Shadow

Tag: इतनी हिंसा – कारण?

मेरा लेख जाति जनगणना विभाजन का नहीं, विकास का आधार बने

मेरा लेख जाति जनगणना विभाजन का नहीं, विकास का आधार बने

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, Today News, TOP STORIES, धर्म, प्रेस विज्ञप्ति, विश्लेषण
मेरा लेख जाति जनगणना विभाजन का नहीं, विकास का आधार बने - ललित गर्ग- पहलगाम की क्रूर एवं बर्बर आतंकी घटना के बाद मोदी सरकार लगातार पाकिस्तान को करारा जबाव देने की तैयारी के अति जटिल एवं संवेदनशील दौर में एकाएक जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लेकर न विपक्षी दलों को बल्कि समूचे देश को चौकाया एवं चमत्कृत किया है। सरकार का यह निर्णय जितना बड़ा है, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी। मोदी सरकार का जातिगत जनगणना के लिए तैयार होना सुखद और स्वागतयोग्य है। पिछले कुछ समय से जातिगत जनगणना की मांग बहुत जोर-शोर से हो रही थी। कुछ राज्यों में तो भाजपा भी ऐसी जनगणना के पक्ष में दिखी थी, पर केंद्र सरकार का रुख इस पर बहुत साफ नहीं हो रहा था। अब अचानक ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में राजनीतिक मामलों की उच्चस्तरीय कैबिनेट समिति की बैठक में यह फैसला ले लिया गया। बाद में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडि...
अव्वल आने की होड़ में छात्रों की आत्महत्याएं चिन्ताजनक

अव्वल आने की होड़ में छात्रों की आत्महत्याएं चिन्ताजनक

addtop, EXCLUSIVE NEWS, Link of debates on various news channel participation by Dialogue India Group Editor Anuj Agarwal, SPECIAL ISSUE, जीवन शैली / फिल्में / टीवी, प्रेस विज्ञप्ति, समाचार, सामाजिक
अव्वल आने की होड़ में छात्रों की आत्महत्याएं चिन्ताजनक- ललित गर्ग - टॉपर संस्कृति के दबाव एवं अव्वल आने की होड़ में छात्रों के द्वारा तनाव, अवसाद, कुंठा में आत्महत्या कर लेना एक गंभीर समस्या है। यह दुर्भाग्यपूर्ण एवं चुनौतीपूर्ण है कि हमारी छात्र प्रतिभाएं आसमानी उम्मीदों, टॉपर संस्कृति के दबाव व शिक्षा तंत्र की विसंगतियों के चलते आत्मघात की शिकार हो रही हैं। हाल ही में लगातार हो रही छात्रों की दुखद मौतें जहां शिक्षा प्रणाली अतिश्योक्तिपूर्ण प्रतिस्पर्धा पर प्रश्न खड़े करती है, वहीं विचलित भी करती हैं। इनमें राजस्थान स्थित कोटा के नीट के परीक्षार्थी और मोहाली स्थित निजी विश्वविद्यालय में फोरेंसिक साइंस का एक छात्र शामिल था। पश्चिम बंगाल के आई आई टी खड़गपुर में सिविल इंजीनियरिंग विभाग के तीसरे वर्ष के छात्र मोहम्मद आसिफ कमर का शव उनके हॉस्टल रूम में फंदे से लटका मिला। भुवनेश्वर के कीट म...
ऐतिहासिक निर्णय है जातिगत जनगणना

