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डिजिटल युग के अपराधों पर कैसे लगे लगाम?

डिजिटल युग के अपराधों पर कैसे लगे लगाम?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, जीवन शैली / फिल्में / टीवी, विश्लेषण, साहित्य संवाद
डिजिटल युग के अपराधों पर कैसे लगे लगाम? राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आँकड़ों के अनुसार, साइबर उत्पीड़न के मामलों में वृद्धि हुई है, विशेष तौर पर महिलाओं के खिलाफ, परंतु नई संहिता ऐसे अपराधों के लिए कड़े दंड निर्दिष्ट नहीं करती हैं। उभरती प्रौद्योगिकियों से निपटने में कमियाँ है, नए कानून उभरती हुई प्रौद्योगिकियों से संबंधित अपराधों, जैसे कि क्रिप्टोकरेंसी घोटाले और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के दुरुपयोग को ध्यान में नहीं रखते हैं। क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी ने डिजिटल और आभासी वातावरण में अपराधों को संबोधित करने के लिए वर्तमान में एक कानूनी ढाँचे की आवश्यकता को दर्शाया है। हैकिंग, आइडेंटिटी थेफ्ट और साइबरस्टॉकिंग सहित साइबर अपराध के विभिन्न रूपों को लक्षित करते हुए विशिष्ट कानून बनाने की आवश्यकता है, ताकि पीड़ितों को प्रभावी विधिक सहायता मिल सके। -डॉ. सत्यवान सौरभ हाल ही में भारत की आपर...
फुल एक्शन में योगी और उनकी बुलेट ट्रेन से घबराए विरोधी

फुल एक्शन में योगी और उनकी बुलेट ट्रेन से घबराए विरोधी

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य, विश्लेषण
मृत्युंजय दीक्षितउत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के 33 सीटों पर सिमट जाने के बाद से ही ऐसा प्रतीत होने लगा था कि प्रदेश में समाजवादी समर्थित गुंडे एक बार फिर एक्टिव हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में अराजकतावादी अपराधी, सपा के प्रति सहानुभूति रखने वाले भ्रष्टाचार में संलिप्त कुछ अफसर व पुलिस कर्मी समाजवादी पार्टी की जीत के जश्न में यह भूल गए थे कि उत्तर प्रदेश में अभी भी योगी जी का ही राज है । जगह- जगह हिंसा व डर का वातावरण पैदा कर यह दिखाने का प्रयास किया जा रहा था कि अब तो योगी जी उप्र से जाने ही वाले हैं क्योंकि वह चुनावों में पराजित हो चुके हैं और बीजेपी आलाकमान उन्हें हटाने जा रहा है। अब यही जश्न अराजक समाजवादी तत्वों के लिए परेशानी का सबब बनने जा रहा है।बीते दिनों मोहर्रम के अवसर पर कइ जगह जुलूसों में जय फिलीस्तीन का नारा लगाते हुए उसका झंडा फहराकर प्रदेश में तनाव प...
क्या दुनिया को है सन्देश, जलता हुआ बांग्लादेश?

क्या दुनिया को है सन्देश, जलता हुआ बांग्लादेश?

BREAKING NEWS, Today News, राष्ट्रीय, सामाजिक
आरक्षण के मुद्दे पर बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया, वहाँ की प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा। अपने देश भारत में भी इन दिनों जाति को लेकर घमासान मचा हुआ है। बांग्लादेश हिंसा की आग में सुलग रहा है। हिंसा के बीच हालात बेहद खराब हो गए हैं। हजारों लोग सड़कों पर उतरकर सरकारी संपत्ति को आग के हवाले कर दिया है। बांग्लादेश संसद में वाद विवाद संवाद व्यवस्थित नही रहा, बांग्लादेश संसद ने जनता का यक़ीन खो दिया, बांग्लादेश में जो हालात बेकाबू हुए इससे साबित होता देश में जनता से बड़ा कोई नही, कुछ गलत निर्णय देश को सालों साल पीछे धकेल देते । गलत निर्णय कितने भारी पड़ गए बांग्लादेश को। -प्रियंका सौरभ किसी देश में तख्तापलट की संभावना आमतौर पर तब बनती है जब देश के तमाम लोग सरकार की नीतियों के खिलाफ होते हैं या फिर सरकारें तानाशाह बन जाती हैं यानी सरकारों को जनता के हितों से कोई मतलब न...
डियर आईएएस एस्पिरेंट ! आप भेड़ – बकरी नहीं हो !

डियर आईएएस एस्पिरेंट ! आप भेड़ – बकरी नहीं हो !

