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इजरायल भारत और आसुरी जेहाद

इजरायल भारत और आसुरी जेहाद

Today News, राष्ट्रीय, सामाजिक
एक पिक अप कार में एक इजरायली महिला को लगभग नग्न अवस्था में अपने पैरों से दबाए कुछ हमास के आतंकवादी हैं,और उनके इस कृत्य का"अल्लाह हू अकबर" के नारों से समर्थन करती एक भीड़ है.. एक भीड़ जिसमें औरतें भी हैं और बच्चे भी.. वो बच्चे उस औरत के शरीर को नोच रहे हैं अपने हाथों से..उन बच्चों की माताएं उन्हें ये करने दे रही हैं..रोक नहीं रहीं,बल्कि वो भी इस कृत्य पर झूम रही हैं.. जिस महिला का शव फिलिस्तीनी आतंकवादियों द्वारा गाजा की ओर ले जा रहे एक पिक-अप ट्रक के पीछे वीडियो में देखा गया था,उसकी पहचान कर ली गई 30 वर्षीय शनि लॉक एक जर्मन नागरिक थी,उसका इजरायल से कोई संबंध नहीं था,वो गाजा सीमा बाड़ के पास आयोजित शांति के लिए संगीत समारोह में भाग लेने के लिए इज़राइल गई थी। शनि लॉक "शांति के उत्सव" में शामिल होने गई थी और वहां उसके साथ "शांति के मजहब" के नाम पर,बार बार बलात्कार और हत्या ...
संबंधों के बीच पिसते खून के रिश्ते

संबंधों के बीच पिसते खून के रिश्ते

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, साहित्य संवाद
 आज हम में से बहुतों के लिए खून के रिश्तों का कोई महत्त्व नहीं। ऐसे लोग संबंधों को महत्त्व देने लगे हैं। और आश्चर्य की बात ये कि ऐसा उन लोगों के बीच भी होने लगा है जिनका रिश्ता पावनता के साथ आपस में जोड़ा गया है। वैसे तो हमारे सामाजिक संबंधों और सगे रिश्तों में खूनी जंग का एक लंबा इतिहास रहा है। पर पहले इस प्रकार की घटनाएं राजघरानों के आपसी स्वार्थों के टकराने तक सीमित रहती थीं। लेकिन अब यह मुद्दा और भी गंभीर हो गया है, क्योंकि अब छोटे-छोटे निजी स्वार्थों को लेकर रक्त संबंधों अथवा नातेदारी संबंधों की बलि चढ़ाने में आमजन भी शामिल हो गए हैं। वर्तमान की इस सच्चाई को प्रस्तुत करने में कोई हिचक नहीं कि तकनीकी मूल्यो, पूंजी के जमाव, आक्रामक बाजार, सूचना तकनीकी के साथ में सोशल मीडिया से बढ़ती घनिष्ठता जैसे कारकों के फैलाव के सामने परिवार, समुदाय तथा इनमें समाहित...
ATTACK BY  TERRORISTS ON ISRAEL – A WARNING SIGNAL TO INDIA

ATTACK BY  TERRORISTS ON ISRAEL – A WARNING SIGNAL TO INDIA

TOP STORIES, राष्ट्रीय
N.S.Venkataraman     Sudden  and unprecedented attack on Israel by Hamas , who are viewed as Islamic terrorists by several countries , has caught the world by shock and surprise . This is not the first time that Islamic terrorists have struck in the world causing death and destruction. Of course, the most tragic attack was the September 11 attack on the twin towers in Newyork that killed thousands of innocent Americans. The next brutal attack of the Islamic terrorists was   26/11 attack in Mumbai in India  in 2008 when 175 people were killed   and later on another brutal attack  on Easter day in  Churches  in Sri Lanka took place, when more than 250 people were killed. In between , there were so many other brutal attack...
शरीर से ज्यादा मन को स्वस्थ बनाना जरूरी

शरीर से ज्यादा मन को स्वस्थ बनाना जरूरी

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस -10 अक्टूबर, 2023 पर विशेषशरीर से ज्यादा मन को स्वस्थ बनाना जरूरी- ललित गर्ग-प्रतिवर्ष पूरी दुनिया में 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागरूकता लाना है और समर्थन जुटाना है। मानव समुदाय को तनावरहित जीवन देकर अच्छा स्वास्थ्य और लंबी आयु प्राप्त करने में मदद करना भी इस दिन का ध्येय है। वैज्ञानिक प्रगति, औद्योगिक क्रांति, बढ़ती हुई आबादी, शहरीकरण, महंगाई, बेरोजगारी एवं आधुनिक जीवन के तनावपूर्ण वातावरण के कारण मानसिक रोगों में भारी वृद्धि हुई है। यह किसी एक राष्ट्र के लिये नहीं, समूचे विश्व के लिये चिन्ता का विषय हैं। आज जीवन का हर क्षेत्र समस्याओं से घिरा है, आपाधापी एवं घटनाबहुल जीवन के कारण तनाव एवं दबाव महसूस किया जा रहा है, चाहे वह काम हो, रिश्ते हों, जीवन से उम्मीदें हों। ...
अंग्रेजों का निमाड़ क्षेत्र में सामूहिक दमन

