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Author: dindiaadmin

कूटनीति के स्तर पर व्यर्थ का आशावाद

कूटनीति के स्तर पर व्यर्थ का आशावाद

EXCLUSIVE NEWS, SPECIAL ISSUE, विश्लेषण
भारत-श्रीलंका के मध्य कतिपय मुद्दों को लेकर तनाव बना हुआ है। जल क्षेत्र और मछुआरों को लेकर प्रायः संघर्ष की स्थिति बनी रहती है। रानिल विक्रमसिंघे ने दो टूक ढंग से कह दिया है कि श्रीलंकाई जलक्षेत्र में भारतीय मछुआरों को महाजाल का प्रयोग करने की अनुमति बिल्कुल नहीं दी जाएगी। वास्तव में भारत और श्रीलंका के परस्पर संबंध पिछले कुछ दशकों से निरंतर जटिल बने रहे हैं। भारतीय पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा श्रीलंका के गृह युद्ध में हस्तक्षेप किया गया था, जिसके बाद से ही श्रीलंका और भारत के संबंधों में फिर कभी वैसी उष्मा और सहिष्णुता दिखाई नहीं पड़ सकी। श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे के कार्यकाल के आखिरी दौर में तो भारत-श्रीलंका के द्विपक्षीय संबंध बहुत अधिक खराब हो गए थे। यह उम्मीद की जा रही थी कि श्रीलंका में सत्ता परिवर्तन के उपरांत भारत-श्रीलंका संबंधों को नई दिशा और उष्मा...
विमुद्रीकरण के उपरांत सरकार, राजनीति और समाज में उभरी विसंगतियों को दूर करने संबंधी सुझावों हेतू मौलिक भारत का प्रतिवेदन

विमुद्रीकरण के उपरांत सरकार, राजनीति और समाज में उभरी विसंगतियों को दूर करने संबंधी सुझावों हेतू मौलिक भारत का प्रतिवेदन

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प्रतिष्ठा में, माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री भारत सरकार, नई दिल्ली -110001 बिषय : विमुद्रीकरण के उपरांत सरकार, राजनीति और समाज में उभरी विसंगतियों को दूर करने संबंधी सुझावों हेतू मौलिक भारत का प्रतिवेदन माननीय महोदय, व्यवस्था में सुशासन और पारदर्शिता के लिए संघर्षरत हमारी संस्था मौलिक भारत के माध्यम से विमुद्रीकरण के उपरांत पिछले एक माह में हमने चार प्रतिवेदनों द्वारा सरकार के विमुद्रीकरण के उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा आ रहे अवरोधों को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए और हमें हर्ष है कि उनमें से अधिकांश को सरकार द्वारा माना गया। महोदय, देश में अत्यंत भ्रम की स्थितियां उतपन्न हो चुकी हें। कालेधन के कुबेर जो व्यवस्था के अंदर और बाहर बड़ी मजबूती से घुसे हुए हें ने वृहद स्तर पर सरकार की मंशा और सद्प्रयासों को विफल करने के लिए सुनियोजित अभियान चला रखा है। दुः...
भारत सुंदर कैसे बने?

भारत सुंदर कैसे बने?

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नोटबंदी में मीडिया ऐसा उलझा है कि दूसरे मुद्दों पर बात ही नहीं हो रही। प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान बड़े जोर-शोर से शुरू किया था। देश की हर मशहूर हस्ती झाडू लेकर सड़क पर उतर गयी थी। पर आज क्या हो रहा है? क्या देश साफ हुआ ?दूर दराज की छोड़िये देश की राजधानी दिल्ली के हर इलाके में कूड़े के पहाड खड़े हैं,चाहे वह खानपुर-बदरपुर का इलाका हो या नारायण का,रोहिणी का हो,वसंत कुञ्ज का या उत्तरी व पूर्वी दिल्ली के क्षेत्र। जहां चले जाओ सड़कों के किनारे कूड़े के ढेर लगे पडे हैं। यही हाल बाकी देश का भी है। रेलवे के प्लेटफार्म हों,बस अड्डे हों,बाजार हों या रिहायशी बस्तियां सब ओर कूड़े का साम्राज्य फैला पड़ा है। कौन सुध लेगा इसकी ?कहाँ गयी वो मशहूर हस्तियां जो झाड़ू लेकर फोटो खिंचवा रही थीं ? प्रधानमंत्री का यह विचार और प्रयास सराहनीय है। क्योंकि सफाई हर गरीब और अमीर के लिए फायदे का सौदा है। ग...
सरकारी स्‍टॉक की बिक्री (पुनर्निगम) के लिए नीलामी

