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Author: dindiaadmin

नोटबंदी से बदहाल किसान को बजट से अपेक्षा

नोटबंदी से बदहाल किसान को बजट से अपेक्षा

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भारत एक कृषि प्रधान देश है। इसके चलते यहां की अर्थव्यवस्था का आधार भी खेती-किसानी है। आज भी गांव व शहर की आबादी को मिला कर अस्सी फीसदी तक लोग खेती-किसानी के काम में जुटे है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि केन्द्र सरकार जो भी काम करेगी या निर्णय लेगी इतनी बड़ी आबादी को ध्यान में रख कर ही  लेगी, लेकिन मोदी सरकार ने नोटबंदी के समय इस पूरी आबादी को नजर अंदाज कर दिया। हालात ये बने कि देश का तमाम सारा किसान दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज हो गया। नोटबंदी को लेकर जैसे-जैसे वक्त बितते जा रहा है वैसे-वैसे इसकी सच्चाई सामने आती जा रही है। नोटबंदी के चलते आम नागरिकों ने जो नरक भोगा है उसका जिक्र करना तो यहां लाजिमी नही लगता है लेकिन किसानों ने जो भोगा है उस पर नजरे इनायत करते है। फिलहाल हम नोटबंदी से किसान को होने वाले नुकसान और परेशानी पर बात करते है। नोटबंदी को लेकर हाल ही में देश के किसान नेताओं का...
Resignation of Meghalaya Governor not enough

Resignation of Meghalaya Governor not enough

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It refers to Meghalaya Governor V Shanmuganathan resigning after about 100 staffers of Raj-Bhawan made complaints to President and Prime Minister about state-governor virtually turning Governor-House into a club of young ladies, further adding to serious charge about undignified gestures of the state-governor towards a young lady coming for a job at Raj-Bhawan. Media-reports indicate that staffers complaining against V Shanmuganathan are armed with photos and videos of his undignified behavior towards ladies. Mere accepting resignation of V Shanmuganathan should not close the matter. Enquiry should be made by a Supreme Court appointed committee under various provisions of law including Vishakha Committee guidelines and The Criminal Law (Amendment) Act, 2013 legislated subsequent to infamo...
दाऊद-छोटा शकील-नदीम पर कब चलेगा मुकदमा ?

दाऊद-छोटा शकील-नदीम पर कब चलेगा मुकदमा ?

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मुंबई,12 अगस्त 1997। इसी दिनएक छोटी सी म्यूजिक कैसेट कंपनी से शुरू करके म्यूजिक की दुनिया में तहलका मचाने वाले गुलशन कुमार की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या का षडयंत्र रचने के मामले में संगीत निर्देशक नदीम सैफी का नाम आया था। नदीम सैफी मामले में अपना नाम आते ही देश से ब्रिटेन के लिए भाग गया। देश के इतने संभावनाओं से लबरेज कारोबारी का हत्यारा ब्रिटेन में है और अब सारा देश लगभग गुलशन कुमार के कैसेट तो रोज ही सुनता रहता है परन्तु निर्मम हत्याकांड को भूल चुका है। इसी तरह से 1992 में मुंबई धमाकों का गुनाहगार दाऊद इब्राहीम और छोटा शकील पाकिस्तान में मौज कर रहे हैं। पाकिस्तान जाने से पहले मुंबई पुलिस के सब इंस्पेक्टर का बेटा दाऊद इब्राहीम दुबई में अपने काले कारोबार को चला रहा था।क्या कभी नदीम सैफी, दाऊद इब्राहीम, बैंकों का हजारों करोड़ रुपये का लोन डकारने वाला विजय माल्या, ललि...
Demonetization of high denomination notes

Demonetization of high denomination notes

EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
Prime Minister Narendra Modi has announced demonetization of high denomination currency keeping in view the manifesto of the party to fight corruption and respecting the sentiments of voters. Despite the pain which people are facing in the exercise, generally the scheme has been hailed by Indians across the spectrum. The sentiments are positive and encouraging. In 1946 and 1978, similar demonetization was done in India but the scale at which it is being done now is unprecedented. First, some facts about the demonetized currencies. The note of Rs. 500 was introduced in October 1987-88 while notes of Rs.1,000 were discontinued in January 1978 and reissued in November 2000. The history of Rs.1,000 note is interesting. It was first introduced in 1938 under the British rule and then d...
कूटनीति के स्तर पर व्यर्थ का आशावाद

