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अटलजी बहुत याद आते हैं

अटलजी बहुत याद आते हैं

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, साहित्य संवाद
-बलबीर पुंज आगामी 25 दिसंबर का देश-दुनिया में बहुत ही महत्व है। इस दिन अर्थात् चार दिन बाद दुनियाभर (भारत सहित) करोड़ों ईसाई आगामी अपने आराध्य ईसा मसीह का जन्मदिवस हर बार की तरह बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाएंगे। यीशु के असंख्य श्रद्धालुओं को इस बात से रत्तीभर भी फर्क नहीं पड़ता कि यह दिन एक पोप की कोरी-कल्पना पर आधारित है, जिसका उल्लेख बाइबल तक में नहीं है। उनके लिए अपने इष्ट द्वारा प्रदत्त 10 आज्ञाओं की अनुपालना, उनका विनम्र व्यक्तित्व और विनयशील जीवन ही महत्व रखता है। यह संयोग ही है कि इसी दिन वर्ष 1924 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, जननायक और कुशल राजनीतिज्ञ दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी का भी जन्म हुआ था। इस बार उनकी 99वीं जयंती मनाई जाएगी। वर्ष 2014 से भाजपा शासित राज्य सरकार इस दिन को सुशासन दिवस के रूप में मना रहे है। अटलजी से मेरा निजी परिचय 1980 के दशक में हुआ था। वे न केवल आ...
अंतराष्ट्रीय स्वरूप हुआ अयोध्या रामलला जन्मस्थान मंदिर का

अंतराष्ट्रीय स्वरूप हुआ अयोध्या रामलला जन्मस्थान मंदिर का

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, धर्म, विश्लेषण
अंतराष्ट्रीय स्वरूप हुआ अयोध्या रामलला जन्मस्थान मंदिर का* थाईलैंड से मिट्टी आई : दुनियाँ के 155 देशों से जल आया* 80 देशों में सीधा प्रसारण होगा प्राण प्रतिष्ठा समारोह का --रमेश शर्मा अयोध्या में भव्य आकार ले रहे रामजन्म स्थान मंदिर ने अब अंतरराष्ट्रीय स्वरूप ले लिया है । पूरी दुनियाँ में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा दिवस की अधीरता से प्रतीक्षा की जा रही है । निर्माण के लिये 155 देशों से जल आया है, अमेरिका से एक श्रृद्धालु ने दान भेजा है तो थाईलैंड से जल के साथ मिट्टी भी आई है । 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह का अस्सी देशों में सीधा प्रसारण होगा ।अयोध्या में बन रहे रामलला जन्म स्थान मंदिर का निर्माण अंतिम चरण में है । यद्यपि भव्यता और पूर्णता के लिये तो लगभग एक वर्ष और लगेगा पर 22 जनवरी को होने वाले रामलला प्राण प्रतिष्ठा आयोजन की लगभग सभी तैयारी हो चुकी है । इस समारोह की...
अल्पसंख्यक अधिकार दिवस- 18 दिसम्बर 2023

अल्पसंख्यक अधिकार दिवस- 18 दिसम्बर 2023

EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय, सामाजिक
अल्पसंख्यकों को नहीं बांटें और सत्य को नहीं ढकें- ललित गर्ग- अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पहली बार 18 दिसंबर 1992 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा मनाया गया था। भारत में, इस दिन राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) द्वारा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस व्यापक स्तर पर मनाया जाता है। यह दिवस राष्ट्रीय या जातीय, धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों से संबंधित व्यक्तियों के अधिकारों की घोषणा को जीवंतता प्रदान करने का दिवस है। भारत में इस वर्ष की थीम के अन्तर्गत केंद्र सरकार अल्पसंख्यकों के गैर-भेदभाव और समानता के अधिकारों की गारंटी के प्रयास सुनिश्चित करने के लिये प्रतिबद्ध है। इस दिन, देश के अल्पसंख्यक समुदायों के सामने आने वाली चुनौतियों और मुद्दों पर ध्यान खींचा जाता है। लोग धार्मिक, सांस्कृतिक, भाषाई और जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने की बात करते हैं। अल्पसंख्यक शब्द अल्प और संख्यक दो शब्दों ...
विकसित भारत के सपने

