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यूपी में नहीं बढ़ेंगी कीमतें, बढ़ेगा आबकारी का राजस्व

यूपी में नहीं बढ़ेंगी कीमतें, बढ़ेगा आबकारी का राजस्व

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*- योगी सरकार की नई आबकारी नीति को एक्साइज कमिश्नर ने किया स्पष्ट* *- राजस्व बढ़ाने के लिए किये गये हैं कई उपाय, फिर भी नहीं बढ़ेंगी शराब की कीमतें* *- पांच रुपए सस्ती मिलेगी यूपीएमएल की 42.8 डिग्री की शराब* *- 36 डिग्री यूपीएमएल की नई श्रेणी को भी किया गया है इंट्रोड्यूस* *- 25 और 36 डिग्री शीरे वाली शराबों के रेट में भी नहीं हुआ है कोई परिवर्तन* *- पहले ग्रेन अल्कोहल को हरियाणा और पंजाब से किया जाता था इम्पोर्ट, अब यूपी में बन रही* *- देसी शराब की कैटगरी को भी नौ से घटाकार किया गया चार* *- नई नीति से 2024-25 में 50 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य* *लखनऊ, 20 दिसंबर।* योगी सरकार की नई आबकारी नीति लागू होने के बाद प्रदेश में ना सिर्फ कंट्री मेड शराब की कीमतों में कमी आएगी, बल्कि सरकार के खजाने को भी समृद्ध किया जा सकेगा। प्रदेश के आबकारी आयुक्...
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35- ए हटने की बहस पर पूर्ण विराम

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35- ए हटने की बहस पर पूर्ण विराम

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अब जम्मू कश्मीर में विकास का नया सूर्योदयमृत्युंजय दीक्षितभारत की संप्रभुता और जम्मू कश्मीर प्रान्त के लिए 11 दिसंबर 2023 एक ऐतिहासिक दिन बनकर आया। इस दिन उच्चतम न्यायालय की पांच जजों की संविधान पीठ ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए को हटाने के निर्णय को वैध ठहराते हुए कहा कि यह एक अस्थाई धारा थी जिसे आज नहीं तो कल हटना ही था। मुख्य न्यायाधीश वाई वी चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी व्यवस्था थी। अदालत ने कहा कि भारत का संविधान जम्मू कश्मीर के संविधान से ऊंचा है और अनुच्छेद- 370 को बेअसर करने से जम्मू कश्मीर को भारत के साथ जोड़ने की प्रक्रिया मजबूत हुई है। न्यायाधीश चंद्रचूड़ जी ने कहा कि धारा 370 को हटाना संवैधानिक रूप से वैध है और केंद्र सरकार का निर्णय बिल्कुल सही है।उच्चतम न्यायालय ने अपने निर्णय में कई महत्वपूर्ण व ऐतिहासक टिप्पणियां की हैं जिनमे कहा...
अनुच्छेद 370 : सुप्रीम कोर्ट का निष्कर्ष

अनुच्छेद 370 : सुप्रीम कोर्ट का निष्कर्ष

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1. विलय पत्र पर हस्ताक्षर होने के बाद जम्मू-कश्मीर के पास संप्रभुता का कोई तत्व नहीं है 2. जम्मू-कश्मीर के लिए कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं 3. राष्ट्रपति शासन की उद्घोषणा को चुनौती मान्य नहीं है 4. राष्ट्रपति की शक्ति का प्रयोग राष्ट्रपति शासन के उद्देश्य के साथ उचित संबंध होना चाहिए 5. राज्य के लिए कानून बनाने की संसद की शक्ति कानून बनाने की शक्ति को बाहर नहीं कर सकती 6. अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था 7. जब संविधान सभा भंग कर दी गई तो सभा की केवल अस्थायी शक्ति समाप्त हो गई और राष्ट्रपति के आदेश पर कोई प्रतिबंध नहीं रहा 8. सीओ 272 का पैरा 2 जिसके द्वारा अनुच्छेद 370 को अनुच्छेद 367 में संशोधन करके संशोधित किया गया था, गलत था क्योंकि व्याख्या खंड का उपयोग संशोधन के लिए नहीं किया जा सकता है 9. राष्ट्रपति द्वारा सत्ता का उपयोग दुर्भावनापूर्ण नहीं था और राज्य के ...
6 दिसंबर की रात – “चंद्रकांत जोशी”

6 दिसंबर की रात – “चंद्रकांत जोशी”