ऐतिहासिक निर्णय है जातिगत जनगणना

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, Link of debates on various news channel participation by Dialogue India Group Editor Anuj Agarwal, Today News, जीवन शैली / फिल्में / टीवी, धर्म, प्रेस विज्ञप्ति, मल्टीमीडिया, विश्लेषण, समाचार, सामाजिक
ऐतिहासिक निर्णय है जातिगत जनगणनामृत्युंजय दीक्षितजम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा धर्म पूछकर किये गये हिन्दू नरसंहार के बाद जनमानस में उपजे आक्रोष और पाकिस्तान पर कार्यवाही की प्रतीक्षा कर रहा आम जनमानस तथा राजनैतिक दल उस समय हैरान रह गए जब केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का बड़ा निर्णय सुनाया। केंद्र सरकार का यह निर्णय आते ही देश का राजनैतिक विमर्श जातिगत जनगणना पर केन्द्रित हो गया। आमजन यद्यपि यह सोच रहा है कि इस समय जब हम आतंकवादियों के शवों की प्रतीक्षा कर रहे हैं उस समय प्रधानमंत्री जी को ये क्या सूझ पड़ी, किन्तु आश्वस्त है कि प्रधानमंत्री जी ने ऐसा किया है तो अवश्य इसके पीछे कुछ रणनीति होगी। उधर कांग्रेस के नेतृत्व में इंडी गठबंधन इसे अपनी विजय बताकर प्रसन्नता व्यक्त कर रहा है। कांग्रेस तो इतनी आतुर हो गई कि उसने सोशल मीडिया पर, “सरकार उनकी, सिस्टम हमारा” कैप्शन के ...
“इतिहास का बोझ: कब तक हमारी पीढ़ियाँ झुकती रहेंगी?”

“इतिहास का बोझ: कब तक हमारी पीढ़ियाँ झुकती रहेंगी?”

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, Uncategorized, धर्म, मल्टीमीडिया, विश्लेषण, संस्कृति और अध्यात्म, साहित्य संवाद
"इतिहास का बोझ: कब तक हमारी पीढ़ियाँ झुकती रहेंगी?" - प्रियंका सौरभ मुझे यह सोचकर पीड़ा होती है कि आज भी हमारे बच्चों को इतिहास के नाम पर मुग़ल शासकों की गाथाएँ पढ़ाई जाती हैं, जबकि चाणक्य, चित्रगुप्त और छत्रपति शिवाजी जैसे हमारे महान विचारकों और योद्धाओं को पाठ्यक्रम में पर्याप्त स्थान नहीं मिलता। मेरा मानना है कि इतिहास केवल जानने का विषय नहीं, बल्कि आत्मगौरव और पहचान का आधार है। मैं चाहता हूँ कि हमारी आने वाली पीढ़ियाँ अपने गौरवशाली अतीत से जुड़ें और उन्हें वह शिक्षा मिले जो उनके भीतर आत्मविश्वास और राष्ट्रभक्ति जगाए। “जय सनातन” मेरे लिए केवल नारा नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक संकल्प है। "इतिहास का बोझ: कब तक हमारी पीढ़ियाँ झुकती रहेंगी?" “इतिहास केवल अतीत का आईना नहीं होता, वह आने वाली पीढ़ियों की दृष्टि का आधार भी होता है।” पर अफसोस, भारत के वर्तमान शैक्षणिक ढाँचे में यह आईना...
“केसीसी के नाम पर चालबाज़ी: निजी बैंकों की शिकारी पूँजी और किसानों की लूट”

“केसीसी के नाम पर चालबाज़ी: निजी बैंकों की शिकारी पूँजी और किसानों की लूट”

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, Link of debates on various news channel participation by Dialogue India Group Editor Anuj Agarwal, Today News, TOP STORIES, घोटाला, प्रेस विज्ञप्ति, राज्य, विश्लेषण, समाचार, सामाजिक
"केसीसी के नाम पर चालबाज़ी: निजी बैंकों की शिकारी पूँजी और किसानों की लूट" डॉ सत्यवान सौरभ निजी बैंक किसानों को केसीसी योजना के तहत ऋण देते समय बीमा और पॉलिसियों के नाम पर चुपचाप उनके खातों से पैसे काट लेते हैं। हाल ही में राजस्थान में एक्सिस बैंक की ऐसी ही करतूत उजागर हुई जब एक किसान ने वीडियो बनाकर सच्चाई सामने रखी। यह केवल एक घटना नहीं, बल्कि पूरे बैंकिंग तंत्र में फैली एक भयावह प्रवृत्ति है। सरकार और आरबीआई की निष्क्रियता इसे और खतरनाक बनाती है। अब समय है कि किसान जागे, सवाल करे और अपना आर्थिक अधिकार माँगे। भारत एक कृषि प्रधान देश है। यह वाक्य हम स्कूलों में पहली कक्षा से पढ़ते आ रहे हैं, पर सवाल यह है कि क्या वाकई भारत का दिल किसानों के साथ धड़कता है? क्या सरकारें, बैंकिंग संस्थाएं, और आर्थिक नीति निर्माता इस कृषि प्रधानता का सम्मान करते हैं? हाल ही में राजस्थान के एक वी...
मजदूर दिवस: एक दिन सम्मान, साल भर अपमान

