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सेहत के लिए बेहद लाभकारी है गुड़

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नई दिल्ली, 13 अप्रैल (इंडिया साइंस वायर): भोजन के बाद आमतौर हम कुछ मीठा खाना पंसद करते हैं। इस मिष्ठान के कई रूप हो सकते हैं। वह दूध से बनी कोई मिठाई भी हो सकती है। लेकिन, कुछ लोग मीठे के तौर पर गुड़ खाना अधिक पसंद करते है। दरअसल, गुड़ का सेवन हमारी पाचन क्रिया को तेज करता है, और साथ ही साथ उसे मजबूत भी करता है। गुड़ के ऐसे कई फायदे हैं, जिनसे लोग आमतौर पर अनभिज्ञ रहते हैं। गुड़, जिसे पैनेला भी कहा जाता है, का उत्पादन विश्व के लगभग 25 देशों में बड़े पैमाने पर होता है। विश्व के कुल गुड़ उत्पादन में लगभग 70 प्रतिशत की भागीदारी के साथ भारत शीर्ष पर है। भारत हर वर्ष औसतन 60 से 80 लाख टन गुड़ उत्पादित करता है। देश में कुल गन्ना उत्पादन का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा गुड़ और खाण्डसारी उद्योगों में उपयोग होता है, जिससे करीब 25 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है। पूरे देश का 80 से 90 प्रतिशत गुड़...

Accurate estimation of manufacturing variations can improve circuit performance

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New Delhi, April 12 th (India Science Wire): Silicon-based electronic circuits are getting smaller. The Taiwanese manufacturer TSMC currently makes chips with the smallest feature of the circuit measuring just 7 nanometers, with millions of such components packed on a single chip. The process of manufacturing such ultra-dense circuits is complex. Despite world-class control, there are tiny fluctuations in the nanoscale dimensions. Thus, each transistor is slightly different from another across chips and even on the same chip. A circuit designer must account for such variations to ensure that each of the billions of chips produced works as expected. Thus, a model to account for such nanoscale variations in manufacturing is essential. Dr Amita Rawat and Prof Udayan Ganguly from the D...

अहिन्दू और अश्रद्ध के मंदिर में प्रवेश पर बंदी लगाएं’ इस विषय पर ऑनलाईन ‘विशेष परिसंवाद’ संपन्न !

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उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में डासना देवी मंदिर के बाहर ‘मुसलमानों को मंदिर में प्रवेश वर्जित’ होने का फलक लगाने पर  देशभर में मुसलमान, तथाकथित आधुनिकतावादी और कुछ प्रसिद्धीमाध्यमों ने विरोध किया । परंतु भारतीय राज्यसंविधान की ‘धारा 26 (ब) और (ड)’ के अनुसार ‘मंदिर में किसे प्रवेश दें’ अथवा ‘किसे प्रवेश न देें’ यह निश्‍चित करने का अधिकार मंदिर व्यवस्थापन को है । इसलिए कोई अहिन्दु अथवा श्रद्धाहीन व्यक्ति मंदिर के नियम भंग कर मंदिर में प्रवेश करके धार्मिक भावनाएं आहत कर रहा हो, तो उसके विरोध में हिन्दुआें की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं इसलिए भा.दं.वि.की 295 (अ) के अनुसार पुलिस थाने में अपराध प्रविष्ट करना चाहिए, ऐसा स्पष्ट मत सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता तथा ‘हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस’के  प्रवक्ता विष्णु शंकर जैन ने प्रस्तुत किए । वे हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित ‘अहिन्दू और अश्रद्धों के ...

प्राण देकर भी धर्म न छोडनेवाले छत्रपति संभाजी महाराज

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औरंगजेब को २७ वर्ष तक उत्तर हिंदुस्तान से दूर रखनेवाले संभाजीराजा संभाजीराजाने जो अलौकिक कार्य अपनी अल्प आयु में किए, उसका प्रभाव संपूर्ण हिंदुस्तान पर पडा । इसलिए प्रत्येक हिंदु को उनका कृतज्ञ होना चाहिए । उन्होंने औरंगजेब की आठ लाख सेना का साहस एवं निडरता से सामना किया तथा अधिकांश मुगल सरदारों को युद्ध में पराजित कर उन्हें भागने के लिए विवश कर दिया । इसलिए औरंगजेब दीर्घकाल तक महाराष्ट्र में युद्ध करता रहा । संपूर्ण उत्तर हिंदुस्तान उसके दबाव से मुक्त रहा । इसे संभाजी महाराज का सबसे बडा कार्य कहना पडेगा । उन्होंने औरंगजेब के साथ समझौता किया होता अथवा उसका आधिपत्य स्वीकार किया होता तो वह फिर दो-तीन वर्ष में ही उत्तर हिंदुस्तान में आ धमकता; परंतु संभाजी राजा के संघर्ष के कारण औरंगजेब को २७ वर्ष दक्षिण भारत में ही रूकना पडा । इससे उत्तर में बुंदेलखंड, पंजाब और राजस्थान में हिंदुओं की नई सत्...

IIIT-Delhi to develop method to predict collision from space debris

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New Delhi, April 08 (India Science Wire): Indraprastha Institute of Information Technology (IIIT)-Delhi receives research funding from National Super Computing Mission (NSM) under HPC Applications to work on the project titled ‘Orbit computation of Resident Space Objects for Space Situational Awareness’ for two years. The NSM project has been implemented by the Department of Science and Technology (DST), Government of India in collaboration with the Ministry of Electronics and Information Technology (MeITy) to ensure the country’s leadership in supercomputing. Various R&D projects have been initiated under this mission across the country to harness the vast supercomputing resources provided under NSM, to build capabilities to tackle problems that are currently out of reach ...