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ढाँचे के आसपास तूफान के पहले और तूफान के बाद की खामोशी का मंजर था। कार सेवक, पत्रकार, नेता और तमाशाई जा चुके थे। मगर कुछ शक्तियाँ ऐसी थी जो अपने काम में चुपचाप लगी थी और इन शक्तियों के पीछे मैं भी चुपचाप एक गँवार देहाती की तरह लगा हुआ था। अगर किसी को तनिक भी भान हो जाता कि मैं पत्रकार हूँ और यहाँ मौजूद हूँ तो फिर मेरे लिए जान बचाना मुश्किल हो जाता, क्योंकि ढाँचा टूटने के बाद सबसे रहस्यमयी, रोमांचक और एक नया इतिहास लिखने वाला घटनाक्रम यहाँ होने वाला था।जिस जगह पर मैं 6 दिसंबर, 1992 की शाम को घुप्प अंधेरे और कड़कड़ाती ठंड में कुछ टिमटिमाते दीयों, लालटेन और टॉर्च की रहस्यमयी रोशनी में कुछ हिलती-डुलती मानवीय आकृतियों के बीच किसी भुतहा हिंदी फिल्म के दृश्यों को डरते-सहमते देख रहा था। रामसे ब्रदर्स की भुतहा फिल्मों से लेकर हॉलीवुड की खतरनाक भुतहा फिल्मों को तीन घंटे देखना रोमांच का काम हो स...
<strong>क्यों जरूरी है नोएडा एयरपोर्ट का जल्दी शुरू होना</strong>

क्यों जरूरी है नोएडा एयरपोर्ट का जल्दी शुरू होना

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क्यों देश को इंतजार है नोएडा एयरपोर्ट शुरू होने का आर.के. सिन्हा अगर सब कुछ योजना के चलता रहा तो उत्तर प्रदेश के जेवर में तेजी से बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से पहली उड़ान अगले साल मार्च के महीने में अपने सफर पर चली जाएगी। यानी अब छह से भी कम महीनों का वक्त बचा है, इसे शुरू होने में। पहले कहा जा रहा था कि यहां से पहली फ्लाइट साल 2024 के अंत में ही उड़ान भरेगी। नोएडा एयरपोर्ट जितना जल्दी शुरू हो जाए उतना ही भारत आने और यहां से जाने वाले करोड़ों मुसाफिरों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर होगी। भारत सरकार का उड्डयन एवं गृह मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार मिल कर कोशिश कर रहे हैं ताकि नोएडा एयरपोर्ट वक्त से पहले ही शुरू हो जाए। नोएडा एयरपोर्ट का तुरंत बनना इसलिए भी जरूरी है ताकि इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (आईजीआई) को यात्रियों की भीड़ से बचाया जा सके। इधर भी...
नीतीश कुमार के वक्तव्य और व्यवहारों को कैसे देखें

नीतीश कुमार के वक्तव्य और व्यवहारों को कैसे देखें

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अवधेश कुमारबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गंभीर नेता माने जाते रहे हैं। इन दिनों उनके वक्तव्य और व्यवहार लोगों को हैरत में डाल रहे हैं। विरोधियों की छोड़िए उनके समर्थक और निकटतम भी प्रश्न उठा रहे हैं कि वाकई यह नीतीश कुमार ही हैं? पिछले दिनों विधानसभा के अंदर के दो प्रसंगों ने पूरे देश में उनकी छवि को मटियामेट किया है। जनसंख्या नियंत्रण पर बोलते हुए उन्होंने पति-पत्नी के यौन रिश्ते को हाथों और चेहरे से इशारा करते हुए ऐसी शब्दावलियों का प्रयोग किया जिनकी हम आप कल्पना नहीं कर सकते। व्यक्तिगत बातचीत में उस तरह की भाषा बोली जाए तो अनदेखी की जा सकती है लेकिन सार्वजनिक रूप से और वह भी विधानसभा के अंदर कतई नहीं। हंगामा होने पर उन्होंने क्षमा याचना की और कहा कि मैं स्वयं अपनी निंदा करता हूं। हालांकि उस वक्तव्य में भी क्षमायाचना या आत्मनिंदा जैसे अफसोस का हाव-भाव नहीं था। उसके बाद पूर्व मुख्यमंत...
एमपी चुनाव, बनते बिगड़ते मुद्दे और हाव-भाव

