बंग्लादेश की दुर्दशा
आज भारत देश को यह सत्य स्वीकार करना होगा कि बंग्लादेश भारत की मित्रता की परिधि से बाहर आ चुका है और आज वह अपने शत्रु देश पाकिस्तान के कट्टरपंथियों व उग्रवादियो के अधिकार क्षेत्र में पहुँच चुका है। वहाँ की न्यायपालिका, पुलिस, शासन, प्रशासन, चुनाव आयोग, विश्वविद्यालयों के कुलपति, सेना आदि सभी प्रमुख विभागों में जमात-ए-इस्लामी संगठन के कार्यकर्ताओं की नियुक्ति हो चुकी है और यह संगठन भारत का विरोधी तथा पाकिस्तान व अमेरिका का सहयोगी रहा है।बंग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के विरुद्ध वहाँ के छात्रों ने आन्दोलन इसलिए किया था, क्योंकि वे पूर्णतया भ्रष्टाचार में लिप्त हो चुकी थी। उन्होंने सभी स्तर पर शासन, प्रशासन, व संवैधानिक संस्थाओं में अपने कार्यकर्ताओं की नियुक्ति कर दी थी। वहाँ का सम्पूर्ण हिन्दु समुदाय शेख हसीना की पार्टी, आवामी लीग का समर्थक था। उसके कार्यकाल में वहाँ के हिन्द...