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अयोध्या में प्रभुश्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद भारत की आर्थिक विकास दर जा सकतीहै 10 प्रतिशत के पार

अयोध्या में प्रभुश्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद भारत की आर्थिक विकास दर जा सकतीहै 10 प्रतिशत के पार

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किसी भी देश में आर्थिक विकास को अतुलनीय गति देने में केवल 10 वर्ष का समय बहुत कम माना जाता है। इतिहास गवाह है कि कई देशों को आर्थिक विकास की रफ्तार को गति देने में दशकों लग जाते हैं। चीन ने वर्ष 1980 का आसपास अपने देश में आर्थिक सुधार कार्यक्रम लागू किए थे परंतु इनका परिणाम दशकों बाद दिखाई दिया था, लगभग यही स्थिति अन्य देशों की भी रही है। परंतु, भारत ने पिछले केवल 10 वर्षों के दौरान अर्थ के कई क्षेत्रों में पूरे विश्व को राह दिखाई है। भारत में आधारभूत ढांचे को विकसित करने पर विशेष ध्यान दिया जा गया है क्योंकि किसी भी देश के आर्थिक विकास को गति देने में आधारभूत ढांचे का विकसित अवस्था में होना अति आवश्यक माना जाता है। भारत में वर्ष 2013 में केवल 4,100 किलोमीटर रेल्वे लाइन का विद्युतीकरण किया जा सका था जो वर्ष 2023 में बढ़कर 28,100 किलोमीटर का हो गया है। राष्ट्रीय हाईवे भी वर्ष 2014 क...
स्कूली शिक्षा की चुनौतियों को गंभीरता से लेना होगा

स्कूली शिक्षा की चुनौतियों को गंभीरता से लेना होगा

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-ललित गर्ग- नया भारत एवं विकसित भारत को निर्मित करने का मुख्य आधार शिक्षा है, लेकिन भारत की ग्रामीण शिक्षा को लेकर आयी एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (ग्रामीण) 2023 चिन्ताजनक एवं चुनौतीपूर्ण है। इस सर्वे में ग्रामीण भारत में छात्रों की स्कूली शिक्षा और सीखने की स्थिति की तस्वीर बयां की गई है, ग्रामीण शिक्षा की इन निराशाजनक स्थितियों पर गौर करना जरूरी है। यह सर्वे 26 राज्यों के 28 जिलों में किया गया और 34,745 युवाओं तक इस सर्वे की पहुंच रही। ग्रामीण छात्रों ने जो तथ्य एवं सच्चाई व्यक्त की है, उसके अनुसार 14 से 18 आयु वर्ग के बच्चे अपनी क्षेत्रीय भाषा में दूसरी कक्षा के स्तर तक का पाठ नहीं पढ़ पाते। इस उम्र के तीसरी-चौथी क्लास के गणित के सामान्य से प्रश्नों को हल न कर सकें तो यह कोई अच्छी स्थिति नहीं कही जा सकती। ग्रामीण युवाओं की पसंद विज्ञान एवं तकनीकी विषयों की बजाय आर्ट्स विषय ही हो...
<strong>गणतंत्र दिवस पर याद रखना इन बालवीरों को</strong>

गणतंत्र दिवस पर याद रखना इन बालवीरों को

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आर.के. सिन्हा हर साल जनवरी का महीने आते ही देश में गणतंत्र दिवस की तैयारियां अपने चरम पर पहुंच जाती हैं। राजधानी दिल्ली में तो गणतंत्र दिवस की तैयारियों बाकी जगहों से अधिक बड़े स्तर पर होती हैं क्योंकि राजधानी दिल्ली में ही गणतंत्र दिवस परेड निकलती है। उस परेड का हिस्सा वे बालवीर भी होते हैं, जिन्हें देश उनके साहस, सूझबूझ और शौर्य के लिए  सम्मानित कर रहा होता है। वे जब राष्ट्रपति जी को सलामी देते हुए आगे बढ़ते हैं, तो कर्तव्यपथ (पहले राजपथ) में उपस्थित जनसमूह उनका हर्षध्वनि से स्वागत करता है। गणतंत्र दिवस परेड का 1959 से हिस्सा हैं बालवीर पुरस्कार विजेता। यह कुछ साल से खुली जीप में निकलने लगे हैं। हालांकि लंबे समय तक यह हाथियों पर सवार होते थे। पर मेनका गांधी के विरोध के बाद इन्हें हाथियों पर बैठाने की परंपरा को रोक दिया गया। बालवीर गणतंत्र दिवस परे...
वित्तीय वर्ष 2024 में भारत की आर्थिक विकास दर का सही आंकलन नहीं कर पा रहे हैं विदेशी वित्तीय संस्थान