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
अनुज अग्रवाल, निदेशक करियर प्लसमैं पिछले 27 सालों करियर प्लस कोचिंग के माध्यम से सिविल सेवाओं की कोचिंग से जुड़ा हूँ। हज़ारों विद्यार्थी मेरी संस्था करियर प्लस से जुड़कर सिविल, इंजीनियरिंग सेवा, वन सेवा और राज्य सेवाओं की परीक्षाओं में न केवल सफल हुए बल्कि टॉपर्स भी रहे। हमारे विधार्थी और अध्यापकों में दृष्टि कोचिंग के निदेशक विकास दिव्यकीर्ति और मेड ईज़ी व नेक्स्ट आईएएस के निदेशक बी सिंह भी रहे हैं।आज जब तथाकथित बड़े कोचिंग संस्थानों के बड़े बड़े हॉल में ठूँसे हुए पाँच सात सौ या हज़ार बच्चों को एक साथ पढ़ते व पढ़ाते देखता हूँ तो मुझे इन कोचिंग संस्थाओं की मार्केटिंग की प्रशंसा करने पर मजबूर होना पड़ता है किंतु उसके साथ ही इनमें पढ़ रहे विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता पर शंका होने लगती है। १) प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थी अगर मार्केट गिमिक का शिकार हो जाए तो हम कै...
लोक सभा अध्यक्ष विवादों में क्यों?

लोक सभा अध्यक्ष विवादों में क्यों?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
-विनीत नारायणभारतीय लोकतंत्र की परंपरा काफ़ी सराहनीय रही है। लोक सभा भारत की जनता की सर्वोच्च प्रतिनिधि सभा है जहांदेश के कोने-कोने से आम जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि अपने क्षेत्र, प्रांत व राष्ट्र के हित में समस्याओं पर विमर्श करतेहैं। लोकतंत्र में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच लगातार नोक-झोंक का चलना बहुत सामान्य व स्वाभाविक बात है।सत्तापक्ष अपनी छवि बढ़ा-चढ़ा कर पेश करता है तो विपक्ष उसे आईना दिखाने का काम करता है। इससे मुद्दों परवस्तु स्थिति स्पष्ट होती है। इस नोक-झोंक का कोई बुरा नहीं मानता। क्योंकि आज जो सत्ता में हैं, कल तक वो विपक्षमें थे और तब वे भी यही करते थे जो आज विपक्ष कर रहा है। जो आज सत्ता में हैं कल वो विपक्ष में होंगे और फिर वेभी वही करेंगे। लेकिन इस नोक-झोंक की सार्थकता तभी है जब वक्ताओं द्वारा मर्यादा में रह कर अपनी बात रखीजाए।जब तक संसदीय कार्यवाही का टीवी पर प्रसारण न...
आम आदमी की बजट से उम्मीद !

आम आदमी की बजट से उम्मीद !

BREAKING NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, विश्लेषण
-विनीत नारायणजहां एक तरफ़ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश की आर्थिक प्रगति को लेकर लगातार अपनी पीठ थपथापतीरही हैं, वहीं देश के बड़े अर्थशास्त्री, उद्योगपति और मध्यम वर्गीय व्यापारी वित्त मंत्री के बनाए पिछले बजटों से संतुष्टनहीं हैं। अब नया बजट आने को है। पर जिन हालातों में एनडीए की सरकार आज काम कर रही है उनमें उससे किसीक्रांतिकारी बजट की आशा नहीं की जा सकती। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की लंबी चौड़ी वित्तीय माँगे,सत्तारूढ़ दल द्वारा आम जनता को आर्थिक सौग़ातें देने के वायदे और देश के विकास की ज़रूरत के बीच तालमेलबिठाना आसान नहीं होगा। वह भी तब जब भारत सरकार ने विदेशों से ऋण लेने की सारी सीमाएँ लांघ दी हैं। आजभारत पर 205 लाख करोड़ रुपए का विदेशी क़र्ज़ हैं। ऐसे में और कितना क़र्ज़ लिया जा सकता है? क्योंकि क़र्ज़ कोचुकाने के लिए जनता पर अतिरिक्त करों का भार डालना पड़ता है। जिसस...
Pooja Khedkar का Fraud सामने आते ही UPSC Chairman Manoj Soni का इस्तीफ़ा। जानिए क्या हैं सच

Pooja Khedkar का Fraud सामने आते ही UPSC Chairman Manoj Soni का इस्तीफ़ा। जानिए क्या हैं सच

