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शिक्षा : छात्र हिंसक क्यों हो रहे हैं?

शिक्षा : छात्र हिंसक क्यों हो रहे हैं?

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यह विडंबना देश का दुर्भाग्य ही है कि जिस उम्र में छात्रों को एकाग्र होकर पढ़ाई-लिखाई में बेहतर करके अपना भविष्य संवारना चाहिए था, उस उम्र में वे हिंसक गतिविधियों में लिप्त दिख रहे हैं। किशोरों में बढ़ती हिंसक प्रवृत्ति हमारे समाज के लिये एक चेतावनी ही है। आए दिन स्कूली छात्रों के खूनी टकराव और छात्रों की जान जाने की खबरें आ रही हैं। जो शिक्षकों और अभिभावकों के लिये गंभीर चिंता की बात है। विचारणीय प्रश्न यह है कि खेलने-खाने की उम्र में छात्रों के व्यवहार में यह आक्रामकता क्यों आ रही है? इसी संकट की आहट को महसूस करते हुए कुछ राज्य सरकारों के शिक्षा निदेशालयों ने स्कूलों को आदेश दिया है कि विद्यार्थियों के बस्ते की औचक जांच के लिए एक समिति बनायी जाए। जिसका मकसद है कि किसी लड़ाई-झगड़े में छात्रों को नुकसान पहुंचने वाली घातक वस्तुओं की निगरानी करना। ताकि किसी टकराव और संघर्ष की स्थिति म...
संदेशखाली जैसी घटनाओं का पश्चिम बंगाल की आर्थिक प्रगति पर हो रहा है विपरीत प्रभाव

संदेशखाली जैसी घटनाओं का पश्चिम बंगाल की आर्थिक प्रगति पर हो रहा है विपरीत प्रभाव

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किसी भी देश में आर्थिक प्रगति को गति देने के लिए उस देश में सामाजिक शांति बनाए रखना अति आवश्यक है। यही शर्त किसी भी राज्य की आर्थिक प्रगति के सम्बंध में भी लागू होती है। भारत का पश्चिम बंगाल राज्य कुछ वर्ष पूर्व तक भारत में सबसे तेज गति से आर्थिक प्रगति कर रहे राज्यों के बीच अग्रिम पंक्ति में रहता आया है। परंतु, हाल ही के वर्षों में पश्चिम बंगाल में शांति भंग होती दिखाई दे रही है, इसका प्रभाव स्पष्टत: इस राज्य के आर्थिक विकास पर भी विपरीत रूप से पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है।     विशेष रूप से पिछले कुछ वर्षों से पश्चिम बंगाल में सामाजिक ताना बाना छिन्न भिन्न होता दिखाई दे रहा है। पूरे राज्य में अराजकता का माहौल बन गया है, विशेष रूप से सनातन संस्कृति का पालन करने वाले बंगाल के शांति प्रिय नागरिकों पर असामाजिक तत्वों द्वारा लगातार हमले किए जा रहे हैं। उदाहरण के तौर पर हाल ही के...
<strong>मोदी के तीसरे कार्यकाल की सुखद आहट</strong>

मोदी के तीसरे कार्यकाल की सुखद आहट

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- ललित गर्ग- वर्ष 2024 के आम चुनाव सन्निकट हैं। भारतीय जनता पार्टी ऐतिहासिक एवं धमाकेदार जीत के प्रति आश्वस्त है। एक बार फिर प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी एक नयी पारी की शुरुआत करेंगे। प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी का यह तीसरा कार्यकाल अगले एक हजार वर्षों के लिए एक मजबूत नींव रखने का कार्यकाल होगा। इस अवधि में भारत दुनिया की तीसरी आर्थिक महाशक्ति बनने के साथ विश्वगुरु भी बन सकेगा। प्रधानमंत्री मोदी के दो कार्यकाल की समीक्षा करें तो स्पष्ट हो जाता है कि उनकी सरकार द्वारा उठाये गये हर कदम एवं उनकी हर बात राष्ट्र निर्माण की दिशा में बढ़ाये गये अनूठे, परिवर्तनकारी एवं सकारात्मक कदम रहे हैं। 2014 से पहले के भारत में भ्रष्टाचार, घोटालों और तुष्टिकरण की ही बात सामने आती थी लेकिन अब विकास, अविष्कार और नवाचार की बातें हो रही हैं, जिनमें नये भारत, सशक्त भारत की जड़े गहरी हुई है। ...
शादी के चोंचले

