जातीय संघर्ष में ‘सुलगता’ मणिपुर
जातीय संघर्ष में 'सुलगता' मणिपुर
बीते दो-तीन महीने से मणिपुर में जातीय संघर्ष लगातार जारी है। इस हिंसा में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है, इस राज्य का जातीय हिंसा से पुराना नाता रहा है, और इसी जातीय गुटबंदी का परिणाम रहा है कि कुकी-नागा, मैतेई- पंगाल मुस्लिम, कुकी-कार्बी, हमार-दिमासा, कुकी-तमिल, और व्यापारियों के विरुद्ध हुई संघर्ष को यहाँ वर्षों से देखा गया है। दरअसल, मणिपुर में मैतेई समाज की मांग है कि उसको कुकी की तरह राज्य में शेड्यूल ट्राइब का दर्जा दिया जाए। मणिपुर में तनाव तब और बढ़ गया जब कुकी समुदाय ने मैतेई समुदाय की आधिकारिक जनजातीय दर्जा दिए जाने की मांग का विरोध करना शुरू कर दिया। यह विवाद मणिपुर के मैतेई बहुसंख्यकों और कुकी-ज़ो के बीच दुश्मनी से उपजा है। कुकी-ज़ो राज्य के ई जनजातीय समूहों में से एक है, जो राज्य की आबादी का लगभग 16 प्रतिशत हिस्सा हैं।
-प्रियंका सौरभ
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