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एशियाड 2023 में भारत की चमक से दुनिया चौंकी

एशियाड 2023 में भारत की चमक से दुनिया चौंकी

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- ललित गर्ग-खेलों में ही वह सामर्थ्य है कि वह देश एवं दुनिया के सोये स्वाभिमान को जगा देता है, क्योंकि जब भी कोई अर्जुन धनुष उठाता है, निशाना बांधता है तो करोड़ों के मन में एक संकल्प, एकाग्रता एवं अनूठा करने का भाव जाग उठता है और कई अर्जुन पैदा होते हैं। अनूठा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी माप बन जाते हैं और जो माप बन जाते हैं वे मनुष्य के उत्थान और प्रगति की श्रेष्ठ, सकारात्मक एवं अविस्मरणीय स्थिति है। भारत की अनेकानेक अनूठी एवं विलक्षण उपलब्धियों के बीच चीन के हांगझू में आयोजित 19वें एशियाई खेलों में भारत एवं उसके खिलाड़ियों ने जिस तरह अपने पिछले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पीछे छोड़ते हुए 83 पदक अर्जित कर लिए, वह न केवल भारत के खिलाड़ियों बल्कि हर युवा के मन और माहौल को बदलने का माध्यम बनेगा, ऐसा विश्वास है। शतक पदकों की ओर बढ़ने की गौरवपूर्ण स्थिति से भारत में नयी ऊर्जा का संचार होगा, इससे न...
‘हेल्थ फ़ूड’ के नाम पर हमें क्या खिलाया जा रहा है?

‘हेल्थ फ़ूड’ के नाम पर हमें क्या खिलाया जा रहा है?

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*रजनीश कपूर आधुनिक जीवन की भाग-दौड़ में हम अपने भोजन पर उतना ध्यान नहीं देते जितना हमें स्वस्थ रहने के लिए देनाचाहिए। इसीलिए आए दिन हमारे शरीर में कोई-न-कोई दिक़्क़त उत्पन्न होती रहती है। रोज़मर्रा के खाने में पौष्टिकतत्वों की कमी के कारण अक्सर बीमार पड़ने पर डॉक्टर भी हमें ताज़ी और शुद्ध चीज़ें खाने की ही सलाह देते हैं।इसके साथ हमारी डाइट को ‘हेल्थ फ़ूड’ पर आधारित होने कि भी सलाह देते हैं। अपनी सेहत की चिंता करते हुएहम बाज़ार में ‘हेल्थ फ़ूड’ के नाम पर मिलने वाली वस्तुएँ ख़रीदने की होड़ में लग जाते हैं। परंतु यहाँ सवाल उठताहै कि क्या ‘हेल्थ फ़ूड’ के नाम पर बिकने वाले डिब्बा बंद या सील बंद उत्पादन वास्तव में हमारे शरीर के लिए‘हेल्थी’ हैं?बहुराष्ट्रीय कंपनियों के उत्पादनों ने बाज़ार में एक ऐसा मायाजाल बिछाया है जिसके शिकंजे में हम बड़ी आसानीसे फँस जाते हैं। यह कंपनियाँ अपने उत्पादनों को ‘हे...
<strong>विश्व शिक्षक दिवस – 5 अक्टूबर 2023 पर विशेष</strong>

विश्व शिक्षक दिवस – 5 अक्टूबर 2023 पर विशेष

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विश्व एक परिवार की भांति विश्व-शिक्षा भी एक हो- ललित गर्ग -दुुनिया की बहुत बड़ी शक्ति होती है-शिक्षक, उनकी प्रासंगिकता, अनिवार्यता और उपयोगिता कभी समाप्त नहीं हो सकती। शिक्षकों के कंधों पर ही उन्नत विश्व के निर्माण का गुरुत्तर दायित्व होता है। यदि इस दायित्व में थोड़ी-सी भूल रह जाती है तो समाज, राष्ट्र एवं विश्व के निर्माण की नींव खोखली रह जाती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ की महत्वपूर्ण इकाई संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा विश्व शिक्षक दिवस की शुरूआत 5 अक्टूबर, 1994 को गयी थी। इसका उद्देश्य विश्वभर के शिक्षकों द्वारा विश्व के लगभग दो अरब पचास करोड़ बच्चों के जीवन निर्माण मंे दिये जा रहे महत्वपूर्ण योगदान पर विचार-विमर्श करना है। यूनेस्को अपने कार्यक्रमों के द्वारा विश्व को शिक्षा, विज्ञान, शांति एवं प्रगति का सन्देश देने क...
जातीय जनगणना की राजनीति

