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2 जून हिन्दवी स्वराज्य स्थापना दिवस

2 जून हिन्दवी स्वराज्य स्थापना दिवस

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ज्येष्ठ शुक्लपक्ष त्रियोदशी (2 जून) हिन्दवी स्वराज्य स्थापना दिवस भारत में शोषण मुक्त समाज रचना का उद्देश्य था हिन्दवी स्वराज का --रमेश शर्मा छत्रपति शिवाजी महाराज पूरे भारत में स्वत्व स्वाभिमान और आत्मनिर्भर समाज की रचना करना चाहते थे । अपने इस संकल्प को आकार देने के लिये ही आक्रमणकारी सत्ताओं के बीच हिन्दवी स्वराज्य की नींव रखी गई थी ।वह ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष त्रियोदशी विक्रम संवत् 1731 (ईस्वी सन्1674) की तिथि थी जब दक्षिण भारत के रायगढ़ किले में हिन्दवी स्वराज्य यनि हिन्दू पदपादशाही की नींव रखी गई थी । इसी दिन शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ था । उस वर्ष यह तिथि 6 जून को थी । इस वर्ष यह तिथि 2 जून को पड़ रही है । इसलिये इस वर्ष वर्षगाँठ का यह आयोजन 2 जून से होगा । यह स्वाभिमान उत्सव कहीं एक सप्ताह सप्ताह तो कहीं पूरे पन्द्रह दिन चलता है । चूँकि शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक उत्सव...
बदल रही है कश्मीर की फिज़ा

बदल रही है कश्मीर की फिज़ा

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-बलबीर पुंज जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में तीन दिवसीय (22-24 मई) जी-20 पर्यटन कार्यसमूह की तीसरी बैठक हुई। यह घटनाक्रम कश्मीर के संदर्भ में इसलिए भी ऐतिहासिक है, क्योंकि जी-20 समूह वैश्विक आर्थिकी में 85 प्रतिशत, व्यापार में 75 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी रखता हैं। डल झील के निकट आयोजित भव्य कार्यक्रम में यूरोपीय संघ, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी सहित 29 देशों के 60 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सोचिए, जो क्षेत्र अगस्त 2019 तक— केवल मजहब केंद्रित आतंकवाद, पाकिस्तान समर्थित अलगाववाद, उन्मादी भीड़ द्वारा सेना के काफिले पर आए दिन होने वाले पथराव, जिहादियों को स्थानीय लोगों द्वारा समर्थन और भारत-हिंदू विरोधी नारों के लिए कुख्यात था, वहां विश्व के सबसे बड़े बहुदेशीय बैठकों में से एक का सफल आयोजन हुआ है। आखिर यह सब कैसे संभव हुआ? भारत ने जी-20 बैठक के माध्यम से कश्मीर में हो रहे...
सेंगोल क्या है और इसकी इतिहास कितनी पुरानी है ? जिसे नए संसद भवन में रखा जाएगा.

सेंगोल क्या है और इसकी इतिहास कितनी पुरानी है ? जिसे नए संसद भवन में रखा जाएगा.

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सेंगोल का 'इतिहास' काफी पुराना है,और यह चोला साम्राज्य से जुड़ा हुआ है. इसकी जरूरी बात यह है कि यह जिसे प्राप्त होता है, उससे "राज्य की प्रजा" निष्पक्ष और न्यायपूर्ण शासन की आशा करते है. "सेंगोल राजदंड" औपचारिक अवसरों पर चोल सम्राटों द्वारा ग्रहण किया जाता था और इसका इस्तेमाल उनके "अधिकार" को दर्शाने के लिए किया जाता था ! बता दूं कि सेंगोल शब्द की "उत्पत्ति" संस्कृत से "संकु" शब्द से हुई है जिसका अर्थ "शंख" होता है ! सनातन धर्म में शंख को काफी पवित्र माना जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन को देश को समर्पित करेंगे. हालांकि, नाम मात्र 19 विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया है और महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी से नए संसद भवन का उद्घाटन कराने की मांग किया है. यह विपक्षी पार्टियों का एक 'Propaganda' है और उनका टार्गेट नरेंद्र मोदी है !! चलिए अब पोस्ट की 'विषयवस्त...
Fake game of NAAC & NIRF