शादी के चोंचले

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शादी के चोंचले महंगी शादी करके जीवन भर की पूंजी लुटाना समझदारी है क्या।2 दिन की ताम झाम,शर्मा शर्मी और लोक दिखावे में अपने बच्चो का भविष्य खराब मत कीजिए।पैसा कमाना बहुत मुश्किल है आने वाला समय और चुनौतीपूर्ण है।महंगा प्री वेडिंग,महंगी ग्रैंड एंट्री,महंगा इवेंट,महंगा हनीमून,महंगे केट्रस,महंगे पकवान,महंगे गिफ्ट,महंगे सेट डेकोरेशन,पटाखे,महंगे संगीत कार्यक्रम,नए नए चोंचले और सीरियल के देखादेख शादी के कार्यक्रम,महंगे पहनावे,महंगी शॉपिंग सब क्षणिक दिखावा के रूप में विनाश के स्वरुप है।वक्त रहते संभल जाइए वरना आने वाला वक्त आपको संभलने का मौका भी नही देगा। आज कल ग्रामीण और शहरी परिवेश में होने वाली शादियों में एक नई रस्म का जन्म हुआ है । हल्दी रस्म के दौरान हजारों रूपये खर्च कर के विशेष डेकोरेशन किया जाता है, उस दिन दूल्हा या दुल्हन व पूरा परिवार, रिश्तेदार विशेष पीत (पीले) वस्त्र धारण करते है...
अब भारत से ब्रेन ड्रेन को कम करने का समय आ गया है

अब भारत से ब्रेन ड्रेन को कम करने का समय आ गया है

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अभी हाल ही में इजराईल ने हमास के साथ छिड़े युद्ध के बाद भारत से एक लाख कामगारों को इजराईल भेजने का आग्रह किया है क्योंकि लगभग इतनी ही संख्या में फिलिस्तीन के नागरिक इजराईल में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे थे। हालांकि, इजराईल द्वारा भारत से मांगे गए एक लाख कामगारों की संख्या में इंजीनियर भी शामिल हैं। इसी प्रकार ताईवान ने भी घोषणा की थी कि उसे लगभग एक लाख भारतीय इंजीनियरों की आवश्यकता है। इसके पूर्व जापान ने भी लगभग 2 वर्ष पूर्व घोषणा की थी कि वह 2 लाख भारतीय इंजीनियरों की भर्ती जापान में विभिन्न कम्पनियों में करेगा। एक अन्य समाचार के अनुसार, माक्रोसोफ्ट के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सत्या नंडेला एवं गूगल के मुख्य कार्यपालन अधिकार श्री सुंदर पिचाई भी प्रयास कर रहे हैं कि इनकी कम्पनियों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किस प्रकार भारतीय इंजीनियरों की भर्...
आनंद महिंद्रा जी, इस दोगलेपन की वजह क्या है?

आनंद महिंद्रा जी, इस दोगलेपन की वजह क्या है?

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आनंद महिंद्रा जी, इस दोगलेपन की वजह क्या है? क्रिकेट मैच के दौरान कमर्शियल ब्रेक में क्लब महिंद्रा के दो एड बार-बार चल रहे हैं। इसके एक एड में टीचर बच्चों से पूछती है कि बताओ बच्चो, वर्ल्ड की Second Longest Wall कहां पर है? इसके जवाब में एक छोटा बच्चा हाथ खड़ा करता है और कहता है कि राजस्थान के कुंभलगढ़ में…इसके बाद वो कुंभलगढ़ के बारे में और बहुत सारी बातें बताने लगता है। उसकी जानकारी सुन सारी क्लास हैरान हो जाती है और उसी हैरानी में क्लास टीचर भी उससे पूछती है कि तुम्हें ये सब बातें कैसे पता लगीं? जिसके जवाब में बच्चा इतराते हुए एक तरफ गर्दन फेंककर बताता है…मेरे पापा क्लब महिंद्रा के मेंबर जो हैं! इसी तरह के एक और एड में जब एक छोटी बच्ची बताती है कि वो इस बार गर्मियों की छुट्टियों में केरल, गोवा और हिमाचल गई और फिर वो बताती है कि मेरे पापा क्लब महिंद्रा के मेंबर है। जिस पर दूसरा बच्चा कह...
रामलहर में हिचकोले खाती भारतीय विपक्ष की राजनीति

रामलहर में हिचकोले खाती भारतीय विपक्ष की राजनीति

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रामलहर में हिचकोले खाती भारतीय विपक्ष की राजनीतिराममय भारत और रामद्रोही सिद्ध होता विपक्षविपक्ष ने खो दिया एक सुनहरा अवसरमृत्युंजय दीक्षितअयोध्या में 22 जनवरी 2024 को प्रभु श्रीरामलला का दिव्य भव्य प्राण प्रतिष्ठा का समारोह संपन्न हो जाने के बाद पूरे देश का वातावरण राममय है और स्वाभाविक रूप से भारतीय राजनीति भी इस राममय वातावरण से अछूती नही है। इसी राममय वातावरण के मध्य संसद व कई विधानसभाओं के बजट सत्रों का आयोजन हो रहा है किंतु चर्चा बजट की कम और रामराज्य की अधिक हो रही है। जिन विधानसभाओं में राजनैतिक कारणवश राम मंदिर के समर्थन में चर्चा नहीं हो पा रही है वहां विरोध में बैठकर भी भारतीय जनता पार्टी के विधायक जयश्रीराम का नारा लगाकर वातवारण को राममय बन रहे हैं और देश में रामलहर को तीव्र कर रहे हैं। बंगाल की विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने जयश्रीराम का नारा लगाया जबकि मुख्यमं...
कतर से भारतीय नौ सैनिक रिहा- असर भारत की सफल कूटनीति का