विकसित भारत के सपने

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
हमने कई मौकों पर अपने सपने को टूटते हुए देखा है लेकिन फिर भी हम हर मुसीबत की स्थिति से मजबूत और आत्मविश्वास से भरे हुए हैं। स्वराज के महत्व को समझना चाहिए और इन सपनों को आगे बढ़ाने के लिए आक्रामक रूप से शुरुआत करनी चाहिए ताकि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को भी बेहतर भविष्य प्रदान कर सकें। धर्म के नाम पर कही गई बातों पर आंख मूंदकर विश्वास न करने, विवेक का पालन करने के लिए जागरूकता फैलानी चाहिए। हम इस सपने तक पहुँचने से बहुत दूर हैं लेकिन हमें हार नहीं माननी चाहिए। मैं डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के बेहतरीन उद्धरणों पर समाप्त करना चाहता हूं "सपने वह नहीं हैं जो आप नींद में देखते हैं, बल्कि वह हैं जो आपको सोने नहीं देते"। -डॉ सत्यवान सौरभ "आधी रात को, जब दुनिया सोती है, भारत जीवन और स्वतंत्रता के लिए जागेगा"। जवाहरलाल नेहरू का यह "ट्रिस्ट विद डेस्टिनी" भाषण उस सपने का प्रतीक था जिसे हमारे स्वतं...
हाईकमान’ संस्कृति, लोकतांत्रिक मूल्यों का निरादर

हाईकमान’ संस्कृति, लोकतांत्रिक मूल्यों का निरादर

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, समाचार, संस्कृति और अध्यात्म
एक बार राष्ट्रीय पार्टी के राज्य में सत्ता हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री के चयन में पार्टी आलाकमान के पास असंगत रूप से बड़ा विवेक होता है, राज्य के विधायकों को इस संबंध में बहुत कम या कोई अधिकार नहीं होता है। यह प्रथा उस संवैधानिक जनादेश का अपमान करती है जो बहुमत पार्टी के विधायकों को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अपना नेता चुनने का अधिकार देता है। आज देश के तीन प्रमुख हिन्दी भाषी राज्यों में बड़ी ज त के बाद मुख्यमंत्री बने हैं। लोकतांत्रिक तौर-तरीकों के हिसाब से जीते हुए विधायकों के बहुमत से मुख्यमंत्री बनने चाहिए, लेकिन इस देश में हाल के दशकों में शायद ही कभी और कहीं इस आधार पर मुख्यमंत्री तय किए गए हों। देश की दो बड़ी राष्ट्रीय पार्टियों में हाई कमान की संस्कृति विकसित और मजबूत हो चुकी है, और ऐसे फैसले राज्यों की राजधानी में नहीं , देश की राजधानी में तय होते आए हैं, और आज यही हो ...
अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर निर्माण से स्थानीय अर्थव्यवस्था को लगेंगे पंख

अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर निर्माण से स्थानीय अर्थव्यवस्था को लगेंगे पंख

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, धर्म
अंततः वह घड़ी भी बहुत करीब आ पहुंची है, जिसका इंतजार हिंदू धर्मावलंबी पिछले लगभग 500 वर्षों से कर रहे हैं। 5 अगस्त 2020 को भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी ने पूजनीय संत मंडल एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परम पूजनीय सर संघचालक श्री मोहन जी भागवत के सानिध्य में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखी थी। अब दिनांक 22 जनवरी 2024 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ही पूज्य संत मंडल एवं परम पूजनीय सर संघचालक श्री मोहन जी भागवत की उपस्थिति में अयोध्या में नव निर्मित प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर का उद्घाटन करने जा रहे हैं। भारत ही क्या बल्कि पूरे विश्व में ही हिंदू धर्मावलंबी अति उत्साहित हैं एवं पूरे भारत में वातावरण राममय होने जा रहा है।  अयोध्या में निर्माणरत श्रीराम मंदिर पूरे विश्व में निवासरत हिंदू धर्मावलम्बियों के लिए न केवल विशाल आ...
मोदी राज में अटकलों की कोई जगह नहीं

मोदी राज में अटकलों की कोई जगह नहीं

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
रजनीश कपूर पाँच राज्यों के चुनाव संपन्न होते ही भाजपा द्वारा जीते गये तीन राज्यों में ‘कौन बनेगा मुख्य मंत्री’ को लेकर काफ़ी अटकलें लगने लगी। सभी राजनैतिक पंडित, पत्रकार और विश्लेषक अनुमान लगाने लग गये कि तीन राज्यों में किसका चेहरा सामने आएगा। परंतु इसके साथ ही सभी का यह मानना था कि मोदी राज में किसी भी तरह की अटकलों की कोई भी जगह नहीं है। यह बात भी चर्चा में आती है कि जब भी किसी महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति होने वाली होती है तो यदि व्यक्ति का नाम उस पद के लिए उठने लगता है तो उसे वह पद नहीं मिलता। प्रधान मंत्री मोदी एक ऐसे चेहरे को सामने लाते हैं जिसका किसी को कोई भी अंदाज़ा नहीं होता। कुछ वर्ष पहले जब ‘राडिया टेप्स’ का खुलासा हुआ था तो, काफ़ी हंगामा मचा था कि किस तरह महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियों को कुछ पत्रकार और कॉर्पोरेट जगत के लोग नियंत्रित करते हैं। इसके चलते उस समय की ...
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35- ए हटने की बहस पर पूर्ण विराम

