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साहित्य संवाद

History and Literature: A comparative analysis

History and Literature: A comparative analysis

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What is History, how it is different from Literature, their inter-relation and how our Ramayana and Mahabharata are not just part of history but history themselves, and not literature: Explains Abhinav Shankar Anikul_ *===========================* What the history terms gruesomely, dismissively & witheringly otherwise; the literature treats in a generous, lenient & commiserative manner. In a way we see a strange paradox between these two here, but perhaps naturally so. Equally ironic is that today when it is a standard practice to look into literature while caricaturing the history, difficult to say how much of this paradox is acoounted while doing so. The History follows it's own simple & plain rules for describing things. It is utilitarian in it's basic purpose. It belie...
राजस्थान का अनुपम व्याख्यान

राजस्थान का अनुपम व्याख्यान

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एक रिपोर्ट : द्वितीय अनुपम स्मृति (19 दिसम्बर, 2018) कथाओं को खंगालने का वक्त लेखक: अरुण तिवारी   ''दबे पांव उजाला आ रहा है। फिर कथाओं को खंगाला जा रहा है। धुंध से चेहरा निकलता दिख रहा है कौन क्षितिजों पर सवेरा लिख रहा  है।''   ये शब्द, अंश हैं कानपुर में जन्मे यशस्वी कवि यश मालवीय की एक कविता के। तिथि थी, 19 दिसम्बर, 2018। अवसर था, हरित स्वराज संवाद द्वारा आयोजित द्वितीय अनुपम स्मृति का। इन शब्दों का उल्लेख कर रही थीं श्रीमती रागिनी नायक। रागिनी नायक यानी अनुपम फूफा जी की भतीजी, जनसत्ता और सहारा समय जैसे अखबारों में संपादन दायित्व निभा चुके...सकारात्मक पत्रकारिता के पैरोकार श्री मनोहर नायक की पुत्री और कांग्रेस की प्रवक्ता।   रागिनी जी, श्री अनुपम मिश्र जी का परिचय परोस रही थीं। चंद लम्हे, चंद जज्बात और चंद आंसुओं में वह वो सब बयां कर रही थीं, जो कुछ उन्होने अनुपम जी के पारिवार...
रामानुजन की कोहनी की कहानी

रामानुजन की कोहनी की कहानी

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कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज की लाइब्रेरी के किसी कोने में लगभग 50 वर्षों तक पड़े रहने वाले रहस्यमय गणितीय समीकरणों के कुछ पन्ने 'धूल जम जाने' के मुहावरे को सही अर्थों में चरितार्थ कर रहे थे। काली स्याही से हड़बड़ी में लिखे गए रहस्यमय गणितीय समीकरणों वाले उन लगभग 130 पन्नों को पहली नजर में देखने पर निरर्थक समझा जाता था। वर्ष 1976 में पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के गणितज्ञ डॉ जॉर्ज एंड्रयूज की नजर एक दिन उन पन्नों पर अचानक पड़ गई और जब उनमें लिखे हुए गणितीय रहस्यों का खुलासा हुआ तो दुनिया चमत्कृत हो गई। इन पन्नों के बारे में ही भौतिक विज्ञानी फ्रीमैन डायसन ने कहा था कि "फूल, जो रामानुजन के बगीचे में पके हुए बीजों से उगे हैं।" इन पन्नों में ही वे गणितीय समीकरण छिपे थे, जिन्हें मशहूर भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन ने मॉक थीटा नाम दिया था। वर्ष 1920 में रामानुजन ने इन समीकरणों को अपनी...
Eminent Hindi Writer Doodhnath Singh expired

