
क्यों नहीं बदल रही भारत में बेटियों की स्थिति?
क्यों नहीं बदल रही भारत में बेटियों की स्थिति?
भारतीय परिवार कम से कम एक बेटा होना बहुत जरूरी मानते है। मगर बेटियां समाज और देश के लिए दशा और दिशा तय करती हैं। जिसके बिना न तो कोई तस्वीर मुकम्मल होती है न ही घर, न ही परिवार, न समाज, न देश। शायद समाज में अब भी ऐसे लोग होंगे जो बेटे की चाहत में जन्म से पहले ही बेटियों को मार देते होंगे। लेकिन इन सबके बीच देश के लिए एक सुकून भरी खबर ये है कि स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, मेडिकल, सिविल सेवा हर जगह बेटियां टॉप कर रही है। फिर भी बेटियों की स्थिति में वैसे सुधार क्यों नहीं जिनकी वे पूरी तरह हक़दार है?
-प्रियंका 'सौरभ'
पितृसत्ता समाज में सत्ता और नियंत्रण की एक जटिल और रहस्यमय संस्था है। पितृसत्ता एक पुरुष प्रधान संरचना का प्रतीक है जिसका एक लंबा इतिहास है और दुनिया के हर समाज में मौजूद है। दस में से नौ भारतीय इस धारणा से सहमत हैं कि...