होम्योपैथी पूरी तरह से स्वस्थ और रोगमुक्त करने की एक संपूर्ण पद्धति

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चिकित्सा विज्ञान की शाखा होम्योपैथी में न सिर्फ रोगमुक्त करने की क्षमता है, बल्कि संपूर्ण रूप से पूरे शरीर को नई काया मिल जाती है। होम्योपैथी गहराई तक असर करती है, क्योंकि यह मस्तिष्क के अहम हिस्से यानी अवचेतन स्थिति पर तेज गति से असर करती है और इसे असरकारक दवाओं से तैयार किया जाता है। हमारा पूरा शरीर सभी तत्वों और अंगों से ही पूरा होता है। इन दोनों का समावेश ही शरीर को प्राण देता है। आधुनिक विज्ञान में चेतना की रचना अभी भी रहस्य बनी हुई है, वहीं होम्योपैथी ऊर्जा और चेतना को स्वस्थ रखती है। होम्योपैथी में प्राणदायी ऊर्जा को प्राथमिकता दी जाती है और जीवन ऊर्जा की शरीर में अहम भूमिका होती है। रोग के लक्षण इन्हीं ऊर्जा के बेमेल होने के कारण पनपते हैं और इलाज इन ऊर्जा को पुनर्जीवन प्रदान करने के लिए किया जाता है। परंपरागत एलोपैथी संदेह के आधार पर काम करती है और अंगों (दिल, किडनी, लीवर आदि) क...

कब होगा माओवादियों का समूल नाश

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छत्तीसगढ़ में माओवादियों के दानवी कृत्य के कारण सारे देश का गुस्सा वाजिब ही है। माओवादियों के साथ मुठभेड़ में देश के सुरक्षा बलों के 22 जवान शहीद हुए हैं। मृत जवानों के मुठभेड़ स्थल पर पड़े शवों को देखकर हरेक हिन्दुस्तानी का कलेजा फटा जा रहा था । पिछले कुछ सालों में छत्तीसगढ़ में यह माओवादियों का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। माओवादियों ने जिस तरह की क्रूरता दिखाई है, वह दिल दहला देने वाली राक्षसी और पाश्विक कृत्य है। माओवादियों की यह दुस्साहसपूर्ण लोकतंत्र विरोधी कार्रवाई पूरे देश के लिए एक गंभीर चुनौती है। इस देश ने पूर्व के दशकों में पंजाब, असम,पूर्वोत्तर भारत में भी हिंसक पृथकतावादी आंदोलनों को देखा और सफलतापूर्वक कुचला भी। पर, इन आतंकवादियों और गैंगस्टर अपराधियों से भी खतरनाक माओवादियों को क्यों नष्ट नहीं कर पा रहा है? क्या देश शासन के संकल्प में किसी स्तर पर कोई कमी है? यह बात पहले ...

ज्योतिबा का संवाद संदेश एवं कर्म दीपशिखा बने

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मनुष्य जाति एक है’ इस आदर्श को आचरण तक लाने एवं अस्पृश्यता के संस्कारों को स्वस्थता देने में जिन महापुरुषों ने अनूठे उपक्रम किये, उनमें  महात्मा ज्योतिबा फूले का अविस्मरणीय योगदान है। वे 19वीं सदी के महान समाज सुधारक, विचारक, दार्शनिक और लेखक थे। उन्होंने भारतीय समाज में फैली अनेक कुरीतियों को दूर कर हिंदू समाज में समरसता लाने का प्रयास किया। उनके द्वारा किए गए कार्यों से भारतवर्ष में एक नई चेतना एवं नये विश्वास का विकास हुआ और समाज के उस तबके को जीने की नई राह मिली जो अभी तक दुनिया के विकास की रोशनी से वंचित था। वंचितो, शोषितों और समाज में हाशिए पड़े हुए लोगों के उत्थान के लिए उन्होंने कई कल्याणकारी कार्य किए और समाज में अलग-थलग रह रहे लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य किया। वे सशक्त, संतुलित, जातिवाद एवं रूढ़ि-आडम्बरमुक्त भारत निर्माण के पुरोधा थे। उनकी मानवीय...

Study warns Diphtheria could become a major global threat

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New Delhi, March 09 (India Science Wire): In a new health scare, a team of researchers from India, the UK and Russia, has found that Diphtheria, which is a relatively easily-preventable infection, has started to become resistant to several classes of antibiotics, and in future, it may even become immune to vaccination. In a report, the team has also suggested that there was a possibility of the disease once more becoming a major threat across the globe because of the impact of COVID-19 on vaccination schedules in different parts of the world, coupled with a rise in the number of infections. Diphtheria is a highly contagious infection. It can affect the nose and throat, and sometimes the skin. If left untreated it can prove fatal. In high-income countries, all babies are vaccinated...

IIT-Madras Launches new programme to boost women leadership

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New Delhi, March 08: Indian Institute of Technology-Madras has launched a new programme to boost its women leadership with an endowment fund raised from its alumni and CSR grants. Named ‘Women Leading IITM’ (WLI), the programme will make grants every year to accelerate the careers of women technologists and provide a supportive environment for women to thrive at IIT Madras. The aim is to help accelerate efforts to improve the number of women students, faculty, staff and creating opportunities for success. The Institute is planning to raise an endowment of US dollars two million by the end of 2021. In the first year itself, it will be aimed to grant Rs. 70 lakhs for various initiatives. The goals of the ‘Women Leading IITM’ program will include increasing the percentage of women f...