Fake game of NAAC & NIRF

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India is an academic powerhouse. At least, that is the picture you get from the records of the National Assessment and Accreditation Council (NAAC). Of India’s accredited universities, 140 or one of every three has a top A grade. Of these, 42 are at pole position with an impressive A++. When it comes to colleges, 546 have an A grade, 319 an A+ and 87 an A++.The stakes are high because such ratings allow a college to open its doors to foreign students, seek grants or even acquire autonomy to grant degrees. Eight universities, largely private and deemed, have so far been accorded scores by this body of evaluators that are even higher than those for the Indian Institute of Science, which is India’s pre-eminent institute, according to National Institutional Ranking Framework (NIRF) rankin...
जी-20 देशों ने कश्मीर की बदलती तस्वीर को देखा

जी-20 देशों ने कश्मीर की बदलती तस्वीर को देखा

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-ललित गर्ग - श्रीनगर में जी-20 के पर्यटन कार्यसमूह के तीन दिवसीय सम्मेलन से जम्मू-कश्मीर के बदलते सुखद एवं लोकतांत्रिक स्वरूप, पर्यटन को नई दिशा मिलने एवं बॉलिवुड के साथ रिश्ते मजबूत होने का आधार मजबूत हुआ है। बीते 75 साल से जो हालात रहें, जिनमें विदेशी ताकतों का भी हाथ रहा है, उसमें एक पनपी सामाजिक शोषण, आतंक, अन्याय, अशांति एवं पक्षपात की व्यवस्था को पूरी तरह समाप्त कर दिये जाने की तस्वीर सामने आयी है। वैश्विक और टिकाऊ पर्यटन को प्रोेत्साहन देने की दृष्टि से सम्मेलन का कश्मीर में आयोजन जम्मू कश्मीर की 1.30 करोड़ की आबादी के लिए गौरव की बात है।श्रीनगर में डल झील के किनारे शेर-ए-कश्मीर इंटरनैशनल कन्वैंशन सेंटर में भारत सरकार ने जी-20 से जुड़े इस आयोजन को भव्य एवं सुरक्षित परिवेश देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। चीन एवं पाकिस्तान के विरोध के बावजूद भारत ने अपने आंतरिक मामलों में किसी अन्...
किरण रिजूजू को हटाया गया या उनका टास्क पूरा हो गया..??

किरण रिजूजू को हटाया गया या उनका टास्क पूरा हो गया..??

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पहले तो समझिए कि किरण रिजूजू बहुत जूनियर मंत्री थे जिन्हें एकाएक कानून मंत्रालय जैसा बड़ा पोर्टफोलियो दिया गया था। जाहिर है जिसने दिया है उसने कुछ टास्क भी दिया था। अब किरण रिजूजू क्या कर रहे थे?अपने टास्क अनुसार लगातार न्यायपालिका पर हमलावर थे।उन्होंने हर उस तरह न्यायपालिका पर हमला किया जो अभी तक आमजन के अंदर था लेकिन कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट के डर से आमजन उसे बोलने से डरता था। उन्होंने अपने टास्क के तहत आमजन को वो ताकत दी कि करो न्यापालिका को एक्सपोज, कंटेम्प्ट होगा तो पहले मेरा होगा। इसके बाद वो खुद भी कोर्ट पर हमलावर हुए।उन्होंने भाई भतीजावाद पर हमला किया कि ये खुद से खुद ही जज चुन लेते हैं।उन्होंने ये भी कहा कि इनके कुछ जज तो रिटायर होने के बाद एन्टी इंडिया फोर्स जॉइन कर लेते हैं।उन्होंने ये भी कहा कि ये 4-5 जज बैठकर भारत का फैसला नही कर सकते हैं।उन्होंने ये भी कहा कि ये जज तो अपन...
<strong>क्यों भारत को चाहिएं कई सुधा मूर्ति</strong>

क्यों भारत को चाहिएं कई सुधा मूर्ति

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क्या पैसे वाले मनुष्यता में नहीं करते यकीन या क्यों भारत को चाहिएं कई सुधा मूर्ति आर.के. सिन्हा श्रीमती सुधा   नारायणमूर्ति की शख्सियत से कोई बिना प्रभावित हुये नहीं रह सकता। उन्होंने अपने पति एन. नारायणमूर्ति को अपनी कंपनी खोलने के लिए अपने प्रिय गहने तक बेच डाले थे। उन्होंने पति को पैसे देकर उन्हें प्रेरित किया कि वे अपने हिस्से के आकाश को छू लें। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सास सुधा मूर्ति जब कोई बात कहती हैं तो उसके पीछे उनके जीवन भर का अनुभव और दर्शन छिपा होता। उन्होंने कुछ दिन पहले एक टीवी के कार्यक्रम में उन लोगों को प्यार-प्यार में कसा जिनके लिए जीवन में  पैसा ही सब कुछ होता है। इस तरह के लोग पैसे के आगे शेष सभी चीजों को गौण ही मानते हैं। ये उन स्त्रियों को भी दोयम दर्जे का ही मानते हैं जो साड़ी या सवार-कमीज पहनती हैं। सुधा जी ने इस बाबत अपने साथ घटी एक सच्...
<em>आखिर क्यों बंद होने जा रहे हैं दो हजार रूपये के नोट ?</em>

