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<strong>संसद का विशेष सत्र सार्थक बहस का माध्यम बने</strong>

संसद का विशेष सत्र सार्थक बहस का माध्यम बने

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
-ललित गर्ग- आज संसद में भारतीय संसदीय इतिहास का आठवां विशेष सत्र प्रारंभ हुआ, ऐतिहासिक रूप से देखें तो विशेष सत्र आमतौर पर महत्वपूर्ण विधायी या राष्ट्रीय घटनाओं के उपलक्ष्य में बुलाए गए हैं। संसदीय इतिहास में अब तक संसद के सात विशेष सत्र बुलाए जा चुके हैं जिनमें से तीन बार ऐसे सत्र तब बुलाए गए जब देश ऐतिहासिक उपलब्धियों का जश्न मना रहा था। वहीं दो बार राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए 1977 में तमिलनाडु और नगालैंड में तो 1991 में हरियाणा में विशेष सत्रों का आयोजन किया गया। इस बार 75 साल की संसदीय यात्रा पर चर्चा के लिए मुख्यतः विशेष सत्र बुलाया गये हैं। इस बार का विशेष सत्र संसदीय परम्परा के श्रेष्ठ स्वरूप को उपस्थित करके उसके उत्कर्ष को बढ़ाने और उसे उन्नत-आदर्श बनाने के लिये होना चाहिए, न केवल इस विषय पर गंभीरता से चर्चा होनी चाहिए, बल्कि इस पर चिंतन और मनन भी होना चाहिए। क्योंकि इससे इन्क...
<strong>EFFORTS TOWARDS WORLD PEACE NOT GOING  ANYWHERE</strong>

EFFORTS TOWARDS WORLD PEACE NOT GOING  ANYWHERE

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, संस्कृति और अध्यात्म
N.S.Venkataraman                                                                       Even a cursory glance on human history over the past thousands of years  would highlight that  wars and conflicts , jealousy and greed , lust and   vengeance  had been the order of the day. Of course, there have also been events   of harmony and peace but they have been few and far between and have been more of an exception rather  than rule  and they have been like a flash in the pan.  The great Indian epics  Ramayana and Mahabharatha discuss several characters and a number of such characters have been violent, prone , unethical and quarrelsome.  At the same time, there have also been noble men and women and saints described in the ep...
<strong>नये भारत के निर्माता हैं कर्मयोद्धा नरेन्द्र मोदी</strong>

नये भारत के निर्माता हैं कर्मयोद्धा नरेन्द्र मोदी

BREAKING NEWS, Today News, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
श्री नरेंद्र मोदी के 73वें जन्म दिवस- 17 सितम्बर 2023 पर विशेष- ललित गर्ग- एक महान् कर्मयोद्धा के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजनैतिक, सामाजिक, आध्यात्मिक, सामरिक और आर्थिक सशक्तता की छाप छोड़ते हुए भारत को विश्वगुरु बनाने को तत्पर है, यह इतिहास के निर्माण का भाव है। निश्चित ही उनकी दृष्टि एवं दिशा भारत के नवशिल्प का आधार है। उन्होंने अंधेरों, अवरोधों एवं अक्षमताओं से संघर्ष करने की एक सार्थक मुहिम वर्ष 2014 में शुरू की। वे राजनीति में शुचिता के प्रतीक, अध्यात्म एवं विज्ञान के समन्वयक, कुशल राजनेता, प्रभावी प्रशासक, विलक्षण व्यक्तित्व के धनी हैं। उनके 73वें जन्म दिवस पर सुखद एवं उपलब्धिभरी प्रतिध्वनियां सुनाई दे रही है, जिनमें नये भारत एवं आत्मनिर्भर भारत के अमृतमय स्वर गूंज रहे हैं।  हमने हाल ही में उनके नेतृत्व में भारत की अध्यक्षता में हुई जी-20 के समिट में विश्व मंच...
<strong>इंडिया महागठबंधन की बड़ी बाधा न बन जाये ‘आप’</strong>

इंडिया महागठबंधन की बड़ी बाधा न बन जाये ‘आप’

