भाजपा के मुकाबले विपक्षी गठबंधन
अवधेश कुमारबेंगलुरु से राजधानी दिल्ली तक विपक्ष और भाजपा नेतृत्व वाले गठबंधन की मोर्चाबंदी की पहली गुंज संसद के सत्र में सुनाई पड़ रही है। यह लोकसभा चुनाव के राजनीतिक युद्ध की पूर्व प्रतिध्वनियां हैं। वैसे विपक्ष द्वारा इंडिया नाम रखने के साथ यूपीए की अंत्येष्टि हो गई। पटना बैठक तक गठबंधन की कोशिशों में विपक्ष आगे दिख रहा था। इस तरह माहौल थोड़ा एकपक्षीय था। बेंगलुरु बैठक के पूर्व मीडिया की सुर्खियां यही थी कि 17 दलों का समूह बढकर 26 का हो गया। इसमें ऐसा लग रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा पीछे रह गई है। 26 के मुकाबले 38 दलों को इकट्ठा कर भाजपा ने विपक्ष के इस प्रचार का जवाब दे दिया कि उसके साथ कोई दल आना नहीं चाहता। वैसे पटना बैठक के तुरंत बाद महाराष्ट्र में राकांपा के विधायकों के बहुमत का शरद पवार से अलग होकर सरकार में शामिल होने का निर्णय ही यह बताने के लिए पर्य...