अमीरी गरीबी में बढ़ती खाई राजनीति मुद्दा क्यों नहीं?
ललित गर्ग गुजरात के विधानसभा चुनाव का एक मुख्य मुद्दा अमीरी गरीबी के बढ़ते फासले एवं गरीबों की दुर्दशा का होना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्य से यह मुद्दा कभी भी चुनावी मुद्दा नहीं बनता। अमीर अधिक अमीर हो रहे हैं और गरीब अधिक गरीब। गौतम अडाणी एवं मुकेश अंबानी के दिन दोगुने रात चौगुने फैलते साम्राज्य पर उंगली उठाई जानी चाहिए, पर कोई भी राजनीतिक दल यह नहीं कर पा रहे हैं। विपक्ष के सामने इससे अच्छा क्या मुद्दा हो सकता है? इस मामले में राहुल गांधी ने पहली बार अपनी भारत जोड़ो यात्रा में यह मुद्दा उठाकर अपने राजनीतिक कद को तनिक ऊंचाई दी है। उनके कारण कम से कम अमीर और गरीब के बीच बढ़ती हुई खाई का सवाल देश के मानस पटल पर दर्ज हुआ है। राहुल गांधी ने लगातार गरीबों की दुर्दशा और अमीरों की बढ़ती दौलत का सवाल उठाया है। राजनीति से इतर अर्थशास्त्रियों और विश्व की नामचीन संस्थाओं की रपटों में यह सवाल लगातार ...