TOP STORIES, राज्य
- ललित गर्ग-आज की राजनीति सत्ताकांक्षी अधिक है, जबकि उसका मूल लक्ष्य राष्ट्र-निर्माण एवं राष्ट्र उन्नति कहीं गुम हो गया है। हर राजनैतिक दल राष्ट्रहित नहीं, अपने स्वार्थ की सोच रहा है। जैसे-जैसे पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव एवं अगले वर्ष आम चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, हर दल येन-केन-प्रकारेण ज्यादा-से-ज्यादा वोट प्राप्त करने की तरकीबें निकाल रहे हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों के महागठबंधन ‘इंडिया’ के बनने से पहले ही उसमें सीटों एवं शीर्ष नेतृत्व को लेकर फूट, अलग सुर, ऊंची महत्वाकांक्षा और बेतरतीब तालमेल दिखने लगा हैं। इसमें सबसे ज्यादा अति-महत्वाकांक्षी आम आदमी पार्टी सेंध लगा रही है। राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में लगभग सभी सीटों से चुनाव लड़ने की उसकी घोषणा ने इंडिया में खलबली मचा दी है। निश्चित ही वर्तमान राजनीति परिवेश में आम आदमी पार्टी ने अपनी स्वतंत्र जगह बनाई है, भविष्य में यह...
कुप्पाहाली सीतारमय्या सुदर्शन

कुप्पाहाली सीतारमय्या सुदर्शन

TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
. 15 सितंबर--पुण्यतिथि कुप्पाहाली सीतारमय्या सुदर्शन का जन्म 18 जून 1931 को रायपुर (छत्तीसगढ़) में एक कन्नड़ भाषी परिवार में हुआ था। के एस सुदर्शन के पिता श्री सीतारामैया वन-विभाग की नौकरी के कारण अधिकांश समय मध्यप्रदेश में ही रहे और वहीं श्री सुदर्शन जी का जन्म हुआ। सुदर्शन मूलतः तमिलनाडु और कर्नाटक की सीमा पर बसे कुप्पहल्ली (मैसूर) ग्राम के निवासी थे। कन्नड़ परम्परा में सबसे पहले गांव, फिर पिता और फिर अपना नाम बोलते हैं। तीन भाई और एक बहिन वाले परिवार में सुदर्शन जी सबसे बड़े थे। सुदर्शन की प्रारंभिक शिक्षा रायपुर, दामोह, मंडला और चंद्रपुर में हुई। महज 9 साल की उम्र में ही उन्होंने पहली बार आरएसएस शाखा में भाग लिया। उन्होंने वर्ष 1954 में जबलपुर के सागर विश्वविद्यालय (इंजीनिरिंग कालेज) से दूरसंचार विषय (टेलीकाम/ टेलीकम्युनिकेशंस) में बी.ई की उपाधि प्राप्त कर प्रारम्भिक जिला, विभाग प्...
सोलर पावर बनता भारत

सोलर पावर बनता भारत

BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
भारत एक तेजी से बढ़ता हुआ देश है.... बढ़ती जनसंख्या है, बढ़ते उद्योग हैं... और उसी ratio में बढ़ती हुई उनकी ऊर्जा जरूरतें भी हैं. तेल महंगा होता जा रहा है.. कोयला महंगा हो रहा है... वहीं हाइड्रो dams बनाने में खर्च बढ़ रहा है.. वहीं Nuclear के अपने फायदे नुकसान हैं.. ऐसे में Solar ही सबसे अच्छा option है. आज भारत में 70 GW Solar power बनाने की installed capacity है...और भारत अब दुनिया में चौथा सबसे बड़ी Solar Capacity वाला देश है. इतने बढ़े स्तर पर Solar का इस्तेमाल हम कर रहे हैं... लेकिन इसके लिए काम आने वाले components, जैसे Solarpanels, PV Cells, PV Encapsulants – EVA & POE, and PV back sheets आदि हमारे यहाँ कम बनती थी..... लगभग 95% चीन से Import होती थी. मतलब... हम जितना Solar Capacity को बढ़ाएंगे, उसी Ratio में हमारा चीन से Solar Components का import भी बढ़ता जा र...
महंगाई, डायन खाय जात है

महंगाई, डायन खाय जात है

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, विश्लेषण
बढ़ती महंगाई लोगों की जेब पर भारी पड़ रही है, महंगाई के लिए खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति संबंधी चिंताओं के बीच कच्चे तेल की कीमतें पिछले 10 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंचने से महंगाई की चुनौती और कठिन हो गई है। ऐसे में सरकार के लिए महंगाई कम करना बड़ा मुद्दा बन गया है। यद्यपि केंद्र सरकार ने 29 अगस्त को घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के दाम 200 रुपए घटाकर बड़ी राहत दी है, लेकिन आम आदमी सरकार से खाद्य पदार्थों की कीमतों के साथ-साथ पेट्रोल-डीजल के दामों में कुछ कमी की भी अपेक्षा कर रहा है। हाल ही में 5 सितंबर को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि जुलाई 2023 में जो मुद्रास्फीति सप्लाई चेन के झटकों के कारण ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है, उसे कम करने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के अनुसार जून 2023 में जो खुदरा महंगाई दर 4.87 प्रतिशत थी, वह...
<strong>“विश्वकर्मा योजना” आखिर सुध ली गई हाशिए पर खड़े समाज की </strong>