वित्तीय वर्ष 2024 में भारत की आर्थिक विकास दर का सही आंकलन नहीं कर पा रहे हैं विदेशी वित्तीय संस्थान

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वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद के बारे में विदेशी वित्तीय संस्थान अभी भी व्यावहारिक रूख नहीं अपना पा रहे हैं। विभिन्न वित्तीय संस्थानों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत की आर्थिक विकास दर 6 से 6.5 प्रतिशत रह सकती है। जबकि वित्तीय वर्ष 2023-24 की प्रथम तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और द्वितीय तिमाही में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। आगामी दो तिमाही में भारत की आर्थिक विकास दर यदि 5.5 प्रतिशत भी रहती है तो यह पूरे वित्तीय वर्ष के लिये 6.5 प्रतिशत से ऊपर रहने वाली है। परंतु, केंद्र सरकार एवं कुछ राज्य सरकारों द्वारा किए जा रहे पूंजीगत खर्चों, ग्रामीण इलाकों के बढ़ रही उत्पादों की मांग, विभिन्न कम्पनियों की लगातार बढ़ रही लाभप्रदता, वस्तु एवं सेवा कर संग्रहण एवं प्रत्यक्ष कर संग्रहण में वृद्धि दर को देखते हुए इस ...
UNFINISHED  TASKS  FOR  PM MODI  DURING NEXT 5 YEARS

UNFINISHED  TASKS  FOR  PM MODI  DURING NEXT 5 YEARS

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N.S.Venkataraman                              UNFINISHED  TASKS  FOR  PRIME MINISTER  MODI  DURING NEXT FIVE YEARS There appears to be an overwhelming consensus view in India that Mr. Modi should be elected as the Prime Minister of India for the third time during the forthcoming parliamentary election . If one were to take  a holistic view of the performance of Mr. Modi as Prime Minister during the last ten years, it would become very clear that there have been many positives  and a few negatives in his administration. Further,  discerning observers   would tend to think that whatever negative aspects of Mr. Modi’s administration has not been due to him but...
13 जनवरी 1948 : गाँधीजी के जीवन अंतिम अनशन

13 जनवरी 1948 : गाँधीजी के जीवन अंतिम अनशन

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13 जनवरी 1948 : गाँधीजी के जीवन अंतिम अनशन पाकिस्तान को 55 करोड़ रुपए देने और सद्भाव के लिये दिल्ली में मुस्लिम घरों की सुरक्षा प्रमुख माँग --रमेश शर्मा अनशन और अहिसंक आँदोलन से स्वतंत्रता संग्राम में एक नया मोड़ लाने वाले गाँधीजी का अंतिम अनशन स्वतंत्रता के बाद 13 जनवरी 1948 को आरंभ हुआ जो पाँच दिन चला था । भारत में साम्प्रदायिक सद्भाव बनाने के लिये किये गये इस अनशन की कुल पाँच माँगों में दो माँगे प्रमुख थीं। एक तो दिल्ली में उन मुसलमानों के घर हिन्दु शरणार्थियों से खाली कराए जाये जो पाकिस्तान चले गये और दूसरा रोके गये पचपन करोड़ रुपये पाकिस्तान को जारी किये जाँय ।भारतीय स्वतंत्रता का सूरज सामान्य नहीं था । देश विभाजन के समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले दायित्ववान अधिकारियों ने उन नागरिकों की पूरी सुरक्षा की गारंटी ली थी जो स्वेच्छा से अपना देश बदलना चाहते हैं। लेकिन पाकिस्तान में ...
जापान विमान दुर्घटना से सबका

जापान विमान दुर्घटना से सबका

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रजनीश कपूरदुनिया भर में विमान यात्राएँ हर दिन बढ़ती जा रहीं हैं। विमान में यात्रा करते समय आपको आपातकाल के नियमों से परिचित भी कराया जाता है। परंतु जो भी हवाई यात्री अधिक यात्राएँ करते हैं वो विमान में दिये जाने वाले सुरक्षा व आपात नियमों को न तो ध्यान से पढ़ते हैं और न ही ऐसी जानकारियों को ध्यान से सुनते हैं। इसलिए जब भी कभी कोई हादसा होता है तो उस समय अफ़रा-तफ़री का माहौल बन जाता है। परंतु कुछ दिन पहले हुए एक ख़तरनाक विमान हादसे में केवल 5 लोगों की मौत हुई जबकि 379 यात्रियों को आग के गोले में तब्दील हुए एक विमान से सुरक्षित निकाला गया। ऐसा केवल इसलिए संभव हो सका क्योंकि विमान के क्रू ने अपनी ट्रेनिंग में जो कुछ भी सीखा था, उस पर उस स्थिति में पूरी तरह से अमल किया। इसके साथ ही संयमित यात्रियों ने भी सभी सेफ्टी प्रोटोकॉल्स के पालन करने में कोई कमी नहीं छोड़ी।गत 2 जनवरी को जापान एयरला...
हिंडेनबर्ग पर शीर्ष न्यायालय के फैसले के मायने