जातीय जनगणना की राजनीति

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अवधेश कुमारइसमें दो राय नहीं कि जातीय जनगणना 2024 लोकसभा चुनाव में आईएनडीआईए की ओर से एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संपूर्ण गठबंधन से वाहवाही मिल रही है। उनके पास कहने के लिए भी है कि मैंने जो कहा उसे कर दिखाया। यानी जो मैं कर सकता हूं वह सभी राज्य कर सकते हैं और देश भी। पहली नजर में यह तर्क सामान्य तौर पर गले उतरता है कि आरक्षण का आधार जातियां है तो क्यों न देख लिया जाए कि कहां किस जाति की कितनी संख्या है तथा उनकी आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक स्थितियां क्या हैं? जातीय जनगणना के पक्ष में सबसे सबल तर्क यही है। बिहार में नीतीश सरकार ने इसके आंकड़े जारी किए हैं तो देश अवश्य देखेगा कि इनका इस्तेमाल वहां किस तरीके से होता है। बिहार सरकार कह रही है कि सरकार की नीतियों में इन आंकड़ों की वास्तविकता दिखाई देगी। इसके मायने क्या हैं?क्या गणना में जिस जाति की जितनी स...
वन नेशन वन इलेक्शन एक अच्छी योजना है ।

वन नेशन वन इलेक्शन एक अच्छी योजना है ।

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क्या वन नेशन वन इलेक्शन नीति कंजुसाई (पैसा बचाने की नीति) सोच नहीं है , मैं नहीं विपक्षी (लीब्रां डू गेंग) सोच रहा है, क्या पैसा बचाना लोकतंत्र की हत्या माना जाएगा ?वन नेशन वन इलेक्शन एक अच्छी योजना है । इसके फायदे ज्यादा हैं , नुकसान कम हैं । अमेरिका में भी चुनाव का निश्चित टाइम टेबल है । नवंबर माह के प्रथम मंगलवार को चुनाव हर चौथे साल होते हैं । नई सरकार उसके 3 महीने बाद 20 जनवरी को शपथ ग्रहण करती है । बीच के 3 महीने अनाड़ी लोगों को ट्रेनिंग देने के लिए होते हैं कि सरकार चलाने में क्या करना है और क्या नहीं करना है । वहां सरकार 4 साल के लिए चुनी जाती है । केंद्रीय सरकार में राष्ट्रपति का चुनाव उपराष्ट्रपति के साथ जनता द्वारा सीधे होता है । उसी समय राज्यों के गवर्नर का चुनाव भी होता है । राष्ट्रपति के इस्तीफा देने, मृत्यु या महाभियोग की स्थिति में उपराष्ट्रपति जो उसी पार्ट...
Why Gandhi was fond of meeting students, visiting schools

Why Gandhi was fond of meeting students, visiting schools

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 Vivek Shukla Notwithstanding his busy schedules, Mahatma Gandhi always finds time for students. He visits schools and colleges often. He even became a teacher of both young and old. When he came to Delhi for the first time on 12 April, 1915, he stayed at the St. Stephen’s college. He was then only Mr MK Gandhi. He became Mahatma Gandhi and Bapu later. According to Father George Solomon of Delhi Brotherhood Society (DBS) that had established St. Stephen’s college, “ Gandhiji arrived here with his wife, Kasturba Gandhi ji. They were received at Delhi Junction by principle of the college, Prof. S.K. Rudra, his several colleagues and some students.” St. Stephens college moved to new or the present campus only in 1941.  But before we move further, we should know as to why he stayed...
शाकाहार-क्रांति से ही नयी विश्व-संरचना संभव

शाकाहार-क्रांति से ही नयी विश्व-संरचना संभव

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विश्व शाकाहार दिवस- 1 अक्टूबर, 2023- ललित गर्ग-बढ़ती बीमारियां के कारण जीवन की कम होती सांसों ने इंसान को शाकाहारी बनने के लिये विवश किया है, सत्य भी यही है कि शाकाहार एक उन्नत जीवनशैली है, निरापद खानपान है। न केवल बुद्धिजीवी बल्कि आम व्यक्ति भी अब शाकाहारी जीवन प्रणाली को अधिक आधुनिक, प्रगतिशील और वैज्ञानिक मानने लगे हैं एवं अपने आपको शाकाहारी कहने में प्रगतिशील व्यक्ति होने का गर्व महसूस करते हैं। शाकाहार को बल एवं प्रोत्साहन देने के लिये ही विश्व शाकाहार दिवस, प्रतिवर्ष 1 अक्टूबर को पूरे विश्व में मनाया जाता है। यह 1977 में उत्तरी अमेरिकी शाकाहारी समाज का स्थापना दिवस है और 1978 में अंतर्राष्ट्रीय शाकाहारी संघ द्वारा ‘शाकाहार से खुशी, करुणा और जीवन-वृद्धि की संभावनाओं को बढ़ावा देने’ के लिये इसका समर्थन किया था, यह शाकाहारी जीवन शैली के नैतिक, पर्यावरणीय, स्वास्थ्य और मानवीय लाभों के ब...
भारतीय परिवारों की भौतिक आस्तियों में अतुलनीय वृद्धि दृष्टिगोचर है