सरकारी स्‍टॉक की बिक्री (पुनर्निगम) के लिए नीलामी

जीवन शैली / फिल्में / टीवी
सरकारी स्‍टॉक की बिक्री (पुनर्निगम) के लिए नीलामी प्रिय दोस्तों, सूचना क्रांति के इस युग में जबकि घटना घटित होने से पूर्व ही विश्लेषण एवं निष्कर्र्ष संभव होने के दावे किये जा रहे हैं, एक नयी मासिक पत्रिका का प्रकाशक चौकाता तो है ही, साथ ही इससे स्पष्ट हो जाता है कि या तो प्रकाशक भावावेशी है अथवा एक सुनियोजित मस्तिष्क, किन्तु व्यवसायिक बिल्कुल भी नहीं। निश्चय ही यह कदम एक सुनियोजित योजना का प्रथम पग है। सैंकड़ो राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक पत्र-पत्रिकाओं, चैनलों, प्रकाशनों, सेमिनारों, जनर्लों व पुस्तकों आदि के बाद भी अगर ‘डॉयलाग’ की आवश्यकता है तो क्यों? क्या अब तक के डॉयलाग अधुरे थे? अथवा उनके निष्कर्ष अप्रभावी? शायद ऐसा नहीं है। हमारा उद्देश्य किसी वाद, विचारधारा, दर्शन अथवा मत को बड़ा या छोटा करना नहीं है, न ही उसे नकारना अथवा उसको महत्वहीन या महत्वपूर्ण साबित करना। हम सब मतों, वि...
वायुसेना प्रमुख ने हिन्‍दुस्‍तान एरोनॉक्टिक्‍स लिमिटेड, बेंगलुरु में उड़ाया तेजस

वायुसेना प्रमुख ने हिन्‍दुस्‍तान एरोनॉक्टिक्‍स लिमिटेड, बेंगलुरु में उड़ाया तेजस

जीवन शैली / फिल्में / टीवी
वायुसेना प्रमुख ने हिन्‍दुस्‍तान एरोनॉक्टिक्‍स लिमिटेड, बेंगलुरु में उड़ाया तेजस प्रिय दोस्तों, सूचना क्रांति के इस युग में जबकि घटना घटित होने से पूर्व ही विश्लेषण एवं निष्कर्र्ष संभव होने के दावे किये जा रहे हैं, एक नयी मासिक पत्रिका का प्रकाशक चौकाता तो है ही, साथ ही इससे स्पष्ट हो जाता है कि या तो प्रकाशक भावावेशी है अथवा एक सुनियोजित मस्तिष्क, किन्तु व्यवसायिक बिल्कुल भी नहीं। निश्चय ही यह कदम एक सुनियोजित योजना का प्रथम पग है। सैंकड़ो राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक पत्र-पत्रिकाओं, चैनलों, प्रकाशनों, सेमिनारों, जनर्लों व पुस्तकों आदि के बाद भी अगर ‘डॉयलाग’ की आवश्यकता है तो क्यों? क्या अब तक के डॉयलाग अधुरे थे? अथवा उनके निष्कर्ष अप्रभावी? शायद ऐसा नहीं है। हमारा उद्देश्य किसी वाद, विचारधारा, दर्शन अथवा मत को बड़ा या छोटा करना नहीं है, न ही उसे नकारना अथवा उसको महत्वहीन या महत्वप...
बंधुआ मजदूर पुनर्वास योजना-2016 को केन्‍द्रीय क्षेत्र की योजना में परिवर्तित किया जायेगा