एमपी चुनाव, बनते बिगड़ते मुद्दे और हाव-भाव

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श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रण मिलते ही चुनावी राज्यों में सियासत शुरू हो गई. मध्यप्रदेश से सबसे पहली आवाज कांग्रेस के सीएम फेस कमलनाथ ने उठाई. उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए भाजपा नेताओं को ही क्यों आमंत्रित किया गया है? जब श्रीराम की जन्मभूमि को मुक्त कराने के लिए कारसेवकों ने अपने प्राण न्योछावर किए थे. तब यह आवाज़ क्यों नहीं आई थी कि अयोध्या का आंदोलन सभी राजनीतिक दलों का है? चुनावी घोषणा पत्र में राम मंदिर निर्माण का संकल्प व्यक्त करने वालों को ही मंदिर निर्माण के श्रेय का हक बनता है. सनातन धर्म और आस्था के लिए श्रीराम जन्मभूमि मंदिर चुनावी वाद-विवाद का विषय नहीं हो सकता है. सनातन को डेंगू और मच्छर मानने वाली विचारधारा के सहयोगी और समर्थक चुनावी नजरिये से राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा में भागीदारी की मांग कर रहे हैं...
बदल रहे अब जम्मू-कश्मीर के हालात

बदल रहे अब जम्मू-कश्मीर के हालात

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_-बलबीर पुंज_ जम्मू-कश्मीर के हालिया घटनाक्रम से क्या रेखांकित होता है? जहां स्वतंत्र भारत में पहली बार पाकिस्तान सीमा के निकट इस वर्ष पुनर्निर्मित शारदा माता मंदिर में शारदीय नवरात्रि की पूजा हो रही है, वही इसी दौरान पुंछ में पोस्टर चस्पा करके हिंदुओं और सिखों को क्षेत्र छोड़ने हेतु धमकी देने का मामला प्रकाश में आया है। यह ठीक है कि धारा 370-35ए के संवैधानिक क्षरण के बाद से घाटी में आध्यात्मिक-सांस्कृतिक पुनर्स्थापना के साथ समेकित आर्थिक विकास, केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी, पर्यटकों की बढ़ती संख्या, तीन दशक बाद नए-पुराने सिनेमाघरों का संचालन, भारतीय फिल्म उद्योग के लिए कश्मीर पुन: पसंदीदा गंतव्य बनना और जी20 पर्यटन कार्यसमूह की सफल बहुराष्ट्रीय बैठक और आतंकवादी-पथराव की घटनाओं में तुलनात्मक कमी आदि का साक्षी बन रहा है। परंतु क्या यह जिहादी मानसिकता को समाप्त करने के लिए...
राजस्थान में बदलाव की बयार

राजस्थान में बदलाव की बयार

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रमेश सर्राफ धमोरा राजस्थान में पिछले तीस वर्षों से हर पांच साल बाद सत्ता बदलने का रिवाज चला आ रहा है। अगले महीने होने वाले राजस्थान विधानसभा के चुनाव में जहां भाजपा हर बार राज बदलने के रिवाज को बनाए रखने का प्रयास कर रही है। वही सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी फिर से सरकार बनाकर रिवाज बदलना चाहती है। चुनाव में दोनों ही पार्टियों पूरे दमखम के साथ उतरने जा रही है। तीसरे मोर्चे के रूप में बसपा, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, आम आदमी पार्टी, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन, भारतीय आदिवासी पाटी, वामपंथी पार्टिया जैसे छोटे राजनीतिक दल भी प्रदेश की राजनीति में तीसरी शक्ति बनकर सत्ता की चाबी अपने हाथ में लेना चाहते हैं। राजस्थान में पिछले 30 वर्षों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस की मुख्य धुरी बने हुए हैं। तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके अशोक गहलोत के इर्द-गिर्द ही कांग्रेस की राजनीति घ...
पांच राज्यों के चुनाव को कैसे देखें

पांच राज्यों के चुनाव को कैसे देखें

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अवधेश कुमारचुनाव आयोग ने भले पांच राज्यों के विधानसभाओं की औपचारिक घोषणा अब की है, देश पहले से ही चुनावी मोड में है। काफी समय से पूरी राजनीति की रणनीति 2024 लोकसभा चुनाव के इर्द-गिर्द बनाई जा रही है। लोकसभा चुनावों के पूर्व यही विधानसभा चुनाव हैं और इसके परिणाम कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण होंगे। कुल 16 करोड़ 14 लाख मतदाताओं, 679 विधानसभा सीटों तथा 83 लोकसभा स्थानों का महत्व समझना कठिन नहीं है। इन चुनावों के पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाकर महिलाओं को लोकसभा एवं विधानसभाओं में आरक्षण के लिए नारी सम्मान वंदन कानून बना दिया है। इन चुनाव में करीब 7 करोड़ 80 लाख महिला मतदाता हैं। यह पता चलेगा कि महिलाओं को आरक्षण देने से ये कितना प्रभावित हैं। यह चुनाव भाजपा, कांग्रेस तथा क्षेत्रीय स्तर पर बीआरएस यानी भारत राष्ट्र समिति के लिए एक हद तक करो या मरो जैसा है। कांग्...