मजदूर दिवस: एक दिन सम्मान, साल भर अपमान

BREAKING NEWS, Current Affaires, EXCLUSIVE NEWS, Today News, जीवन शैली / फिल्में / टीवी, प्रेस विज्ञप्ति, राज्य, विश्लेषण, समाचार, सामाजिक
मजदूर दिवस: एक दिन सम्मान, साल भर अपमान — प्रियंका सौरभ मजदूर दिवस केवल एक तारीख नहीं, श्रमिकों की मेहनत, संघर्ष और हक की पहचान है। 1 मई को मनाया जाने वाला यह दिन उस आंदोलन की याद है जिसने काम के सीमित घंटे, सम्मानजनक वेतन और श्रम अधिकारों की लड़ाई लड़ी। लेकिन भारत जैसे देशों में मजदूर आज भी असंगठित, असुरक्षित और उपेक्षित हैं। महिला श्रमिकों की स्थिति और भी दयनीय है। एक दिन की प्रतीकात्मक श्रद्धांजलि से आगे बढ़कर हमें हर दिन श्रमिकों को सम्मान, सुरक्षा और न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध होना होगा। तभी मजदूर दिवस वास्तव में सार्थक होगा। हर वर्ष 1 मई को मनाया जाने वाला मजदूर दिवस, श्रमिकों के संघर्ष, बलिदान और अधिकारों की रक्षा का प्रतीक है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि समाज की नींव उन हाथों से बनती है जो दिन-रात मेहनत करते हैं। लेकिन क्या हम सच में इन मेहनतकशों को वह सम्मान औ...
आदि शंकराचार्य जयन्ती – 2 मई, 2025

आदि शंकराचार्य जयन्ती – 2 मई, 2025

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, Today News, TOP STORIES, जीवन शैली / फिल्में / टीवी, धर्म, प्रेस विज्ञप्ति, संस्कृति और अध्यात्म, सामाजिक, साहित्य संवाद
आदि शंकराचार्य ने हिन्दू संस्कृति को पुनर्जीवित किया - ललित गर्ग- महापुरुषों की कीर्ति युग-युगों तक स्थापित रहती। उनका लोकहितकारी चिंतन, दर्शन एवं कर्तृत्व कालजयी होता है, सार्वभौमिक, सार्वदैशिक एवं सार्वकालिक होता है और युगों-युगों तक समाज का मार्गदर्शन करता हैं। आदि शंकराचार्य हमारे ऐेसे ही एक प्रकाशस्तंभ हैं जिन्होंने एक महान हिंदू धर्माचार्य, दार्शनिक, गुरु, योगी, धर्मप्रवर्तक और संन्यासी के रूप में 8वीं शताब्दी में अद्वैत वेदांत दर्शन का प्रचार किया था। हिन्दुओं को संगठित किया। उन्होंने चार मठों की स्थापना की, जो भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं। आदि गुरु शंकराचार्य हिंदू धर्म में एक विशेष स्थान रखते हैं, उनके विराट व्यक्तित्व को किसी उपमा से उपमित करने का अर्थ है उनके व्यक्तित्व को ससीम बनाना। उनके लिये इतना ही कहा जा सकता है कि वे अनिर्वचनीय है। उन्हें हम धर्मक्रांति एवं सम...
UPSC टॉपर या जाति टॉपर?: प्रतिभा गुम, जाति और पृष्ठभूमि का बाज़ार गर्म।