भारतीय परिवारों की भौतिक आस्तियों में अतुलनीय वृद्धि दृष्टिगोचर है

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किसी भी देश के लिए शुद्ध वित्तीय बचत की दर अधिक होना अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा मापदंड माना जाता है क्योंकि वित्तीय बचत की राशि अंततः पूंजी निर्माण करते हुए देश के आर्थिक विकास को गति देने में मुख्य भूमिका निभाती है। बचत दरअसल दो प्रकार की होती है, एक, वित्तीय बचत एवं द्वितीय, भौतिक आस्तियों के रूप में की गई बचत। भारतीय स्टेट बैंक के आर्थिक अनुसंधान विभाग द्वारा जारी एक प्रतिवेदन में बताया गया है कि भारत के परिवारों में हाल ही के समय में वित्तीय बचत की दर कुछ कम होकर परिवारों द्वारा भौतिक आस्तियों के रूप में की गई बचत में अतुलनीय वृद्धि दृष्टिगोचर हुई है। भारत में परिवारों की शुद्ध वित्तीय बचत जो केंद्र एवं राज्य सरकारों एवं गैर वित्तीय संस्थानों के लिए आय का मुख्य साधन है, वित्तीय वर्ष 2022-23 में गिरकर सकल घरेलू उत्पाद का 5.1 प्रतिशत रह गई है। यह बचत दर वित्तीय वर्ष 2020-21 में 11...
नेहरू द्वारा मिशनरियों को प्रचार की खुली छूट..

नेहरू द्वारा मिशनरियों को प्रचार की खुली छूट..

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9 अक्टूबर 1952 को भारत में ईसाइयों की एक प्रमुख प्रतिनिधि राजकुमारी अमृत कोर (कपूरथला के राजा के भाई, All India Conference of Indian Christians के पहले अध्यक्ष हरनाम सिंह KCIE/ Knight Commander of the Most Eminent Order of the Indian Empire/की बेटी और केन्द्रीय मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री) ने नेहरू जी को बिहार और मध्यप्रदेश में भारतीय और विदेशी ईसाई मिशनों और मिशनरियों के प्रति भेदभाव बरतने की शिकायत की। (राजकुमारी जी को Dame of Grace of the Order of St John of Jerusalem की उपाधि प्राप्त थी)।इस पर नेहरू जी ने मुख्यमंत्रियों को आदेश और ज्ञान देने के लिए लगभग पाक्षिक तौर पर लिखे जाने पत्रों में से एक, 17 अक्टूबर 1952 को लिखे पत्र में आदेश दिया। इसका मूल अँग्रेजी और उसका (इस पोस्ट के लेखक द्वारा किया गया) हिन्दी अनुवाद प्रस्तुत है। "I have sometimes recieved complaints from Chr...
भारत में जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देना ही होगा

भारत में जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देना ही होगा

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भारत अपनी ऊर्जा की कुल आवश्यकता का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा कच्चे तेल के रूप में आयात करता है एवं भारत के कुल आयात में कच्चे तेल की भागीदारी सबसे अधिक है। इससे भारत के विदेश व्यापार में असंतुलन पैदा होता है तथा विदेश व्यापार घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। कच्चे तेल को परिष्कृत कर पेट्रोल एवं डीजल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, जो कि जीवाश्म ऊर्जा की श्रेणी में आता है, इससे कार्बनडाई आक्सायड नामक गैस वातावरण में फैलती है और देश का पर्यावरण दूषित होता है। अतः अब समय आ गया है कि भारत में जीवाश्म ऊर्जा के उपयोग को कम करते हुए जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा दिया जाय। इस दृष्टि से हाल ही में जी-20 सम्मेलन के इत्तर भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की घोषणा 9 सितम्बर 2023 को की। 9 संस्थापक सदस्य और 2 पर्यवेक्षक देश इस लॉंचिंग में शामिल हुए। वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन...