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आईएएस अधिकारी: ड्यूटी या डिजिटल स्टारडम?

आईएएस अधिकारी: ड्यूटी या डिजिटल स्टारडम?

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आईएएस अधिकारी: ड्यूटी या डिजिटल स्टारडम?"प्रशासन से पॉपुलैरिटी तक: आईएएस अधिकारियों का डिजिटल सफर""आईएएस अधिकारी: सोशल मीडिया स्टार या सच्चे सेवक?" आईएएस अधिकारियों का सोशल मीडिया पर बढ़ता रुझान एक नई चुनौती बनता जा रहा है। वे इंस्टाग्राम, यूट्यूब और ट्विटर पर नीतियों से जुड़ी जानकारियाँ और प्रेरणादायक कहानियाँ साझा कर रहे हैं, जो जागरूकता बढ़ा सकती हैं। लेकिन क्या यह डिजिटल स्टारडम उनकी वास्तविक प्रशासनिक जिम्मेदारियों से समझौता है? व्यक्तिगत छवि बनाने की होड़ में पारदर्शिता और निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है। ऐसे में एक संतुलन जरूरी है, जहां अधिकारी डिजिटल दुनिया में सक्रिय रहते हुए भी जनता की सेवा को प्राथमिकता दें। आईएएस अधिकारी: ड्यूटी या डिजिटल स्टारडम? भारत में सिविल सेवा हमेशा से ही सम्मान और प्रतिष्ठा का प्रतीक रही है। एक आईएएस अधिकारी का दायित्व न केवल नीतियों को लागू कर...
सनातन हिंदू धर्म एवं भारत में उत्पन्न समस्त मत पंथ विश्व में शांति चाहते हैं |

सनातन हिंदू धर्म एवं भारत में उत्पन्न समस्त मत पंथ विश्व में शांति चाहते हैं |

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सनातन हिंदू धर्म एवं भारत में उत्पन्न समस्त मत पंथ विश्व में शांति चाहते हैं प्रहलाद सबनानी भारत में सनातन हिंदू धर्म तो अनादि एवं अनंत काल से चला आ रहा है परंतु बाद के खंडकाल में भारत में कई अन्य प्रकार के मत पंथ भी विकसित हुए हैं जैसे बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म आदि। भारत में विकसित विभिन्न मत पंथ मूलतः सनातन हिंदू संस्कृति का ही अनुपालन करते हुए दिखाई देते हैं और ऐसा कहा जाता है कि यह समस्त मत पंथ सनातन हिंदू धर्म की विभिन्न धाराएं ही हैं। भारत में विकसित मत पंथ सामान्यतः अपने दर्शन, कर्मकांड एवं सामाजिक ताने बाने के दायरे में अपने धर्म का अनुपालन करते हैं। भारत में हिंदू धर्म के सिद्धांतों पर चलने वाले नागरिकों की संख्या सबसे अधिक हैं एवं यह भारत का सबसे बड़ा धर्म है, जिसमें विभिन्न देवी देवताओं और पूजा प्रथाओं की एक विस्तृत प्रणाली शामिल है। भारत में विकसित हुए मत पंथों म...
“केसीसी के नाम पर चालबाज़ी: निजी बैंकों की शिकारी पूँजी और किसानों की लूट”

“केसीसी के नाम पर चालबाज़ी: निजी बैंकों की शिकारी पूँजी और किसानों की लूट”

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"केसीसी के नाम पर चालबाज़ी: निजी बैंकों की शिकारी पूँजी और किसानों की लूट" डॉ सत्यवान सौरभ निजी बैंक किसानों को केसीसी योजना के तहत ऋण देते समय बीमा और पॉलिसियों के नाम पर चुपचाप उनके खातों से पैसे काट लेते हैं। हाल ही में राजस्थान में एक्सिस बैंक की ऐसी ही करतूत उजागर हुई जब एक किसान ने वीडियो बनाकर सच्चाई सामने रखी। यह केवल एक घटना नहीं, बल्कि पूरे बैंकिंग तंत्र में फैली एक भयावह प्रवृत्ति है। सरकार और आरबीआई की निष्क्रियता इसे और खतरनाक बनाती है। अब समय है कि किसान जागे, सवाल करे और अपना आर्थिक अधिकार माँगे। भारत एक कृषि प्रधान देश है। यह वाक्य हम स्कूलों में पहली कक्षा से पढ़ते आ रहे हैं, पर सवाल यह है कि क्या वाकई भारत का दिल किसानों के साथ धड़कता है? क्या सरकारें, बैंकिंग संस्थाएं, और आर्थिक नीति निर्माता इस कृषि प्रधानता का सम्मान करते हैं? हाल ही में राजस्थान के एक वी...
मजदूर दिवस: एक दिन सम्मान, साल भर अपमान

