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परमात्मा के ज्ञान में ही सारा ज्ञान समाहित है!

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मानव सभ्यता के नव निर्माण के लिए आते हैं दिव्य अवतार:- यह पृथ्वी करोड़ों वर्ष पुरानी है। इस पृथ्वी का जीवन करोड़ों वर्ष का है क्योंकि जब से सूरज का जीवन है तब से मनुष्य का जीवन है। भारत की सभ्यता सबसे पुरानी है। आज मनुष्य का जीवन बहुत ही सुनियोजित एवं वैज्ञानिक ढंग से चल रहा है। यहाँ पर जो प्रथम मानव उत्पन्न हुआ वो बिठूर में गंगा जी के घाट के पास उत्पन्न हुआ। बिठूर में गंगा जी के पास एक छड़ी लगी हुई है जो कि यह इंगित करती है कि मनु और शतरूपा यही पर उत्पन्न हुए थे। मनुष्य चाहे पहले कंदराओं में रहता हो चाहे कृषि युग में रहता हो या किसी अन्य युग में सभी युगों में कोई न कोई मार्गदर्शक मानव सभ्यता का नव निर्माण करने के लिए आये। भारत का इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा है:- भारत का इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा है। पूरी दुनिया से लोग भारत की सभ्यता एवं संस्कृति को जानने के लिए विदेशों से आते रहते...

मनुष्य की पवित्र आत्मा अपनी नौकरी या व्यवसाय द्वारा प्रभु के गुण रूपी प्रकाश को प्रतिबिम्बित करती है!

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  (1) शरीर को प्रकृति से पोषण मिलता है तथा जीवनीय शक्ति आत्मा से मिलती है:- पृथ्वी, जल, अग्नि, आकाश और वायु इन पंचतत्वों से इस शरीर की रचना हुई है। शरीर को रोजाना पौष्टिक भोजन देकर तथा पंचतत्वों में संतुलन रखकर हम उसे लम्बी आयु तक हष्ट-पुष्ट तथा निरोग रखते है। लेकिन हम आत्मा को हर पल भोजन न देने की सबसे बड़ी भूल कर बैठते है। इस कारण से आत्मा कमजोर तथा मलिन हो जाती है। हमें यह ज्ञान होना चाहिए कि आत्मा का भोजन क्या है? आत्मा का भोजन लोक कल्याण की पवित्र भावना से अपनी नौकरी या व्यवसाय द्वारा हर पल अपनी आत्मा का विकास करके शरीर को जीवनीय शक्ति देना है। इस प्रयास से आत्मा अपने वास्तविक स्वरूप शुद्ध, दयालु तथा ईश्वरीय प्रकाश से प्रकाशित बनी रहती है। ऐसी पूर्णतया गुणात्मक आत्मा शरीर की मृत्यु के पश्चात् प्रभु मिलन की अपनी अंतिम मंजिल को प्राप्त करती है। मनुष्य द्वारा अपवित्र कार्यों द्...
माँग का सिन्दूर और उसकी उपयोगिता

माँग का सिन्दूर और उसकी उपयोगिता

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माँग में सिन्दूर लगाने की प्रथा अति प्राचीन है । सौभाग्यवती महिलाओं के सोलह श्रृृंगार में से एक श्रृंगार माथे पर माँंग में सिन्दूर लगाना भी है। हमारे समाज में वैदिक रीति की विवाह पद्धति में मंडप में कन्यादान विधि संपन्न्ा होने के बाद वर, वधू की माँग में सिन्दूर लगाता है तथा उसे मंगल सूत्र पहनाता है। इसके पश्चात कन्या अखण्ड सौभाग्यवती कहलाती है । सिन्दूर भारतीय समाज में पूजन-सामग्री का एक प्रमुख घटक है । देवी पूजन में माँ पार्वती, माँ दुर्गा के नौ रूप, माँ सीता तथा अन्य शक्ति स्वरूपा माताओं के पूजन में सिन्दूर का अपना एक विशेष महत्व है । देवी पूजन में सिन्दूर सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। आज भी नवविवाहिता अपनी मांग के अंदर सिंदूर बड़ी कुशलता पूर्वक लगाती है । सिन्दूर लगाने की प्रथा दक्षिण भारत की अपेक्षा उत्तर भारत में अधिक प्रचलित है । सिन्दूर माँ लक्ष्मी का भी प्रतीक है । इसीलिये गृह-लक...
हम कैसी दुनिया बनाना चाहते हैं?

हम कैसी दुनिया बनाना चाहते हैं?

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(अब से समस्या को तभी पकड़िये जब वह छोटी हो) पाकिस्तान में सिंध प्रांत की मशहूर दरगाह लाल शाहबाज कलंदर को आत्मघाती हमले से दहल गई। हमले में 100 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। आतंकवाद का संरक्षण देने वाला पाकिस्तान स्वयं आतंकवाद से सबसे ज्यादा पीड़ित है। वहीं प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सूफी अल्पसंख्यक समुदाय पर हुए इस हमले की निंदा की है। पाकिस्तानी अखबार द न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार लाल शाहबाज कलंदर जैसी सूफी दरगाह पर हमले से सब सकते में हैं। पवित्र दरगाह उस वक्त निशाना बनी, जब वहाँ भारी तादाद में बच्चे और औरतें भी मौजूद थे। यानी मकसद साफ था कि ज्यादा से ज्यादा जानें जाएं। वैसा ही हुआ भी। आतंकी हमलों की कड़ी में इस ताजा घटना ने कई सवाल उठाए हैं। सबसे बड़ा सवाल पाकिस्तानी खुफिया तंत्र की विफलता का है, जिसे इतनी बड़ी दरगाह के टारगेट होने की भनक तक नहीं हुई। घटना के बाद आतंकव...
BLOOD DONATION – SOME FACTS

BLOOD DONATION – SOME FACTS

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Some Facts on Blood Donation An adult has about 5 liters of blood in the body.Typically, about 300 ml (anywhere between 200 and 450 ml) of blood is taken by a blood bank (depending on requirement) from a person.The blood donated is recouped by the body within 2 to 7 days.One unit of blood (about 450 ml) helps save 3 lives.This is because, the blood taken from a donor is separated into its components (Red cells, White cells, Plasma and Platelets), each of which can be transfused into the blood of a recipient, separately.It takes approximately 10 minutes to remove one unit of blood from the donor . Including the time taken for filling up a form prior to donation, a physical examination (BP and weight) of the donor and the time to relax after donating blood, the whole process can be completed...