UPSC टॉपर या जाति टॉपर?: प्रतिभा गुम, जाति और पृष्ठभूमि का बाज़ार गर्म।

addtop, BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, Today News, TOP STORIES, घोटाला, प्रेस विज्ञप्ति, राष्ट्रीय, सामाजिक, साहित्य संवाद
UPSC टॉपर या जाति टॉपर?: प्रतिभा गुम, जाति और पृष्ठभूमि का बाज़ार गर्म। देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा अब जातीय गौरव का तमाशा बन चुकी है। जैसे ही रिज़ल्ट आता है, प्रतिभा और मेहनत को धकिया कर जाति, धर्म और ‘किसान की झोपड़ी’ की स्क्रिप्ट सोशल मीडिया पर दौड़ने लगती है। एसी कमरों में पढ़ने वाले अब खुद को किसान का बेटा घोषित करते हैं, ताकि संघर्ष बिके। टॉपर बनने के बाद सेवा की बजाय सेल्फी और सेमिनार का मोह शुरू हो जाता है। हर दल, हर विचारधारा, हर वर्ग अपने-अपने टॉपर को पकड़कर झंडा उठाता है — “देखो, ये हमारा है!”किसी को सवर्ण गौरव चाहिए, किसी को दलित चमत्कार। और इस पूरे मेले में असली हीरो — यानी मेहनत और ईमानदारी — कहीं कोने में खड़ी, अकेली, उपेक्षित रह जाती है। UPSC अब परीक्षा नहीं, जातीय राजनीति, इमोशनल मार्केटिंग और ब्रांडिंग का अखाड़ा बनता जा रहा है। और सवाल वही — ये अफसर समाज सेवा...
अक्षय तृतीया: समृद्धि, पुण्य और शुभारंभ का पर्व

अक्षय तृतीया: समृद्धि, पुण्य और शुभारंभ का पर्व

BREAKING NEWS, EXCLUSIVE NEWS, Today News, TOP STORIES, जीवन शैली / फिल्में / टीवी, धर्म, प्रेस विज्ञप्ति, राष्ट्रीय, समाचार, संस्कृति और अध्यात्म, सामाजिक, साहित्य संवाद
अक्षय तृतीया: समृद्धि, पुण्य और शुभारंभ का पर्व -प्रियंका सौरभ अक्षय तृतीया, जिसे 'आखा तीज' भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला एक अत्यंत पावन पर्व है। 'अक्षय' का अर्थ होता है—जो कभी क्षय (नाश) न हो। यही कारण है कि यह दिन शुभ कार्यों, दान-पुण्य, निवेश और नए आरंभ के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है। यह दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की आराधना के लिए समर्पित होता है। मान्यता है कि इस दिन सच्चे हृदय से पूजा-पाठ, व्रत और दान करने से न केवल वर्तमान जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है, बल्कि अगले जन्मों तक अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।पुराणों के अनुसार, इसी दिन सतयुग और त्रेतायुग का प्रारंभ हुआ था। भगवान परशुराम का जन्म भी इसी तिथि को हुआ था। महाभारत में वर्णित है कि इसी दिन युधिष्ठिर को अक्षय पात्र की प्राप्ति ह...
पहलगाम आतंकवादी हमला {वैश्विक जगत भारत के साथ वहीं भारत के विरोधी दल देश के गुनाहगारों के साथ}

पहलगाम आतंकवादी हमला {वैश्विक जगत भारत के साथ वहीं भारत के विरोधी दल देश के गुनाहगारों के साथ}

BREAKING NEWS, CURRENT ISSUE, EXCLUSIVE NEWS, Today News, TOP STORIES, धर्म, राष्ट्रीय, समाचार
पहलगाम आतंकवादी हमला {वैश्विक जगत भारत के साथ वहीं भारत के विरोधी दल देश के गुनाहगारों के साथ}मृत्युंजय दीक्षितकश्मीर घाटी के पहलगाम हमले में 26 निहत्थे निर्दोष पर्यटकों की धर्म पूछकर और कलमा न पढ़ पाने पर की गई नृशंस हत्याओं के बाद, देश में आतंकवाद के खिलाफ भीषण आक्रोश है। देश का जन जन पाकिस्तान से बदला लेने के लिए तड़प रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले बिहार की मधुबनी रैली में और फिर “मन की बात“ रेडियो कार्यक्रम में देश को विश्वास दिलाया है कि पीड़ितों को न्याय मिलकर रहेगा तथा पाकिस्तान को ऐसा दंड दिया जाएगा जिसकी उसने कल्पना भी नहीं की होगी । आतंकवादी घटनाओं के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि देश के गृहमंत्री तुरंत अपने सभी कार्यक्रम रद्द करके घटनास्थल पहुंचे और पीड़ितों के साथ खड़े रहे। इस घटना के बाद से भारत के आतंकवाद से निपटने के निर्णय को विश्व के सभी प्रमुख देशों ने अपना प...