Eminent Hindi Writer Doodhnath Singh expired

साहित्य संवाद
नहीं रहे प्रसिद्ध कथाकार दूधनाथ सिंह श्रद्धांजलि दूधनाथ सिंह का गुरुवार देर रात निधन हो गया। पिछले कई दिनों से वह इलाहाबाद के फीनिक्स हॉस्पिटल में भर्ती थे। प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित दूधनाथ सिंह को बुधवार रात हार्टअटैक आया था। उसके बाद गुरुवार सुबह उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया था जहां उन्होंने रात करीब 12 बजे अंतिम सांस ली। पिछले साल अक्तूबर माह में तकलीफ बढ़ने पर दूधनाथ सिंह को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली में दिखाया गया। जांच में प्रोस्टेट कैंसर की पुष्टि होने पर उनका वहीं इलाज चला। 26 दिसम्बर को उन्हें इलाहाबाद लाया गया। दो-तीन दिन बाद तबीयत बिगड़ने पर उन्हें फीनिक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से उनका वहीं इलाज चल रहा था। दो साल पहले उनकी पत्नी निर्मला ठाकुर का निधन हो चुका था। दूधनाथ सिंह अपने पीछे दो बेटे-बहू, बेटी-दामाद और नाती-पोतों से भरा परिवा...
पुष्प की अभिलाषा / माखनलाल चतुर्वेदी

पुष्प की अभिलाषा / माखनलाल चतुर्वेदी

साहित्य संवाद
चाह नहीं, मैं सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ, चाह नहीं प्रेमी-माला में बिंध प्यारी को ललचाऊँ, चाह नहीं सम्राटों के शव पर हे हरि डाला जाऊँ, चाह नहीं देवों के सिर पर चढूँ भाग्य पर इठलाऊँ, मुझे तोड़ लेना बनमाली, उस पथ पर देना तुम फेंक! मातृ-भूमि पर शीश- चढ़ाने, जिस पथ पर जावें वीर अनेक!
अटल जी की कविताएँ

अटल जी की कविताएँ

साहित्य संवाद
अटल जी की कविताएँ: 1: दो अनुभूतियां -पहली अनुभूति बेनकाब चेहरे हैं, दाग बड़े गहरे हैं टूटता तिलिस्म आज सच से भय खाता हूं गीत नहीं गाता हूं लगी कुछ ऐसी नज़र बिखरा शीशे सा शहर अपनों के मेले में मीत नहीं पाता हूं गीत नहीं गाता हूं पीठ मे छुरी सा चांद, राहू गया रेखा फांद मुक्ति के क्षणों में बार बार बंध जाता हूं गीत नहीं गाता हूं -दूसरी अनुभूति गीत नया गाता हूं टूटे हुए तारों से फूटे बासंती स्वर पत्थर की छाती मे उग आया नव अंकुर झरे सब पीले पात कोयल की कुहुक रात प्राची मे अरुणिम की रेख देख पता हूं गीत नया गाता हूं टूटे हुए सपनों की कौन सुने सिसकी अन्तर की चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा, काल के कपाल पे लिखता मिटाता हूं गीत नया गाता हूं ---------------------- 2. दूध में दरार पड़ गई खून क्यों सफेद हो गया? भेद में...
बाहुबली का ‘दक्षिण दोष’

बाहुबली का ‘दक्षिण दोष’

संस्कृति और अध्यात्म, साहित्य संवाद
जावेद अनीस बाहुबली भारतीय सिने इतिहास में मील का पत्थर साबित हुई है. यह देसी फैंटेसी से भरपूर एक भव्य फिल्म है जो अपने प्रस्तुतिकरण,बेहतरीन टेक्नोलॉजी, विजुअल इफेक्ट्स और सिनेमाई कल्पनाशीलता से दर्शकों को विस्मित करती है। एस.एस. राजामौली के निर्देशन में बनी यह फिल्म भारत की सबसे ज्यादा कमाने वाली फिल्म बन चुकी है। बाहुबली के दूसरे हिस्से के कमाई का आंकड़ा 1,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच चूका है। बाहुबली एक ऐसी अखिल भारतीय फिल्म बन गयी है जिसको लेकर पूरे भारत में एकसमान दीवानगी देखी गयी लेकिन इसी के साथ ही बाहुबली को हिंदुत्व को पर्दे पर जिंदा करने करने वाली एक ऐसी फिल्म के तौर पर भी पेश किया जा रहा है जिसने प्राचीन भारत के गौरव को दुनिया के सामने रखा है। एक ऐसे समय में जब भारत में दक्षिणपंथी विचारधारा का वर्चस्व अपने उरूज पर है, बाहुबली को इस खास समय का बाइप्रोडक्ट बताया जा रहा है। ...
प्रतियोगी पुस्तकें