हिंडेनबर्ग पर शीर्ष न्यायालय के फैसले के मायने

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अवधेश कुमारअडानी हिंडेनबर्ग मामले में उच्चतम न्यायालय न्यायालय के फैसले का पहला विवेकशील निष्कर्ष यह है कि सरकार के विरुद्ध किसी मुद्दे को उठाने और उसे बड़ा बनाने के पहले उस पर पर्याप्त शोध और सोच-विचार किया जाना चाहिए। न्यायालय के फैसले को आधार बनाएं तो हिंडेनबर्ग रिपोर्ट को लेकर भारत और भारतीयों के संपर्क से पूरी दुनिया में जो बवंडर खड़ा हुआ, शेयर मार्केट से लेकर स्वयं गौतम अडानी की कंपनियों को जो नुकसान पहुंचा तथा नरेंद्र मोदी सरकार को लेकर पैदा हुआ संदेश सभी तत्काल निराधार साबित हुए हैं। न्यायालय यह कहते हुए याचिकाओं को निरस्त कर दिया कि हिंडेनबर्ग के आरोपों की जांच के लिए सीट या विशेष जांच दल गठित करने यानी किसी दूसरी एजेंसी को सौंपने की आवश्यकता नहीं है। याचिकाकर्ताओं की ओर से बार-बार सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड आफ इंडिया यानी सेबी की जांच को प्रश्नों के घेरे में लाने को भी न्याया...
लोककला के नाम पर अश्लीलता परोसना शर्मनाक

लोककला के नाम पर अश्लीलता परोसना शर्मनाक

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लोक गायकों के नाम पर अश्लील लिंक्स से सोशल मीडिया बाजार भरा पड़ा है। कई चैनलों पर भी इस तरह के गीतो का प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ा है। गीत बिकवाने की होड़, व्यूज और लाइक्स के जरिए पैसा कमाने की लालसा, इन सबने पहले ही संस्कृति व विरासत धूमिल कर डाली है क्योंकि गीत संगीत ही एक ऐसा माध्यम होता है जो समाज को संदेशो का पैगाम देती है। आज ये पैगाम अपनी दिशा बदल चुके हैं। विभिन्न बस स्टेशनों, चलने वाले विभिन्न जीप-कार, बसों में जो गीत सुनने को मिलते हैं उनमें छिछोरापन व लम्पटीकरण का अंदाज साफ झलकता है। इन गीतों का श्रवण विशेषकर युवा वर्ग आनंदपूर्वक करता है। कई अवसरों पर शादी-व्याह आदि उत्सवों में कुछ बुजुर्ग जन भी इस तरह के गीतों पर जमकर ठुमके लगाते हैं। सांस्कृतिक परम्परा पर चिंतन करने वाले लोग इसे लोक संगीत पर गहरी ठेस मानते हैं। आशिकी अंदाज के साथ पाश्चात्य ...
<strong>“इतिहास रचतें पीएम नरेन्द्र मोदी, वैश्विक मीडिया में क्यों हो रही जमकर तारीफ ?”</strong>

“इतिहास रचतें पीएम नरेन्द्र मोदी, वैश्विक मीडिया में क्यों हो रही जमकर तारीफ ?”

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डॉ अजय कुमार मिश्रा किसी भी राजा के शासन की वास्तविक उपलब्धि न केवल जन मानस के लिए किये जा रहे आधारभूत बदलाव के कार्य होतें है, बल्कि आम जन मानस समेत विरोधियों में भी राजा के कार्यों की छवि और चर्चा किस स्वरुप में है ! यही निर्धारित करता है की राजा का शासन उत्तम दर्जे का है या फिर नहीं ? देश के वर्तमान प्रधानमंत्री और ऐतिहासिक रूप से सबसे अधिक सफल नेतृत्वकर्ता के रूप में उन्होंने देश को पूर्ण रूप से परिवर्तित कर दिया है और अब आकर्षक परिणाम सभी के सामने है | फिर चाहें मूलभूत परिवर्तनों की बात है या वैश्विक आवश्यकताओं की पूर्ति की बात हो | सुधार और विकास का पहिया वैश्विक स्तर पर नई पहचान के साथ 5जी मोड में आगे बढ़ रहा है | अपने एक दशक के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी के लिए और सभी क्षेत्रों में कार्य किया है उन्होंने गरीबों और हाशिये पर पड़े लोगों के लिए, किसान क...