कूटनीति के स्तर पर व्यर्थ का आशावाद

EXCLUSIVE NEWS, SPECIAL ISSUE, विश्लेषण
भारत-श्रीलंका के मध्य कतिपय मुद्दों को लेकर तनाव बना हुआ है। जल क्षेत्र और मछुआरों को लेकर प्रायः संघर्ष की स्थिति बनी रहती है। रानिल विक्रमसिंघे ने दो टूक ढंग से कह दिया है कि श्रीलंकाई जलक्षेत्र में भारतीय मछुआरों को महाजाल का प्रयोग करने की अनुमति बिल्कुल नहीं दी जाएगी। वास्तव में भारत और श्रीलंका के परस्पर संबंध पिछले कुछ दशकों से निरंतर जटिल बने रहे हैं। भारतीय पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा श्रीलंका के गृह युद्ध में हस्तक्षेप किया गया था, जिसके बाद से ही श्रीलंका और भारत के संबंधों में फिर कभी वैसी उष्मा और सहिष्णुता दिखाई नहीं पड़ सकी। श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे के कार्यकाल के आखिरी दौर में तो भारत-श्रीलंका के द्विपक्षीय संबंध बहुत अधिक खराब हो गए थे। यह उम्मीद की जा रही थी कि श्रीलंका में सत्ता परिवर्तन के उपरांत भारत-श्रीलंका संबंधों को नई दिशा और उष्मा...
विमुद्रीकरण के उपरांत सरकार, राजनीति और समाज में उभरी विसंगतियों को दूर करने संबंधी सुझावों हेतू मौलिक भारत का प्रतिवेदन

विमुद्रीकरण के उपरांत सरकार, राजनीति और समाज में उभरी विसंगतियों को दूर करने संबंधी सुझावों हेतू मौलिक भारत का प्रतिवेदन

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प्रतिष्ठा में, माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री भारत सरकार, नई दिल्ली -110001 बिषय : विमुद्रीकरण के उपरांत सरकार, राजनीति और समाज में उभरी विसंगतियों को दूर करने संबंधी सुझावों हेतू मौलिक भारत का प्रतिवेदन माननीय महोदय, व्यवस्था में सुशासन और पारदर्शिता के लिए संघर्षरत हमारी संस्था मौलिक भारत के माध्यम से विमुद्रीकरण के उपरांत पिछले एक माह में हमने चार प्रतिवेदनों द्वारा सरकार के विमुद्रीकरण के उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा आ रहे अवरोधों को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए और हमें हर्ष है कि उनमें से अधिकांश को सरकार द्वारा माना गया। महोदय, देश में अत्यंत भ्रम की स्थितियां उतपन्न हो चुकी हें। कालेधन के कुबेर जो व्यवस्था के अंदर और बाहर बड़ी मजबूती से घुसे हुए हें ने वृहद स्तर पर सरकार की मंशा और सद्प्रयासों को विफल करने के लिए सुनियोजित अभियान चला रखा है। दुः...
भारत सुंदर कैसे बने?

भारत सुंदर कैसे बने?

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नोटबंदी में मीडिया ऐसा उलझा है कि दूसरे मुद्दों पर बात ही नहीं हो रही। प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान बड़े जोर-शोर से शुरू किया था। देश की हर मशहूर हस्ती झाडू लेकर सड़क पर उतर गयी थी। पर आज क्या हो रहा है? क्या देश साफ हुआ ?दूर दराज की छोड़िये देश की राजधानी दिल्ली के हर इलाके में कूड़े के पहाड खड़े हैं,चाहे वह खानपुर-बदरपुर का इलाका हो या नारायण का,रोहिणी का हो,वसंत कुञ्ज का या उत्तरी व पूर्वी दिल्ली के क्षेत्र। जहां चले जाओ सड़कों के किनारे कूड़े के ढेर लगे पडे हैं। यही हाल बाकी देश का भी है। रेलवे के प्लेटफार्म हों,बस अड्डे हों,बाजार हों या रिहायशी बस्तियां सब ओर कूड़े का साम्राज्य फैला पड़ा है। कौन सुध लेगा इसकी ?कहाँ गयी वो मशहूर हस्तियां जो झाड़ू लेकर फोटो खिंचवा रही थीं ? प्रधानमंत्री का यह विचार और प्रयास सराहनीय है। क्योंकि सफाई हर गरीब और अमीर के लिए फायदे का सौदा है। ग...
सरकारी स्‍टॉक की बिक्री (पुनर्निगम) के लिए नीलामी