आखिर क्यों बंद होने जा रहे हैं दो हजार रूपये के नोट ?

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डॉ. अजय कुमार मिश्राभारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने एक आदेश के तहत दो हजार के नोटों को वापस लेने का फैसला लिया है | वर्ष 2016 में जब नोटबंदी हुई थी तब उस समय की आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए इन्हें बाजार में लाया गया था | नोटों को वापस लेने के पीछे आर.बी.आई. का कहना है की 89% दो हजार के नोट मार्च 2017 के पहले जारी किये थे और ये नोट अपनी अवधि पूरी कर चुके है | प्रचलन में इन बैंक नोटों का कुल मूल्य, 31 मार्च, 2018 को अपने चरम पर ₹6.73 लाख करोड़ से घटकर ₹3.62 लाख करोड़ हो गया है | 31 मार्च, 2023 तक, प्रचलन में कुल नोटों का केवल 10.8% ही दो हजार के नोट थे | आर.बी.आई. का यह भी कहना है की दो हजार के नोट साधारणतया प्रयोग में नहीं है | ऐसे में दो हजार की नोट को लेकर आम आदमी के जेहन में कई बातें है जिसकी जानकारी से ही उद्देश्यों की पूर्ति हो पायेगी | आइये जानते है की आखिर क्यों बंद होने जा रहें ह...
अब चुनाव तो बस, आर्थिक सरोकार का लेन-देन है

अब चुनाव तो बस, आर्थिक सरोकार का लेन-देन है

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आगामी विधानसभाओँ और लोकसभा चुनाव के पहले ही यह प्रश्न उपस्थित हो गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ‘अजेय’ हैं? भाजपा जिस मोदी नाम केवलम के सहारे चुनावी वैतरणी पार कर दिल्ली के सिंहासन पर निष्कंटक राज्य का दिवास्वप्न देख रही थी उसे यह समझ आ जाना चाहिए कि उसके नेतृत्व के धुआंधार प्रचार के बावजूद भाजपा को चुनावी पराजय दी जा सकती है। जो कर्नाटक के जनादेश से साबित हो गया है। यह तर्क ऐसा भी नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी के नौ साल के अनवरत कार्यकाल के कारण उनकी छवि में ठहराव आया है अथवा उनके प्रति मोहभंग होने लगा है। कर्नाटक में भाजपा के पक्ष में 36 प्रतिशत से अधिक वोट आए हैं। उसका साफ अर्थ है कि न तो भाजपा के खिलाफ प्रचंड सत्ता-विरोधी लहर थी और न ही मतदाता उसके प्रति उदासीन हुआ है। बीते चुनाव 2018 में वोट प्रतिशत इससे कम ही था और कांग्रेस को 38.4 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन सीटों के मामले मे...
पहलवानों के धरना का अंत तत्काल नहीं

पहलवानों के धरना का अंत तत्काल नहीं

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अवधेश कुमार जंतर - मंतर पर पहलवानों का धरना धीरे-धीरे उस अवस्था में पहुंच गया जहां से इसका अंत होना इस समय कठिन लग रहा है। किसान संगठन और खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों ने अपना जो तेवर दिखाया उससे साफ है कि धरने को लंबा खींचने की रणनीति बना दी गई है। हालांकि उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की आगे सुनवाई करने से इंकार कर दिया। न्यायालय ने कहा कि महिला पहलवानों को कोई शिकायत है तो संबंधित मजिस्ट्रेट के न्यायालय या उच्च न्यायालय में जाएं। उच्चतम न्यायालय ने महिला पहलवानों की ओर से मामले की जांच की निगरानी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराए जाने की मांग भी खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा कि याचिका में प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की गई थी वह हो गई है और सुरक्षा की बात थी वह भी उद्देश्य पूरा हो गया है। ध्यान रखिए, पीठ में प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा, न्यायमूर्ति जे पी पार...