मजदूर दिवस: एक दिन सम्मान, साल भर अपमान

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मजदूर दिवस: एक दिन सम्मान, साल भर अपमान — प्रियंका सौरभ मजदूर दिवस केवल एक तारीख नहीं, श्रमिकों की मेहनत, संघर्ष और हक की पहचान है। 1 मई को मनाया जाने वाला यह दिन उस आंदोलन की याद है जिसने काम के सीमित घंटे, सम्मानजनक वेतन और श्रम अधिकारों की लड़ाई लड़ी। लेकिन भारत जैसे देशों में मजदूर आज भी असंगठित, असुरक्षित और उपेक्षित हैं। महिला श्रमिकों की स्थिति और भी दयनीय है। एक दिन की प्रतीकात्मक श्रद्धांजलि से आगे बढ़कर हमें हर दिन श्रमिकों को सम्मान, सुरक्षा और न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध होना होगा। तभी मजदूर दिवस वास्तव में सार्थक होगा। हर वर्ष 1 मई को मनाया जाने वाला मजदूर दिवस, श्रमिकों के संघर्ष, बलिदान और अधिकारों की रक्षा का प्रतीक है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि समाज की नींव उन हाथों से बनती है जो दिन-रात मेहनत करते हैं। लेकिन क्या हम सच में इन मेहनतकशों को वह सम्मान औ...
अंततः देश में जाति जनगणना: प्रतिनिधित्व या पुनरुत्थान?

अंततः देश में जाति जनगणना: प्रतिनिधित्व या पुनरुत्थान?

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अंततः देश में जाति जनगणना: प्रतिनिधित्व या पुनरुत्थान?  - प्रियंका सौरभ भारत में दशकों से केवल अनुसूचित जातियों और जनजातियों की गिनती होती रही है, जबकि अन्य जातियाँ नीति निर्माण में अदृश्य रहीं। जाति जनगणना केवल गिनती नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की नींव है। बिना सटीक आंकड़ों के आरक्षण, योजनाएं और संसाधन वितरण अधूरे रहेंगे। विरोध करने वालों को डर है कि उनके विशेषाधिकार चुनौती में पड़ सकते हैं। लेकिन यह गिनती वंचितों की दृश्यता और भागीदारी सुनिश्चित करने का औज़ार है, न कि समाज को तोड़ने का। जब नीति जाति पर आधारित हो, तो डेटा भी होना चाहिए। भारत को जातियों में बाँटा गया, लेकिन उसे जोड़ने की कोशिश कभी पूरी ईमानदारी से नहीं हुई। संविधान ने सबको समानता का अधिकार दिया, मगर समान अवसर की नींव जातिगत असमानता को पहचानने पर ही टिकती है। इसी बुनियाद पर जब आज जाति जनगणना की मांग ज़ोर पकड़ रह...
“अजमेर से इंस्टाग्राम तक: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल”

“अजमेर से इंस्टाग्राम तक: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल”

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"अजमेर से इंस्टाग्राम तक: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल" -प्रियंका सौरभ शिक्षा या शिकारी जाल? पढ़ी-लिखी लड़कियों को क्यों नहीं सिखा पाए हम सुरक्षित होना? अजमेर की छात्राएं पढ़ी-लिखी थीं, लेकिन वे सामाजिक चुप्पियों और डिजिटल खतरों से अनजान थीं। हमें यह स्वीकार करना होगा कि शिक्षा सिर्फ डिग्री नहीं, सुरक्षा भी सिखाए। और परवरिश सिर्फ आज्ञाकारी बनाने के लिए नहीं, संघर्षशील और सचेत नागरिक बनाने के लिए होनी चाहिए। हमारी बेटियां फंसती नहीं हैं, फंसाई जाती हैं—और जब तक शिक्षा सिर्फ अंकों तक सीमित रहेगी, ये शिकारी जाल बार-बार बुने जाते रहेंगे। पढ़ी-लिखी लड़कियों को यौन शोषण और ब्लैकमेलिंग के मामलों में इतनी आसानी से कैसे फंसने दिया जाता है? यह सवाल अक्सर तब पूछा जाता है, जब मीडिया में किसी लड़की के साथ यौन शोषण या ब्लैकमेलिंग का मामला सामने आता है। लेकिन यह सवाल गलत है। सही सवाल यह होना च...
बेतुके बयानों से बचें एवं राजनीतिक सहमति कायम रखें

