिट ऑर्डर पर की गई कार्रवाई की समीक्षा के लिए राज्यों के साथ वर्चुअल बैठक करेगी. स्टॉक लिमिट के तहत राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के उपलब्ध स्टॉक और खपत पैटर्न को ध्यान में रखते हुए खाद्य तेलों और तिलहन पर लगाए जाने वाले स्टॉक की सीमा तय करनी थी....
एमएसपी की जगह किसान को अगर अपनी फसल का मनमाना दाम चाहिए तो उनको ये काम करने पड़ेंगे

एमएसपी की जगह किसान को अगर अपनी फसल का मनमाना दाम चाहिए तो उनको ये काम करने पड़ेंगे

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१) सामान्यतः देश को जितनी आवश्यकता है उससे दोगुना अनाज उगाया जा रहा है। ऐसे में अनाज गोदामों में सड़ता है व शराब बनाने वाली कम्पनियाँ उनको सस्ते में ख़रीद लेती हैं। बेहतर हो कि किसान कम मात्रा में उगाए किंतु अच्छी गुणवत्ता का अनाज उगाए व ज़ेविक कृषि की ओर बढ़े तो उसको अपनी फसल के दाम मनचाहे मिलने शुरू हो जाएँगे। क्योंकि ऐसे अनाज की माँग अधिक होगी व आपूर्ति काम तो दाम बढ़ेंगे। २) किसान देश में मांसाहार पर प्रतिबंध लगाने अथवा सीमित करने की माँग करे क्योंकि इसके कारण लोग अनाज कम खाते हैं व किसान का अनाज सस्ते में बिकता है। मांसाहार पर प्रतिबंध लगने से अनाज की माँग बढ़ जाएगी व दाम भी। ३) किसान नक़दी फसलें, फल व सब्ज़ी का उत्पादन बढ़ाए जो उसको अतिरिक्त आमदनी करवाएँगे। इसके साथ ही पूर्व की तरह गाय , भेंस आदि दूध देने वाले पशुओं का पालन पुन शुरू करें जो उनकी सेहत भी सुधरेगा और आमदनी भी। ४) छोट...
क्यों डूबा लक्ष्मी विलास बैंक

क्यों डूबा लक्ष्मी विलास बैंक

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अगर बैंक्स का सही ऑडिट हो तो सारे बैंक्स की capital negative हैं । सारे बड़े loan बिना security के केवल share गिरवीं रखकर दिए जाते हैं ,consumer loan ,vehicle loan , सबमें बहुत npa है लेकिन बैंक के parmoter पागल थोड़ी हैं कि उनको पता नहीं की loan वापिस नही आएगा लेकिन बैंक में उनका पैसा ना मात्र का लगा होता है और जनता का पैसा बहुत अधिक । जैसे y bank में r kapoor का अधिक से अधिक 500 करोड़ लगा है और depositors की fd ,saving आदि में 200000 करोड़ रुपये लगा है । अगर y बैंक डूबता है तो राणा कपूर को कुछ नहीं होगा । अब सारा खेल 200000 करोड़ लूटने का है । बैंकिंग system आम जनता का पैसा कैसे लूटता है । 1. car कंपनियों से parmoter को पैसा मिलता है इसलिये कार loan चुटकी बजा कर हो जाता है वो भी बिना सिक्योरिटी के । दूसरी तरफ हाउसिंग loan जो पूरी तरह secure होता है उसको देने में बैंक आनाकानी करता है ,क...
किसानों की यह कैसी लड़ाई जिसे किसानों का ही समर्थन नहीं ?

किसानों की यह कैसी लड़ाई जिसे किसानों का ही समर्थन नहीं ?

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ऐसा पहली बार नहीं है कि सरकार द्वारा लाए गए किसी कानून का विरोध कांग्रेस देश की सड़कों पर कर रही है। विपक्ष का ताजा विरोध वर्तमान सरकार द्वारा किसानों से संबंधित दशकों पुराने कानूनों में संशोधन करके बनाए गए तीन नए कानूनों को लेकर है। देखा जाए तो ब्रिटिश शासन काल से लेकर आज़ादी के बाद आज तक हमारे देश की आधी से ज्यादा आबादी कृषि पर निर्भर होने के बावजूद हमारे देश में किसानों की हालत दयनीय है। कर्ज़ में डूबे किसानों की आत्महत्या के आंकड़े खुद इस तथ्य की सच्चाई बयाँ करते हैं। किसानों की इस दयनीय हालात से देश पर सबसे अधिक समय तक सत्ता में रहने का गौरव प्राप्त करने वाली कांग्रेस अनजान हो ऐसा भी नहीं है। यही कारण है कि वो कांग्रेस जब 70 सालों बाद देश से अपने लिए वोट मांगती है तो सरकार बनने के 100 दिनों के भीतर किसानों की कर्जमाफी का वादा करती है। यह अलग खोज का विषय है कि जिन राज्यों में वो ...
रोजगार के आंकड़ों में जादूगरी और स्थाई समाधान