सरकारी स्‍टॉक की बिक्री (पुनर्निगम) के लिए नीलामी

जीवन शैली / फिल्में / टीवी
सरकारी स्‍टॉक की बिक्री (पुनर्निगम) के लिए नीलामी प्रिय दोस्तों, सूचना क्रांति के इस युग में जबकि घटना घटित होने से पूर्व ही विश्लेषण एवं निष्कर्र्ष संभव होने के दावे किये जा रहे हैं, एक नयी मासिक पत्रिका का प्रकाशक चौकाता तो है ही, साथ ही इससे स्पष्ट हो जाता है कि या तो प्रकाशक भावावेशी है अथवा एक सुनियोजित मस्तिष्क, किन्तु व्यवसायिक बिल्कुल भी नहीं। निश्चय ही यह कदम एक सुनियोजित योजना का प्रथम पग है। सैंकड़ो राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक पत्र-पत्रिकाओं, चैनलों, प्रकाशनों, सेमिनारों, जनर्लों व पुस्तकों आदि के बाद भी अगर ‘डॉयलाग’ की आवश्यकता है तो क्यों? क्या अब तक के डॉयलाग अधुरे थे? अथवा उनके निष्कर्ष अप्रभावी? शायद ऐसा नहीं है। हमारा उद्देश्य किसी वाद, विचारधारा, दर्शन अथवा मत को बड़ा या छोटा करना नहीं है, न ही उसे नकारना अथवा उसको महत्वहीन या महत्वपूर्ण साबित करना। हम सब मतों, वि...
वायुसेना प्रमुख ने हिन्‍दुस्‍तान एरोनॉक्टिक्‍स लिमिटेड, बेंगलुरु में उड़ाया तेजस

वायुसेना प्रमुख ने हिन्‍दुस्‍तान एरोनॉक्टिक्‍स लिमिटेड, बेंगलुरु में उड़ाया तेजस

जीवन शैली / फिल्में / टीवी
वायुसेना प्रमुख ने हिन्‍दुस्‍तान एरोनॉक्टिक्‍स लिमिटेड, बेंगलुरु में उड़ाया तेजस प्रिय दोस्तों, सूचना क्रांति के इस युग में जबकि घटना घटित होने से पूर्व ही विश्लेषण एवं निष्कर्र्ष संभव होने के दावे किये जा रहे हैं, एक नयी मासिक पत्रिका का प्रकाशक चौकाता तो है ही, साथ ही इससे स्पष्ट हो जाता है कि या तो प्रकाशक भावावेशी है अथवा एक सुनियोजित मस्तिष्क, किन्तु व्यवसायिक बिल्कुल भी नहीं। निश्चय ही यह कदम एक सुनियोजित योजना का प्रथम पग है। सैंकड़ो राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक पत्र-पत्रिकाओं, चैनलों, प्रकाशनों, सेमिनारों, जनर्लों व पुस्तकों आदि के बाद भी अगर ‘डॉयलाग’ की आवश्यकता है तो क्यों? क्या अब तक के डॉयलाग अधुरे थे? अथवा उनके निष्कर्ष अप्रभावी? शायद ऐसा नहीं है। हमारा उद्देश्य किसी वाद, विचारधारा, दर्शन अथवा मत को बड़ा या छोटा करना नहीं है, न ही उसे नकारना अथवा उसको महत्वहीन या महत्वप...
बंधुआ मजदूर पुनर्वास योजना-2016 को केन्‍द्रीय क्षेत्र की योजना में परिवर्तित किया जायेगा

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बंधुआ मजदूर पुनर्वास योजना-2016 को केन्‍द्रीय क्षेत्र की योजना में परिवर्तित किया जायेगा प्रिय दोस्तों, सूचना क्रांति के इस युग में जबकि घटना घटित होने से पूर्व ही विश्लेषण एवं निष्कर्र्ष संभव होने के दावे किये जा रहे हैं, एक नयी मासिक पत्रिका का प्रकाशक चौकाता तो है ही, साथ ही इससे स्पष्ट हो जाता है कि या तो प्रकाशक भावावेशी है अथवा एक सुनियोजित मस्तिष्क, किन्तु व्यवसायिक बिल्कुल भी नहीं। निश्चय ही यह कदम एक सुनियोजित योजना का प्रथम पग है। सैंकड़ो राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक पत्र-पत्रिकाओं, चैनलों, प्रकाशनों, सेमिनारों, जनर्लों व पुस्तकों आदि के बाद भी अगर ‘डॉयलाग’ की आवश्यकता है तो क्यों? क्या अब तक के डॉयलाग अधुरे थे? अथवा उनके निष्कर्ष अप्रभावी? शायद ऐसा नहीं है। हमारा उद्देश्य किसी वाद, विचारधारा, दर्शन अथवा मत को बड़ा या छोटा करना नहीं है, न ही उसे नकारना अथवा उसको महत्वहीन य...