बंधुआ मजदूर पुनर्वास योजना-2016 को केन्‍द्रीय क्षेत्र की योजना में परिवर्तित किया जायेगा

जीवन शैली / फिल्में / टीवी
बंधुआ मजदूर पुनर्वास योजना-2016 को केन्‍द्रीय क्षेत्र की योजना में परिवर्तित किया जायेगा प्रिय दोस्तों, सूचना क्रांति के इस युग में जबकि घटना घटित होने से पूर्व ही विश्लेषण एवं निष्कर्र्ष संभव होने के दावे किये जा रहे हैं, एक नयी मासिक पत्रिका का प्रकाशक चौकाता तो है ही, साथ ही इससे स्पष्ट हो जाता है कि या तो प्रकाशक भावावेशी है अथवा एक सुनियोजित मस्तिष्क, किन्तु व्यवसायिक बिल्कुल भी नहीं। निश्चय ही यह कदम एक सुनियोजित योजना का प्रथम पग है। सैंकड़ो राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक पत्र-पत्रिकाओं, चैनलों, प्रकाशनों, सेमिनारों, जनर्लों व पुस्तकों आदि के बाद भी अगर ‘डॉयलाग’ की आवश्यकता है तो क्यों? क्या अब तक के डॉयलाग अधुरे थे? अथवा उनके निष्कर्ष अप्रभावी? शायद ऐसा नहीं है। हमारा उद्देश्य किसी वाद, विचारधारा, दर्शन अथवा मत को बड़ा या छोटा करना नहीं है, न ही उसे नकारना अथवा उसको महत्वहीन य...
श्री पीयूष गोयल ने रक्त दान कैंप का उद्घाटन किया

श्री पीयूष गोयल ने रक्त दान कैंप का उद्घाटन किया

जीवन शैली / फिल्में / टीवी
श्री पीयूष गोयल ने रक्त दान कैंप का उद्घाटन किया प्रिय दोस्तों, सूचना क्रांति के इस युग में जबकि घटना घटित होने से पूर्व ही विश्लेषण एवं निष्कर्र्ष संभव होने के दावे किये जा रहे हैं, एक नयी मासिक पत्रिका का प्रकाशक चौकाता तो है ही, साथ ही इससे स्पष्ट हो जाता है कि या तो प्रकाशक भावावेशी है अथवा एक सुनियोजित मस्तिष्क, किन्तु व्यवसायिक बिल्कुल भी नहीं। निश्चय ही यह कदम एक सुनियोजित योजना का प्रथम पग है। सैंकड़ो राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक पत्र-पत्रिकाओं, चैनलों, प्रकाशनों, सेमिनारों, जनर्लों व पुस्तकों आदि के बाद भी अगर ‘डॉयलाग’ की आवश्यकता है तो क्यों? क्या अब तक के डॉयलाग अधुरे थे? अथवा उनके निष्कर्ष अप्रभावी? शायद ऐसा नहीं है। हमारा उद्देश्य किसी वाद, विचारधारा, दर्शन अथवा मत को बड़ा या छोटा करना नहीं है, न ही उसे नकारना अथवा उसको महत्वहीन या महत्वपूर्ण साबित करना। हम सब मतों, विच...
इस दौरान लोकसभा में 15 विधेयक और राज्‍यसभा में 14 विधेयक पारित हुए