रोजगार के आंकड़ों में जादूगरी और स्थाई समाधान

आर्थिक, विश्लेषण
देश बेरोजगारी के बड़े संकट से गुजर रहा है | आज सरकार या अन्य कोई बेरोजगारी कम होने का दावा करें तो बेमानी है | खरीफ की फसल के दौरान मिला रोजगार या मनारेगा से मिला रोजगार स्थाई प्रकृति का नहीं है | इसके आधार पर जीवनयापन होना मुश्किल है |रोज बढती जनसंख्या और वर्तमान माहौल के मद्देनजर कुछ नये उपाय फौरन सोचना होंगे |गैर-सरकारी संगठन सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनामी [सीएमआईई ]  के इस दावे से अनेक अर्थशास्त्री असहमत है कि भारत में बेरोजगारी की दर गिर रही है और वो महामारी से पहले के स्तर पर आ चुकी है|थोड़ी देर के लिए यह मान भी लें, कि यह रिपोर्ट सही है तो इसका मतलब है तालाबंदी में ढील दिए जाने के बाद जो आर्थिक गतिविधि फिर से शुरू हुई है और उससे रोजगार का सृजन हुआ है| लेकिन, क्या वाकई ऐसा हुआ है? सीएमआईई ने पिछले कुछ महीनों में कहा था कि जो बेरोजगारी दर मार्च में८ .७५ प्रतिशत थी, वह अप्रैल में ...
समय आ गया है आर्थिक चिन्तन का

समय आ गया है आर्थिक चिन्तन का

Uncategorized, आर्थिक
अब वो समय आ गया है, जब दिल्ली को वैश्विक अर्थव्यवस्था के संरचनात्मक रुझानों के बारे में भी चिंतन करना चाहिए, खासतौर से अमेरिका और चीन के बीच चल रही तनातनी को देखकर| इससे जुड़े कई सवाल हैं। जैसे, अमेरिका और चीन किस हद तक आपसी तनाव बढ़ाएंगे? क्या हमें भू-आर्थिक प्रतिस्पर्धा  के इस युग में किसी एक तरफ झुक जाना चाहिए? क्या भारत के लिए यह एक मौका है कि वह बाजार में विविधता की इच्छा रखने वालों और वैश्विक उत्पादन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए विनिर्माण क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा दे? यदि इसे आधार मानकर हम आगे बढ़ते हैं कि भारत को उच्च प्रौद्योगिकी वाले औद्योगिकीकरण, अधिक गुणवत्ता वाले विनिर्माण-कार्य, उत्पादों की आपूर्ति से जुड़ी व्यवस्था में अधिकाधिक रोजगार, और अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति शृंखला में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी की दरकार है, तो वैश्वीकरण में खलल डालने वाले इन रुझ...
सेना में हर स्तर पर अब महिलाएं संभालेंगी कमान

सेना में हर स्तर पर अब महिलाएं संभालेंगी कमान

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रक्षा मंत्रालय ने सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के लिये आदेश जारी कर दिया है. उच्चतम न्यायालय ने फरवरी में एक ऐतिहासिक निर्णय में निर्देश दिया था कि शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) योजना के तहत भर्ती की गईं सभी सेवारत महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने पर विचार किया जाए. सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने कहा कि सरकारी आदेश से सेना में बड़ी भूमिकाओं में महिला अधिकारियों की भागीदारी का रास्ता साफ हो गया है.  भारतीय सेना के सभी 10 अंगों में शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने का निर्देश देता है. सैन्य वायु रक्षा, सिग्नल, इंजीनियर, सैन्य विमानन, इलेक्ट्रॉनिक एवं मैकेनिकल इंजीनियर, सैन्य सेवा कोर और खुफिया कोर में अब महिलाये देश का प्रतिनिधित्व करती नज़र आएगी दुनिया में आज हर क्षेत्र में महिलायें आगे बढ़ रही है और ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कर रही ...