“विश्वकर्मा योजना” आखिर सुध ली गई हाशिए पर खड़े समाज की 

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
आर.के. सिन्हा कभी यह भी सोचा जाना चाहिए कि देश के आजाद होने के इतने दशक गुजरने के बाद भी हमने मोची, धोबी, बढ़ई, लोहार, कुम्हार जैसे निचले स्तर पर काम करने वालें कुशल कामगारों के हितों को लेकर कोई व्यापक नीति क्यों नहीं बनाई?  अगर इनके बारे में पहले सोचा जाता तो ये भी देश के विकास का लाभ ले रहे होते। इनकी अनदेखी तो हुई। हां, इतना सुकून किया जा सकता है कि अब इनके बारे में सोचा जा रहा है। अब सरकार इनकी जिंदगी में खुशियां लाने के लिये विश्वकर्मा योजना लेकर आ रही है। इस योजना के ऊपर अगले पांच साल में 13 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगामी 17 सितंबर को जन्म दिन पर शुरू होने वाली इस योजना के तहत मोची, धोबी, बढ़ई, लोहार कुम्हार आदि को पांच प्रतिशत की दर से एक लाख रुपये और दूसरे चरण में दो लाख रुपये का कर्ज मिल सकेग...
सही संस्कार हैं तनाव से मुक्ति का उपचार

सही संस्कार हैं तनाव से मुक्ति का उपचार

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, साहित्य संवाद
*रजनीश कपूरअक्सर यह देखा जाता है कि तनाव के कारण छात्र हों, युवा हों या कोई समझदार व्यक्ति, ऐसा क़दम उठा लेते हैंजिसके कारण उन्हें और उनके परिवार को काफ़ी पछताना पड़ता है। तनाव ग्रस्त इंसान ग़लत संगत में पड़ जाता हैऔर ग़लत राह पर चलने लग जाता है, जैसे नशा और जुआ आदि की लत लगना। मानसिक तनाव के कारण कभी-कभी कठोर कदम उठाते हुए वो व्यक्ति आत्महत्या तक कर डालता है। आए दिन हमें ऐसी खबरें मिलती हैं जहांपरीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र प्रतिस्पर्धा की दौड़ में ऐसे कदम उठाते हैं। जिन छात्रों को उनके परिवार से यदिसही संस्कार मिलते हैं वो कभी भी ऐसा कदम नहीं उठाते। वो समस्या का सामना करते हैं और उसके निदान कामार्ग खोज लेते हैं।राजस्थान के शहर कोटा को ‘कोटा फैक्ट्री’ के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ पर देश भर के छात्र ख़ुद कोआईआईटी व मेडिकल में भर्ती कराने की मंशा से विभिन्न कोचिंग केंद्रों में दाख़िला ...
<strong>विश्वकर्मा योजना-ली गई अंततः असहायोंकी सुध</strong>

विश्वकर्मा योजना-ली गई अंततः असहायोंकी सुध

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
आर.के. सिन्हा कभी यह भी सोचा जाना चाहिए कि देश के आजाद होने के इतने दशक गुजरने के बाद भी हमने मोची, धोबी, बढ़ई, लोहार, कुम्हार जैसे निचले स्तर पर काम करने वालें कुशल कामगारों के हितों को लेकर कोई व्यापक नीति क्यों नहीं बनाई?  अगर इनके बारे में पहले सोचा जाता तो ये भी देश के विकास का लाभ ले रहे होते। इनकी अनदेखी तो हुई। हां, इतना सुकून किया जा सकता है कि अब इनके बारे में सोचा जा रहा है। अब सरकार इनकी जिंदगी में खुशियां लाने के लिये विश्वकर्मा योजना लेकर आ रही है। इस योजना के ऊपर अगले पांच साल में 13 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगामी 17 सितंबर को जन्म दिन पर शुरू होने वाली इस योजना के तहत मोची, धोबी, बढ़ई, लोहार कुम्हार आदि को पांच प्रतिशत की दर से एक लाख रुपये और दूसरे चरण में दो लाख रुपये का कर्ज मिल सकेग...