कतर से भारतीय नौ सैनिक रिहा- असर भारत की सफल कूटनीति का

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आर.के. सिन्हा कतर की जेल में बंद भारतीय नौसेनिकों को 18 महीने बाद जेल से रिहाई की सोमवार को जैसे ही खबर आई तो सारा देश ही झूम उठा। कुछ समय पहले इन अधिकारियों की मौत की सजा को अलग-अलग अवधि की जेल की सजा में बदल दिया गया था। तब देश को कम से कम यह संतोष तो था कि चलो हमारे नागरिकों की जान तो बच गई, पर देश यह भी प्रार्थना कर रहा था कि कतर की जेल में बंद भारतीय नागरिक रिहा होकर सकुशल देश वापस आ जाएं। बेशक, इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार की विदेश नीति की बड़ी सफलता ही  माना जाएगा कि कतर से फांसी की सजा घोषित हुए नागरिकों की आज रिहाई हो गई। वे सभी सकुशल और ससम्मान जनक तरीके से भारत की धरती पर वापस लौट आए। इस तरह से भारत की कुशल विदेश नीति को सारे संसार ने देखा और दांतों तले उंगलियाँ दबाकर आश्चर्य से देखते ही रह गये । अमूमन अरब देशों के शेख सामान्य तौर पर ज...
स्वास्थ्यकर्मी गुमनाम सिपाहियों को सलाम

स्वास्थ्यकर्मी गुमनाम सिपाहियों को सलाम

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’ रजनीश कपूरएक पुरानी कहावत हैए ष्लड़ती है फ़ौज और नाम कप्तान का होता है।ष् यह बात काफ़ी हद्द तक सही हैए क्योंकि वो फ़ौज काकप्तान ही होता है जो सारी रणनीति बनाता है। हर कप्तान को अपनी फ़ौज पर पूरा विश्वास होता है और उसी विश्वास परवह जंग में जीत हासिल कर लेता है। यह बात हर उस जंग के लिए कही जा सकती है जहां एक टीम के साथ उसका एककप्तान होता है। परंतु हर टीम में कुछ ऐसे गुमनाम सिपाही होते हैं जिन्हें हम नज़रअंदाज़ कर देते हैं। आज हम ऐसे ही कुछगुमनाम सिपाहियों का ज़िक्र करेंगे जिनके योगदान के बिना देश भर की स्वास्थ्य सेवा अधूरी है। यह स्वास्थ्यकर्मी आपको हरअस्पताल या बड़े क्लिनिक में दिखाई तो देते होंगे पर आपने इनकी सेवा पर इतना गौर नहीं किया होगा।पिछले सप्ताह मुझे कुछ दिनों के लिए दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में परिवार के एक सदस्य की तीमारदारी के लिये रुकनापड़ा। वहाँ पर हुए कुछ अनुभव के आधार पर...
देश को तोड़ने की मांग करने वाले कौन

देश को तोड़ने की मांग करने वाले कौन

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आर.के.सिन्हानिस्संदेह बजट प्रस्तावों की तीखी आलोचना करने में कोई बुराई भी नहीं है। आप देश के सामान्य नागरिक हों या फिर सांसद,आपको केन्द्रीय बजट पर अपनी बेबाक राय रखने का पूरा हक है। पर इस बात को देश का कोई नागरिक कैसे स्वीकार कर सकता है कि कोई इंसान सिर्फ इसलिए ही अलग देश बनाने की मांग करने लगे , क्योंकि उसे बजट प्रस्ताव पसंद नहीं आए। यह पूर्णतः अस्वीकार्य है। कांग्रेस सांसद डी. के. सुरेश ने यही किया। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट पर सुरेश ने दक्षिण भारत के लिए ‘अलग देश’ बनाने की ही मांग कर डाली। धिक्कार है ऐसे सांसद का ! अपमान है भारतीय संविधान का जिसकी शपथ लेकर वे चुने गये और पुनः संसद में वही शपथ लेकर बैठे । उन्होंने कहा है कि अगर विभिन्न करों से एकत्रित धनराशि के वितरण के मामले में दक्षिणी राज्यों के साथ हो रहे ‘अन्याय’ को ठीक नहीं किया गया...