अंग्रेजों का निमाड़ क्षेत्र में सामूहिक दमन

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
वीर सीताराम कंवर के नेतृत्व में 78 क्राँतिकारियों के बलिदान ---रमेश शर्मा सत्य और स्वत्वाधिकार की स्थापना के लिये महा भारत के बाद सबसे बड़े महा युद्ध 1857 में भारतीय वीरों की पराजय के बाद अंग्रेजों ने देश में स्थानीय स्तर पर दमन आरंभ किया । जिसमें उनका लक्ष्य वनवासी क्षेत्र ही रहे । इसका कारण यह था कि उस 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की असफलता के बाद अधिकाँश क्राँतिकारी वनों में चले गये थे । अंग्रेजी टुकड़ियां उनकी तलाश करने वनों में टूट पड़ी । अंग्रेजी टुकड़ियों के वनवासियों पर हुये इस अत्याचार और आतंक का न तो कहीं विधिवत वर्णन मिलता है और न कहीं दस्तावेज । हाँ अंग्रेज अफसरों के पत्र व्यवहार में इसकी झलक अवश्य मिलती है । इसी से हम अनुमान लगा सकते हैं कि 1857 क्रांति की असफलता के बाद अंग्रेजों के दमन के कितने शिकार वनवासी अंचल ही हुये । इसमें मध्यप्रदेश के निमाड़ अंचल भी प्रमुख है ...
रुबिका लियाकत ने स्वीकारा कि पूर्वज हिन्दू थे

रुबिका लियाकत ने स्वीकारा कि पूर्वज हिन्दू थे

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बाँदा नबाब, शेख अब्दुल्ला नबाब छतारी से लेकर गुलामनबी आजाद तक सत्य स्वीकार करने वालों की लंबी श्रृंखला --रमेश शर्मा सुप्रसिद्ध टीवी एंकर रूबिका लियाकत ने हाल हीएक सार्वजानिक कार्यक्रम में स्वीकार किया कि उनके पूर्वज हिन्दू थे । पूर्वजों के हिन्दू होने का सत्य स्वीकार करने वाली रूबिका लियाकत पहली नहीं हैं। उनसे पहले असंख्य बुद्धीजीवी इस तथ्य को स्वीकार कर चुके हैं। इनमें 1857 की क्रांति में सहभागी बने बाँदा नबाब, कश्मीर में अलगाव की आग्नि प्रज्ज्वलित करने वाले शेख अब्दुल्ला, मध्यप्रदेश में राज्यपाल रहे कुँअर मेहमूद अली, काँग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद से लेकर बिहार सुन्नी बक्फ बोर्ड अध्यक्ष इरशादुल्लाह तक अपने पूर्वजों को हिन्दु बताने वालों की एक लंबी सूची है ।यूँ तो रुबिका लियाकत विभिन्न राष्ट्रीय चैनलों पर अपनी एकरिंग के लिये सदैव चर्चित रहीं हैं पर हाल हीतब और चर्चा मेंआईं जब एक ...
एशियाड 2023 में भारत की चमक से दुनिया चौंकी

एशियाड 2023 में भारत की चमक से दुनिया चौंकी

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
- ललित गर्ग-खेलों में ही वह सामर्थ्य है कि वह देश एवं दुनिया के सोये स्वाभिमान को जगा देता है, क्योंकि जब भी कोई अर्जुन धनुष उठाता है, निशाना बांधता है तो करोड़ों के मन में एक संकल्प, एकाग्रता एवं अनूठा करने का भाव जाग उठता है और कई अर्जुन पैदा होते हैं। अनूठा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी माप बन जाते हैं और जो माप बन जाते हैं वे मनुष्य के उत्थान और प्रगति की श्रेष्ठ, सकारात्मक एवं अविस्मरणीय स्थिति है। भारत की अनेकानेक अनूठी एवं विलक्षण उपलब्धियों के बीच चीन के हांगझू में आयोजित 19वें एशियाई खेलों में भारत एवं उसके खिलाड़ियों ने जिस तरह अपने पिछले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पीछे छोड़ते हुए 83 पदक अर्जित कर लिए, वह न केवल भारत के खिलाड़ियों बल्कि हर युवा के मन और माहौल को बदलने का माध्यम बनेगा, ऐसा विश्वास है। शतक पदकों की ओर बढ़ने की गौरवपूर्ण स्थिति से भारत में नयी ऊर्जा का संचार होगा, इससे न...
‘हेल्थ फ़ूड’ के नाम पर हमें क्या खिलाया जा रहा है?