BREAKING NEWS, Link of debates on various news channel participation by Dialogue India Group Editor Anuj Agarwal, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
विवादित आईएएस अधिकारी पूजा खेड़ेकर पर हुई कार्यवाही एवं यूपीएससी चेयरमैन मनोज सोनी के त्यागपत्र से सिविल सेवा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों में उपजे भ्रम पर “जय हिन्द न्यूज़” पर मेरा साक्षात्कार #upsc #upscexam #manojsoni #upsc #upscexam #manojsoni #poojakhedkar #civilservices #jaihindjanab #fraudes #punedm #maharashtra #modilive #modisarkar Pooja Khedkar का Fraud सामने आते ही UPSC Chairman Manoj Soni का इस्तीफ़ा। जानिए क्या हैं सच our social media platform: Youtube:   / @jaihindjanab   Twitter :   / jaihindjanaab   Facebook page:   / jaihindjanabnews   Website: https://www.jaihindjanab.com Delhi Political News Noida Greater Noida Police Rahul Gandhi PM Modi Narendra Modi BJP Congress Bharatiya janta Party TMC Aam Adami Party Samajwadi Party Uttar Pradesh UP Ghaziabad BSP https://w...
भारत में समान नागरिक संहिता

भारत में समान नागरिक संहिता

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भारत में समान नागरिक संहिता* सर्वोच्च अदालत ने एक बार फिर इसका आग्रह किया है कि देश में समान नागरिक संहिता लागू की जाए। । संविधान में इसका प्रावधान है। संसद और भारत सरकार यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि देश संविधान से चलेगा अथवा शरिया कानून भी संवैधानिक माना जाता रहेगा? मुसलमानों के पर्सनल लॉ पर प्रहार करने की नीयत और मानसिकता किसी की नहीं है। पर्सनल लॉ तो सिख, ईसाई, पारसी, जैन, बौद्ध आदि समुदायों के भी हैं। आदिवासी कबीलों से तुलना नहीं की जा सकती, क्योंकि मुस्लिम देश की दूसरी बहुसंख्यक आबादी हैं। जो मुद्दे सामुदायिक और राष्ट्रीय किस्म के हैं, धर्म, मजहब, जाति से ऊपर हैं, कमोबेश उनके संदर्भ में अब ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता’ (बीएनएसएस) की धाराएं लागू होनी चाहिए। वे हिंदू-मुस्लिम समेत सभी समुदायों पर, समान रूप से, प्रभावी होनी चाहिए। यही समान नागरिक संहिता का निष्कर्ष है। मुद्दे की बात...
भारतीय आर्थिक दर्शन के अनुरूप हो इस वर्ष का बजट

भारतीय आर्थिक दर्शन के अनुरूप हो इस वर्ष का बजट

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वित्तीय वर्ष 2024-25 का पूर्णकालिक बजट माननीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा भारतीय संसद में 23 जुलाई 2024 को पेश किया जा रहा है। वर्तमान में भारत सहित विश्व के लगभग समस्त देशों में पूंजीवादी नीतियों का अनुसरण करते हुए अर्थव्यवस्थाएं आगे बढ़ रही हैं। परंतु, हाल ही के वर्षों में पूंजीवादी नीतियों के अनुसरण के कारण, विशेष रूप से विकसित देशों को, आर्थिक क्षेत्र में बहुत भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और यह देश इन समस्याओं का हल निकाल ही नहीं पा रहे हैं। नियंत्रण से बाहर होती मुद्रा स्फीति की दर, लगातार बढ़ता कर्ज का बोझ, प्रौढ़ नागरिकों की बढ़ती जनसंख्या के चलते सरकार के खजाने पर बढ़ता आर्थिक बोझ, बजट में वित्तीय घाटे की समस्या, बेरोजगारी की समस्या, आदि कुछ ऐसी आर्थिक समस्याएं हैं जिनका हल विकसित देश बहुत अधिक प्रयास करने के बावजूद भी नहीं निकाल पा रहे हैं एवं इन दे...
नये भारत में बदलाव के कानून, न्याय की ओर

नये भारत में बदलाव के कानून, न्याय की ओर

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-ः ललित गर्ग:-भारतीय न्याय प्रणाली की कमियां को दूर करते हुए उसे अधिक चुस्त, त्वरित एवं सहज सुलभ बनाना नये भारत की अपेक्षा है। मतलब यह सुनिश्चित करने से है कि सभी नागरिकों के लिये न्याय सहज सुलभ महसूस हो, कानूनी प्रावधान न्यायसंगत एवं अपराध-नियंत्रण का माध्यम हो, वह आसानी से मिले, जटिल प्रक्रियाओं से मुक्त होकर सस्ता हो। निश्चित रूप से किसी भी कानून का मकसद नागरिकों के जीवन, स्वतंत्रता, संपत्ति व अधिकारों की रक्षा करना ही होता है। जिससे किसी सभ्य समाज में न्याय की अवधारणा पुष्ट हो सके। 1 जुलाई, 2024 से भारत आपराधिक न्याय के एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है। न्याय का एक नया सूरज उदित हो रहा है, जब पूरे देश में लागू हुई भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता तथा भारतीय साक्ष्य संहिता को लेकर उम्मीद करनी चाहिए कि यह बदलाव न्याय की कसौटी पर खरा उतरेंगे। इस दृष्टि से यह कानून से ज...