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35- ए हटने की बहस पर पूर्ण विराम

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राज्य
अब जम्मू कश्मीर में विकास का नया सूर्योदयमृत्युंजय दीक्षितभारत की संप्रभुता और जम्मू कश्मीर प्रान्त के लिए 11 दिसंबर 2023 एक ऐतिहासिक दिन बनकर आया। इस दिन उच्चतम न्यायालय की पांच जजों की संविधान पीठ ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए को हटाने के निर्णय को वैध ठहराते हुए कहा कि यह एक अस्थाई धारा थी जिसे आज नहीं तो कल हटना ही था। मुख्य न्यायाधीश वाई वी चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी व्यवस्था थी। अदालत ने कहा कि भारत का संविधान जम्मू कश्मीर के संविधान से ऊंचा है और अनुच्छेद- 370 को बेअसर करने से जम्मू कश्मीर को भारत के साथ जोड़ने की प्रक्रिया मजबूत हुई है। न्यायाधीश चंद्रचूड़ जी ने कहा कि धारा 370 को हटाना संवैधानिक रूप से वैध है और केंद्र सरकार का निर्णय बिल्कुल सही है।उच्चतम न्यायालय ने अपने निर्णय में कई महत्वपूर्ण व ऐतिहासक टिप्पणियां की हैं जिनमे कहा...
अनुच्छेद 370 : सुप्रीम कोर्ट का निष्कर्ष

अनुच्छेद 370 : सुप्रीम कोर्ट का निष्कर्ष

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राज्य, विश्लेषण
1. विलय पत्र पर हस्ताक्षर होने के बाद जम्मू-कश्मीर के पास संप्रभुता का कोई तत्व नहीं है 2. जम्मू-कश्मीर के लिए कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं 3. राष्ट्रपति शासन की उद्घोषणा को चुनौती मान्य नहीं है 4. राष्ट्रपति की शक्ति का प्रयोग राष्ट्रपति शासन के उद्देश्य के साथ उचित संबंध होना चाहिए 5. राज्य के लिए कानून बनाने की संसद की शक्ति कानून बनाने की शक्ति को बाहर नहीं कर सकती 6. अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था 7. जब संविधान सभा भंग कर दी गई तो सभा की केवल अस्थायी शक्ति समाप्त हो गई और राष्ट्रपति के आदेश पर कोई प्रतिबंध नहीं रहा 8. सीओ 272 का पैरा 2 जिसके द्वारा अनुच्छेद 370 को अनुच्छेद 367 में संशोधन करके संशोधित किया गया था, गलत था क्योंकि व्याख्या खंड का उपयोग संशोधन के लिए नहीं किया जा सकता है 9. राष्ट्रपति द्वारा सत्ता का उपयोग दुर्भावनापूर्ण नहीं था और राज्य के ...
अब कांग्रेस को कुछ नया करना होगा

अब कांग्रेस को कुछ नया करना होगा

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
हाल ही में सम्पन्न विधान सभा चुनाव कांग्रेस के लिए संकेत हैं कि वह कुछ नया करे।इन चुनाव परिणामों के आने के बाद ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, लालू यादव, स्टालिन, अखिलेश यादव इत्यादि सभी ने इंड़ी की बैठक में आने से इंकार कर दिया तो कांग्रेस को इंडी की यह बैठक ही स्थगित करनी पड़ी।मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलांगना और मिजोरम समेत पांचों राज्यों की विधानसभाओं के लिए हुए चुनावों के नतीजे माह के प्रथम सप्ताह में आ गए थे। कुछ महीने बाद ही 2024 में देश की लोकसभा के लिए चुनाव होने वाले हैं। इसलिए देश की राजनीति में इनकी महत्ता ही नहीं बढ़ गई थी, बल्कि सभी राजनीतिक दलों का पारा भी जरूरत से ज्यादा चढ़ गया था। जहां तक इन चुनावों के नतीजों का सवाल है, भाजपा ने तीनों हिन्दी प्रदेशों यानी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जीत हासिल कर ली है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में उसने कांग्रेस से सरकार छी...