इस दौरान लोकसभा में 15 विधेयक और राज्‍यसभा में 14 विधेयक पारित हुए

जीवन शैली / फिल्में / टीवी
इस दौरान लोकसभा में 15 विधेयक और राज्‍यसभा में 14 विधेयक पारित हुए प्रिय दोस्तों, सूचना क्रांति के इस युग में जबकि घटना घटित होने से पूर्व ही विश्लेषण एवं निष्कर्र्ष संभव होने के दावे किये जा रहे हैं, एक नयी मासिक पत्रिका का प्रकाशक चौकाता तो है ही, साथ ही इससे स्पष्ट हो जाता है कि या तो प्रकाशक भावावेशी है अथवा एक सुनियोजित मस्तिष्क, किन्तु व्यवसायिक बिल्कुल भी नहीं। निश्चय ही यह कदम एक सुनियोजित योजना का प्रथम पग है। सैंकड़ो राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक पत्र-पत्रिकाओं, चैनलों, प्रकाशनों, सेमिनारों, जनर्लों व पुस्तकों आदि के बाद भी अगर ‘डॉयलाग’ की आवश्यकता है तो क्यों? क्या अब तक के डॉयलाग अधुरे थे? अथवा उनके निष्कर्ष अप्रभावी? शायद ऐसा नहीं है। हमारा उद्देश्य किसी वाद, विचारधारा, दर्शन अथवा मत को बड़ा या छोटा करना नहीं है, न ही उसे नकारना अथवा उसको महत्वहीन या महत्वपूर्ण साबित करन...
TDS not being deposited in Income Tax accounts: NBFCs grabbing TDS deducted by loan-takers

TDS not being deposited in Income Tax accounts: NBFCs grabbing TDS deducted by loan-takers

आर्थिक
TDS not being deposited in Income Tax accounts: NBFCs grabbing TDS deducted by loan-takers प्रिय दोस्तों, सूचना क्रांति के इस युग में जबकि घटना घटित होने से पूर्व ही विश्लेषण एवं निष्कर्र्ष संभव होने के दावे किये जा रहे हैं, एक नयी मासिक पत्रिका का प्रकाशक चौकाता तो है ही, साथ ही इससे स्पष्ट हो जाता है कि या तो प्रकाशक भावावेशी है अथवा एक सुनियोजित मस्तिष्क, किन्तु व्यवसायिक बिल्कुल भी नहीं। निश्चय ही यह कदम एक सुनियोजित योजना का प्रथम पग है। सैंकड़ो राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक पत्र-पत्रिकाओं, चैनलों, प्रकाशनों, सेमिनारों, जनर्लों व पुस्तकों आदि के बाद भी अगर ‘डॉयलाग’ की आवश्यकता है तो क्यों? क्या अब तक के डॉयलाग अधुरे थे? अथवा उनके निष्कर्ष अप्रभावी? शायद ऐसा नहीं है। हमारा उद्देश्य किसी वाद, विचारधारा, दर्शन अथवा मत को बड़ा या छोटा करना नहीं है, न ही उसे नकारना अथवा उसको महत्वह...
Justified plea for merging Railway Budget with Union Budget

Justified plea for merging Railway Budget with Union Budget

आर्थिक
Justified plea for merging Railway Budget with Union Budget प्रिय दोस्तों, सूचना क्रांति के इस युग में जबकि घटना घटित होने से पूर्व ही विश्लेषण एवं निष्कर्र्ष संभव होने के दावे किये जा रहे हैं, एक नयी मासिक पत्रिका का प्रकाशक चौकाता तो है ही, साथ ही इससे स्पष्ट हो जाता है कि या तो प्रकाशक भावावेशी है अथवा एक सुनियोजित मस्तिष्क, किन्तु व्यवसायिक बिल्कुल भी नहीं। निश्चय ही यह कदम एक सुनियोजित योजना का प्रथम पग है। सैंकड़ो राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक पत्र-पत्रिकाओं, चैनलों, प्रकाशनों, सेमिनारों, जनर्लों व पुस्तकों आदि के बाद भी अगर ‘डॉयलाग’ की आवश्यकता है तो क्यों? क्या अब तक के डॉयलाग अधुरे थे? अथवा उनके निष्कर्ष अप्रभावी? शायद ऐसा नहीं है। हमारा उद्देश्य किसी वाद, विचारधारा, दर्शन अथवा मत को बड़ा या छोटा करना नहीं है, न ही उसे नकारना अथवा उसको महत्वहीन या महत्वपूर्ण साबित करना। हम स...