प्रतियोगी पुस्तकें

साहित्य संवाद
झारखंड लोक सेवा द्वारा आयोजित प्रारम्भिक एवं मुख्य परीक्षाओं के लिए उपयोगी हर राज्य द्वारा संचालित होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं तैयारी करने वाली पुस्तक सबसे महत्वपूर्ण होती है। वंदना शेजवलकर द्वारा रचित झारखंड एक परिचय नामक पुस्तक ऐसी ही एक पुस्तक है जिसमें राज्य प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुसार तथ्यों को प्रस्तुत किया गया है। इस पुस्तक में राज्य की कला संस्कृति और राजनीतिक विविधता को बहुत ही बखूबी प्रस्तुत किया गया है। यह पुस्तक राज्य की सूचनाओं को आज के अनुसार अद्यतन रखा है। इस पुस्तक में तथ्यों का रणनीतिक रूप से योजना बनाकर ही प्रस्तुतिकरण किया गया है। चूंकि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए योजना बनाकर अध्ययन करना ही प्रतियोगी परीक्षाओं की पहली शर्त होती है। अत: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए लिखना बहुत ही अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाता है। तमाम तरह की कसौटियों पर यह पुस्तक एकदम खरा उतरती है। राज्य से...
गूगल ने दी भारतीय चित्रकार को श्रद्धांजली

गूगल ने दी भारतीय चित्रकार को श्रद्धांजली

साहित्य संवाद
आज सुबह से ही गूगल पर डूगल के रूप में एक तस्वीर थी.  लाल रंग के घोड़े! किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि आखिर गूगल पर वे क्यों हैं? आजकल गूगल अपने डूगल के माध्यम से नित ही नई जानकारी प्रदान कर रहा है. आज गूगल प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार जेमिनी रॉय को अपनी श्रद्धांजली दे रहा है. पश्चिम बंगाल में जन्मे श्री जेमिनी रॉय ने भारतीय कला का एक नया ही रंग दुनिया के सामने रखा. उन्होंने आधुनिकतावादी महान कलाकारों में से एक माना जाता है.  कला के प्रति उनके योगदान को सराहते हुए भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया. उनके चित्रों में संथाल से लेकर जीसस क्राइस्ट तक सभी सिमटे हुए हैं.  आज जो घोड़ा गूगल पर डूगल के रूप में है वह उनकी विख्यात पेंटिंग ब्लैक हॉर्स का डूडल संस्करण है.  ...
लता सुर गाथा को मिला सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ पुस्तक का राष्ट्रीय सम्मान

लता सुर गाथा को मिला सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ पुस्तक का राष्ट्रीय सम्मान

साहित्य संवाद
विख्यात लेखक यतीन्द्र मिश्र की पुस्तक लता सुर गाथा को इस वर्ष सिनेमा पर लिखी गयी सर्वश्रेष्ठ पुस्तक से सम्मानित किया जाएगा.  लेखक के रूप में यतीन्द्र मिश्र का नाम अपरिचित नहीं हैं.  इस पुस्तक में उन्होंने स्वर सामग्री लता मंगेशकर के जीवन के तमाम पहलुओं पर बात की है. लता सुरगाथा इस वर्ष की सर्वाधिक चर्चित पुस्तक भी रही थी. बहुमुखी प्रतिभा के धनी लेखक यतीन्द्र मिश्र को अब तक ऋतुराज सम्मान, राजीव गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार, भारत भूषण अग्रवाल स्मृति पुरस्कार, हेमन्त स्मृति कविता पुरस्कार, भारतीय भाषा परिषद युवा पुरस्कार, रज़ा पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.  स्वभाव से विनम्र यतीन्द्र मिश्र का रचनासंसार इतना व्यापक है कि उन्हें एक फलक में सहेजना संभव नहीं है....