‘हेल्थ फ़ूड’ के नाम पर हमें क्या खिलाया जा रहा है?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
*रजनीश कपूर आधुनिक जीवन की भाग-दौड़ में हम अपने भोजन पर उतना ध्यान नहीं देते जितना हमें स्वस्थ रहने के लिए देनाचाहिए। इसीलिए आए दिन हमारे शरीर में कोई-न-कोई दिक़्क़त उत्पन्न होती रहती है। रोज़मर्रा के खाने में पौष्टिकतत्वों की कमी के कारण अक्सर बीमार पड़ने पर डॉक्टर भी हमें ताज़ी और शुद्ध चीज़ें खाने की ही सलाह देते हैं।इसके साथ हमारी डाइट को ‘हेल्थ फ़ूड’ पर आधारित होने कि भी सलाह देते हैं। अपनी सेहत की चिंता करते हुएहम बाज़ार में ‘हेल्थ फ़ूड’ के नाम पर मिलने वाली वस्तुएँ ख़रीदने की होड़ में लग जाते हैं। परंतु यहाँ सवाल उठताहै कि क्या ‘हेल्थ फ़ूड’ के नाम पर बिकने वाले डिब्बा बंद या सील बंद उत्पादन वास्तव में हमारे शरीर के लिए‘हेल्थी’ हैं?बहुराष्ट्रीय कंपनियों के उत्पादनों ने बाज़ार में एक ऐसा मायाजाल बिछाया है जिसके शिकंजे में हम बड़ी आसानीसे फँस जाते हैं। यह कंपनियाँ अपने उत्पादनों को ‘हे...
<strong>विश्व शिक्षक दिवस – 5 अक्टूबर 2023 पर विशेष</strong>

विश्व शिक्षक दिवस – 5 अक्टूबर 2023 पर विशेष

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विश्व एक परिवार की भांति विश्व-शिक्षा भी एक हो- ललित गर्ग -दुुनिया की बहुत बड़ी शक्ति होती है-शिक्षक, उनकी प्रासंगिकता, अनिवार्यता और उपयोगिता कभी समाप्त नहीं हो सकती। शिक्षकों के कंधों पर ही उन्नत विश्व के निर्माण का गुरुत्तर दायित्व होता है। यदि इस दायित्व में थोड़ी-सी भूल रह जाती है तो समाज, राष्ट्र एवं विश्व के निर्माण की नींव खोखली रह जाती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ की महत्वपूर्ण इकाई संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा विश्व शिक्षक दिवस की शुरूआत 5 अक्टूबर, 1994 को गयी थी। इसका उद्देश्य विश्वभर के शिक्षकों द्वारा विश्व के लगभग दो अरब पचास करोड़ बच्चों के जीवन निर्माण मंे दिये जा रहे महत्वपूर्ण योगदान पर विचार-विमर्श करना है। यूनेस्को अपने कार्यक्रमों के द्वारा विश्व को शिक्षा, विज्ञान, शांति एवं प्रगति का सन्देश देने क...
जातीय जनगणना की राजनीति

जातीय जनगणना की राजनीति

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अवधेश कुमारइसमें दो राय नहीं कि जातीय जनगणना 2024 लोकसभा चुनाव में आईएनडीआईए की ओर से एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संपूर्ण गठबंधन से वाहवाही मिल रही है। उनके पास कहने के लिए भी है कि मैंने जो कहा उसे कर दिखाया। यानी जो मैं कर सकता हूं वह सभी राज्य कर सकते हैं और देश भी। पहली नजर में यह तर्क सामान्य तौर पर गले उतरता है कि आरक्षण का आधार जातियां है तो क्यों न देख लिया जाए कि कहां किस जाति की कितनी संख्या है तथा उनकी आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक स्थितियां क्या हैं? जातीय जनगणना के पक्ष में सबसे सबल तर्क यही है। बिहार में नीतीश सरकार ने इसके आंकड़े जारी किए हैं तो देश अवश्य देखेगा कि इनका इस्तेमाल वहां किस तरीके से होता है। बिहार सरकार कह रही है कि सरकार की नीतियों में इन आंकड़ों की वास्तविकता दिखाई देगी। इसके मायने क्या हैं?क्या गणना में जिस जाति की जितनी स...