बेतुके बयानों से बचें एवं राजनीतिक सहमति कायम रखें

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बेतुके बयानों से बचें एवं राजनीतिक सहमति कायम रखें- ललित गर्ग- पहलगाम की बर्बर आतंकी घटना ने भारत की आत्मा पर सीधा हमला किया है, इसमें पाकिस्तान की स्पष्ट भूमिका को देखते हुए देश की एक सौ चालीस करोड जनता चाहती है कि अब पाकिस्तान को सबक सीखाना जरूरी हो गया है, नरेन्द्र मोदी सरकार ने भी इसे गंभीरता से लिया और पाकिस्तान के खिलाफ कठोर एक्शन लेते हुए सिंधु जल को रोकने जैसे पांच कदम उठाये। दोनों ही देशों के बीच युद्ध की स्थिति बनी है, यह पहली बार देखने को मिला है कि इस घटना को लेकर कश्मीर सहित समूचा देश एक दिखाई दे रहा है। ऐसे क्रूर, आतंकी एवं अमानवीय हमले के वक्त में पूरा देश दुख और गुस्से की मनःस्थिति से गुजर रहा है, जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने शांति और सांप्रदायिक सद्भाव का एक सशक्त संदेश दिया है। सभी राजनीतिक दल, जाति, वर्ग, धर्म के लोग पाकिस्तान को करारा जबाव देने के लिये मोदी सरकार के हर ...
बीजेपी की मजबूरी है तमिलनाडु में गठबंधन की सियासत

बीजेपी की मजबूरी है तमिलनाडु में गठबंधन की सियासत

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बीजेपी की मजबूरी है तमिलनाडु में गठबंधन की सियासतसंजय सक्सेनाभारतीय जनता पार्टी और दिवंगत जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके के बीच तमिलनाडु में 2026 के विधानसभा चुनाव को लेकर हुआ गठबंधन ने तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक पार्टी की नींद उड़ा दी है। यह गठबंधन बीजेपी के रणनीतिकार अमित शाह की देन बताई जा रही है।हालांकि अभी तक दोनों दलों के दिल मिलते नहीं दिखाई दे रहे हैं। वजह हैं एआईएडीएमके नेता ई. पलानीस्वामी के बयानों में बार-बार आ रहा असमंजस। तमिलनाडु की राजनीति में यह कोई पहला मौका नहीं है जब चुनावी गणित के चलते विरोधी दलों ने हाथ मिलाया हो, लेकिन सत्ता साझा करने को लेकर जो स्पष्टता होनी चाहिए, उसकी यहां भारी कमी नजर आ रही है। अमित शाह ने खुद चेन्नई जाकर गठबंधन की सार्वजनिक घोषणा की, यहां तक कि दावा भी कर दिया कि अगली सरकार तमिलनाडु में एआईएडीएमके-बीजेपी की होगी। लेकिन जब पलानीस्वामी से इस बयान ...
बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों में भागीदारी

बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों में भागीदारी

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राकेश दुबे *बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों में भागीदारी* इसमें कोई शक नहीं है कि डिजिटल दौर ने बच्चों के जीवन को गहरे तक प्रभावित किया है। आज सोशल मीडिया भी युवाओं के संवाद का अभिन्न माध्यम बन गया है। साथ ही यह भी समझिए कि इसके साथ तमाम तरह के जोखिम भी जुड़े हैं, जिनसे किशोरों को बचाने की सख्त जरूरत है। अब हमारे देश भारत में वर्ष 2023 में लाए गए डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के नियमों के तहत नाबालिगों के लिये सोशल मीडिया अकाउंट खोलने के लिये माता-पिता या अभिभावकों की सहमति अनिवार्य है। निश्चिय ही यह बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा एक सराहनीय कदम है। दुनिया के विभिन्न देशों में ऐसे कानून पहले से ही मौजूद हैं। यूरोपीय संघ के जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन के लिये सोलह साल से कम उम्र के उपयोगकर्ताओं के लिये माता-पिता की सहमति अनिवार्य है। वहीं यूएस चिल्ड्रन ऑनलाइन प्राइवेसी प्रोटेक्शन ए...
आप-दा नहीं सहेंगे, बदल कर रहेंगे’, दिल्ली में परिवर्तन रैली में AAP पर बरसे पीएम मोदी

आप-दा नहीं सहेंगे, बदल कर रहेंगे’, दिल्ली में परिवर्तन रैली में AAP पर बरसे पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यू अशोक नगर में 13 किमी. लंबे नमो भारत ट्रेन के साहिबाबाद-न्यू अशोक नगर सेक्शन का उद्घाटन किया। उन्होंने साहिबाबाद से न्यू अशोक नगर तक नमो भारत ट्रेन में यात्रा भी की। इसके बाद पीएम ने दिल्ली के जापानी पार्क में रैली को संबोधित किया।